मै रोजाना कि तरह पहले मेल चेक करता हुं फ़िर समाचार पढता हुं, आज इस समाचार पर नजर पडी तो , इसे पुरा पढा ओर यह समाचार सच मे मन मे बस गया... काश हमारे देश मे सभी नारिया ऎसा करे, काम कोई कठिन नही, लेकिन बहुत से संगठन बाते तो बहुत करते हे नारी आजादी की... लेकिन तोडते तिन्का भी नही, ओर देश मे कानून की धज्जिया सरे आम उडाई जाती हे....
आईये आप भी एक नजर इस खबर पर डाले.... इस खबर को पढने के लिये यहां किल्क करे.. मै इस महिला को नमन करता हुं
आईये आप भी एक नजर इस खबर पर डाले.... इस खबर को पढने के लिये यहां किल्क करे.. मै इस महिला को नमन करता हुं
....बहुत ही प्रशंसनीय कार्य है!...एक महत्वपूर्ण शिक्षाप्रद आलेख!
ReplyDeleteyahi himmat aagaaz bane
ReplyDeleteदृढ़ व स्तुत्य प्रयास।
ReplyDeleteयही प्रयास होना चाहिए
ReplyDeletehttp://indianwomanhasarrived.blogspot.com/2011/05/blog-post_07.html
ReplyDeleteis link ko bhi daekh lae apni apni jagah sab aavaj uthayae to baat bantee hi haen
इस प्रकार की कोशिश हर जगह होनी चाहिए | जानकारी का आभार |
ReplyDeleteइस महिला का काम प्रशंसनीय, प्रेरक और अनुकरणीय है।
ReplyDeleteइस महिला का काम प्रशंसनीय, प्रेरक और अनुकरणीय है।
ReplyDeleteप्रशंसनीय कार्य है कोशिश होनी चाहिए !
ReplyDeleteतारा अहलूवालिया बहुत ही नेक काम कर रही हैं, देश की नारियां उनसे प्रेरित हों, यही कामना है।
ReplyDeleteआपका धन्यवाद, इस समाचार को हमारे लिए प्रस्तुत करने के लिए।
अनुकरणीय और प्रशंसनीय कार्य कर रही हैं ताराजी....... इस उम्दा आलेख को साझा करने का आभार
ReplyDeleteभाटिया जी , लिंक खुल नहीं रहा । बाद में पढता हूँ ।
ReplyDeleteमहत्त्वपूर्ण प्रयास है तारा जी का. हमें भी इनसे अवगत करवाने का धन्यवाद.
ReplyDeleteअच्छा लिंक दिया वास्तव में ये प्रेरणा देने वाली बात है |
ReplyDeleteभाटिया जी नमस्कार,
ReplyDeleteआप भी गजब-गजब खबर ढूंढ कर लाते हो।
कल तो खुल ही नहीं रहा था लिंक। आज पढ़ा।
ReplyDeleteआप ब्लॉगजगत के अलावा भी नारी विषयक लेखों पर नज़र रखते हैं, जानकर खुशी हुई।
पढ़ाने के लिए धन्यवाद।
मातृदिवस की शुभकामनाएँ!
ReplyDelete--
बहुत चाव से दूध पिलाती,
बिन मेरे वो रह नहीं पाती,
सीधी सच्ची मेरी माता,
सबसे अच्छी मेरी माता,
ममता से वो मुझे बुलाती,
करती सबसे न्यारी बातें।
खुश होकर करती है अम्मा,
मुझसे कितनी सारी बातें।।
"नन्हें सुमन"
तारा जी को प्रणाम करता हूँ देश को ऐसे लोगों की जरूरत है ताकि समाज से गंदगी मिल सके..बहुत बढ़िया लिंक साझा की आपने..हम सब से..बहुत बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteमातृदिवस की शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteबहुत अच्छी कोशिश रही! इस उम्दा आलेख के लिए बधाई!
तारा अहलूवालिया व कुसुम वाबत पारुल जी का आर्टीकल पढा । सही कहना है आपका बडे बडे लेख लिखेंगे कहानिया लिखेंगे और आपका मुहावरा पसंद आया तोडते तिनका भी नहीं ।
ReplyDeleteभाटिया जी , लिंक खुल नहीं रहा । बाद में पढता हूँ
ReplyDeleteभाटिया जी , लिंक खुल नहीं रहा । बाद में पढता हूँ
ReplyDelete.
ReplyDeleteBeautiful and very inspiring post Bhatia ji . Hats off to such wonderful women.
.
वाह...अतिप्रशंसनीय !!!
ReplyDeleteसमाज में एक प्रतिशत महिला भी यदि ऐसी विचारधारा की हो जाएँ तो यह कुकृत्य समूल नष्ट हो जायेगा...
बहुत बहुत आभार आपका इस प्रेरक पोस्ट/जानकारी के लिए...
वाह...अतिप्रशंसनीय !!!
ReplyDeleteसमाज में एक प्रतिशत महिला भी यदि ऐसी विचारधारा की हो जाएँ तो यह कुकृत्य समूल नष्ट हो जायेगा...
बहुत बहुत आभार आपका इस प्रेरक पोस्ट/जानकारी के लिए...
वाकई प्रेरणास्पद...
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