जब मे दिल्ली से लंडन की फ़लाईट मे चढा ओर अपना समान सेट कर के अपनी सीट पर अभी बेठा ही था, कि आवाज आई मुगफ़ली...... गर्मा गर्म मुगफ़ली..... रेबडी करारी रेबडी.... रोहतक की मशहुर रेबडी बाबू जी जल्दी खरीदिये सस्ती ओर सफ़र मै मजे दार ओर स्वाद.... ओर तभी हमारा जहाज रनवे की ओर रेंगने लगा, तो वो दो लडके झट से नीचे कुद कर दुसरे जहाज की ओर चले गये, अभी जहाज पाकिस्तान के ऊपर से गुजर रहा था ओर सामने से एयर ईडियां का जहाज आ रहा था, उस मै से कुछ लोग उतर कर हवा मे तेरते हुये हमारे जहाज कि तरफ़ आये, ओर मै उन्हे हेरानगी से देखता रहगया.
अंदर घुसते ही एक ने आवाज लगाई चाट चाट जी, करारी चाट, मसाले वाली करारी सवादिष्ट चाट.... तभी आवाज आई १० रुपये मै तीन १० रुपये मै तीन अजी सोचिये मत झट पट खरीद ले बाजार मे एक की कीमत २० रुपये हे, बस आप सब के लिये १० मै तीन नजदीक आने पर देखा तो पता चला कि वो तीन किताबे १० रुपये मे बेच रहा हे,मैने १०० ग्राम मुगफ़ली खरीदी ओर एक पाकेट गुड की रेवडी, ओर तीन पत्रिकाऎ. तभी दो लडके आवाज लगाते हुये आये.....चाय चाय.... गर्मा गर्म चाये, इलायची दुध वाली स्वादिष्ट चाय, अजी ऊपर सर्दी बहुत थी, कई लोगो ने खिडकियां खोल रखी थी, जिस से तेज ओर ठंडी हवा ने सर्दी ओर भी बढा दी,मैने एक बडा मग चाय भी खरीद ली.
अभी चाय का एक घुट ही पिया था कि तभी जहज मे शोर मच गया कि टी टी आ गया..... मुझे तो कोई डर नही था, मेरे पास टिकट था, टी टी ने कई लोगो को पकडा बिना टिकट, कई तो जुर्मना दे कर छुट गये, लेकिन कई बेचारो के पास पेसे ही नही थे, तो टी टी ने उन्हे ऊपर ही ऊतार दिया, फ़िर मेरे पास टिकट देखने आया, मैने जेब मै हाथ डाल तो मेरा पर्स गायब, फ़िर सब जेबे देखी लेकिन ना पर्स मिला ना टिकट ही, अब टी टी को कुछ कहता उस से पहले ही उस ने मुझे भी बाहर करना चाहा , ओर मै बोला सुनो सुनो........ मेरी बात तो सुनो...... तभी बीबी की आवाज आई अजी ६ बज गये उठो आज काम पर नही जाना क्या? ओर जनाब हम आंखे मलते मलते बिस्तर से ऊठे ओर इस सपने के बारे सोचते सोचते मुस्कुरा दिये, भाई भारतिया हे तो उसी के हिसाब से सपने देखते हे
majaa aa gaya...
ReplyDeleteबिल्कुल जी भारतीयों को ही ऐसे सपने देखने का हक है।
ReplyDeleteआनन्ददायक ।
ReplyDeleteहा हा हा मैंने भी सोचा की ये भाटिया जी भी कैसी सस्ती फ्लाईट में चढ़ गए
ReplyDeleteजी भारत में तो ट्रेन में चाय को चेय चेय बोलते है वो भी खास स्टाइल में | कभी कभी सपने वाकई बहुत मजेदार होते है |
ReplyDeleteहा-हा-हा ...रोचक और मज़ेदार पोस्ट।
ReplyDeleteहा हा ..मूंगफली की आवाज़ पर ही समझ आ गया था कि स्वप्नलोक में हैं आप ...
ReplyDeleteइससे यह पता चलता है कि अभी तक आप भारत यात्रा की यादों में ही खोए हैं। बहुत खूब।
ReplyDeleteण्क आर फिर दुहराया जाय, सच हो फिर से यह सपना.
ReplyDelete... rochak ... chat-pati post !!!
ReplyDeleteएक बार ट्रेन टिकट के दाम बढने दो, फिर देखना लोग हवाई जहाज से ही सफर करेंगे और ऐसा ही होगा। वैसे भी सुबह-सुबह देखे सपने सच हो जाते हैं।
ReplyDeleteबढिया रहा सपना।
ReplyDeleteसपने तो आखिर सपने हैं । अच्छी पोस्ट , शुभकामनाएं । पढ़िए "खबरों की दुनियाँ"
ReplyDeleteराज भाटिया जी,
ReplyDeleteपोस्ट पढ़ते हुए सोच रहा था कि कब से हवाई जहाज में ऐसी सेवाएं शुरू हो गईं ! अच्छा हुआ भाभी जी ने आपको जगा दिया वरना .....
मजेदार पोस्ट !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
बड़ा मुश्किल है, हैंग ओवर अब तो उतर जाना चाहिये, देसी का।
ReplyDeleteहा-हा-हा.... बेचारे पाकिस्तानियों की ऐसी औकात कहाँ कि हवाई जहाज में भी चाट पपड़ी बाँट सके , उन्हें मौक़ा मिलेगा तो आर दी एक्स और AK-४७ बेचने लगेंगे !
ReplyDeleteha ha ... bahut mazedaar...
ReplyDeletemere blog par bhi kabhi aaiye
Lyrics Mantra
हाँ हम लोगों को तो ऐसे ही सपने आते हैं :)..बढ़िया मजा आया.
ReplyDeleteये आवाजें ना सुनाई दें तो सफ़र का मजा नहीं आता....सपने में ही सही
ReplyDeleteरोचक पोस्ट!
ReplyDeleteवाह! मजा आ गया!...... चाट मूंगफली..... हवाई यात्रा में!......
ReplyDeleteथोड़ी देर और सोते तो शायद आप हम जैसे बलोगरो से भी मिल लेते |
ReplyDeleteक्या सच में पर्स गायब था . अच्छा हुआ जल्दी उठ गये ..... नही तो हवा मे ही उतरना पडता
ReplyDelete.
ReplyDeleteभाटिया जी ,
आप दुनिया के सबसे हसीन सपने देखते हैं। इस अलौकिक स्वप्न की बधाई।
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हा-हा-हा...मजेदार पोस्ट !
ReplyDeleteहा हा हा आपने सपना सच ही देखा है। कुछ डोमेस्टिक फ़्लाईट हैं ऐसी ही जिसमें रेवड़ी,बिस्कुट,मुंगफ़ली बेची जाती है।
ReplyDeleteआपका सपना बहुत मजेदार रहा.end में राज खुला तो वाक़ई हंसी आ गई.
ReplyDelete:) :) :)
ReplyDeleteमजा आ गया भाटिया साहब!...आखिर में जब आपने बताया कि आपको नींद से जगाया गया...तब मानों हम भी नींद से जाग गए और हवाई जहाज फूर्र..र्र..र्र करता हुआ उड गया!..हा, हा,हा!
ReplyDeleteकपूर साहब आप को बहुत याद करते है...हम लोग जर्मनी आने का प्रोग्राम बना रहे है...आप से तब जरुर मुलाकात होगी!
मज़ेदार है भाटिया साहेब, आप को ये जानकार ताज्जुब होगा कि मैं असलियत में ऐसे एक हवाई जहाज कि यात्रा कर चूका हूँ...
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