07/05/11

नारी यह रास्ता तो बहुत अच्छा हे हम भी तेरे साथ हे.....

मै रोजाना कि तरह पहले मेल चेक करता हुं फ़िर समाचार पढता हुं, आज इस समाचार पर नजर पडी तो , इसे पुरा पढा ओर यह समाचार सच मे मन मे बस गया... काश हमारे देश मे सभी नारिया ऎसा करे, काम कोई कठिन नही, लेकिन बहुत से संगठन बाते तो बहुत करते हे नारी आजादी की... लेकिन तोडते तिन्का भी नही, ओर देश मे कानून की धज्जिया सरे आम उडाई जाती हे....

आईये आप भी एक नजर इस खबर पर डाले.... इस खबर को पढने के लिये यहां किल्क करे.. मै इस महिला को नमन करता हुं

एक कोशिश हिम्मत भरी...

 

26 comments:

  1. ....बहुत ही प्रशंसनीय कार्य है!...एक महत्वपूर्ण शिक्षाप्रद आलेख!

    ReplyDelete
  2. दृढ़ व स्तुत्य प्रयास।

    ReplyDelete
  3. http://indianwomanhasarrived.blogspot.com/2011/05/blog-post_07.html

    is link ko bhi daekh lae apni apni jagah sab aavaj uthayae to baat bantee hi haen

    ReplyDelete
  4. इस प्रकार की कोशिश हर जगह होनी चाहिए | जानकारी का आभार |

    ReplyDelete
  5. इस महिला का काम प्रशंसनीय, प्रेरक और अनुकरणीय है।

    ReplyDelete
  6. इस महिला का काम प्रशंसनीय, प्रेरक और अनुकरणीय है।

    ReplyDelete
  7. प्रशंसनीय कार्य है कोशिश होनी चाहिए !

    ReplyDelete
  8. तारा अहलूवालिया बहुत ही नेक काम कर रही हैं, देश की नारियां उनसे प्रेरित हों, यही कामना है।
    आपका धन्यवाद, इस समाचार को हमारे लिए प्रस्तुत करने के लिए।

    ReplyDelete
  9. अनुकरणीय और प्रशंसनीय कार्य कर रही हैं ताराजी....... इस उम्दा आलेख को साझा करने का आभार

    ReplyDelete
  10. भाटिया जी , लिंक खुल नहीं रहा । बाद में पढता हूँ ।

    ReplyDelete
  11. महत्त्वपूर्ण प्रयास है तारा जी का. हमें भी इनसे अवगत करवाने का धन्यवाद.

    ReplyDelete
  12. अच्छा लिंक दिया वास्तव में ये प्रेरणा देने वाली बात है |

    ReplyDelete
  13. भाटिया जी नमस्कार,
    आप भी गजब-गजब खबर ढूंढ कर लाते हो।

    ReplyDelete
  14. कल तो खुल ही नहीं रहा था लिंक। आज पढ़ा।
    आप ब्लॉगजगत के अलावा भी नारी विषयक लेखों पर नज़र रखते हैं, जानकर खुशी हुई।
    पढ़ाने के लिए धन्यवाद।

    ReplyDelete
  15. मातृदिवस की शुभकामनाएँ!
    --
    बहुत चाव से दूध पिलाती,
    बिन मेरे वो रह नहीं पाती,
    सीधी सच्ची मेरी माता,
    सबसे अच्छी मेरी माता,
    ममता से वो मुझे बुलाती,
    करती सबसे न्यारी बातें।
    खुश होकर करती है अम्मा,
    मुझसे कितनी सारी बातें।।
    "नन्हें सुमन"

    ReplyDelete
  16. तारा जी को प्रणाम करता हूँ देश को ऐसे लोगों की जरूरत है ताकि समाज से गंदगी मिल सके..बहुत बढ़िया लिंक साझा की आपने..हम सब से..बहुत बहुत धन्यवाद

    ReplyDelete
  17. मातृदिवस की शुभकामनाएँ!
    बहुत अच्छी कोशिश रही! इस उम्दा आलेख के लिए बधाई!

    ReplyDelete
  18. तारा अहलूवालिया व कुसुम वाबत पारुल जी का आर्टीकल पढा । सही कहना है आपका बडे बडे लेख लिखेंगे कहानिया लिखेंगे और आपका मुहावरा पसंद आया तोडते तिनका भी नहीं ।

    ReplyDelete
  19. भाटिया जी , लिंक खुल नहीं रहा । बाद में पढता हूँ

    ReplyDelete
  20. भाटिया जी , लिंक खुल नहीं रहा । बाद में पढता हूँ

    ReplyDelete
  21. .

    Beautiful and very inspiring post Bhatia ji . Hats off to such wonderful women.

    .

    ReplyDelete
  22. वाह...अतिप्रशंसनीय !!!

    समाज में एक प्रतिशत महिला भी यदि ऐसी विचारधारा की हो जाएँ तो यह कुकृत्य समूल नष्ट हो जायेगा...

    बहुत बहुत आभार आपका इस प्रेरक पोस्ट/जानकारी के लिए...

    ReplyDelete
  23. वाह...अतिप्रशंसनीय !!!

    समाज में एक प्रतिशत महिला भी यदि ऐसी विचारधारा की हो जाएँ तो यह कुकृत्य समूल नष्ट हो जायेगा...

    बहुत बहुत आभार आपका इस प्रेरक पोस्ट/जानकारी के लिए...

    ReplyDelete
  24. वाकई प्रेरणास्पद...

    ReplyDelete

नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये