11/12/10

एक जरुरी सुचना

नमस्कार आप सभी को जी, केसे हे आप सब , बात यह हे कि मै जब भी रोहतक ब्लांग मिलन की दुसरी किस्त डालने लगता हुं कोई नया पंगा तेयार मिलता हे,कभी मच्छरी( मच्छर के काटने से कोई बीमार नही होता सच मे) ने काट लिया तो डेंगू होगा लेपटाप को, तो कभी शव्द सही नही बेठते, आज पता चला कि हमारा नाम ही चोरी हो गया, जी हां हमारा सीधा साधा नाम raj bhatia या Raj Bhatia,अभी अभी मेल चेक कर रहा था तो देखा कि इंदु जी मेरे से बज्ज पर खुब बाते कर रही हे, यानि चेट, मेने दिमाग पर बहुत जोर दिया कि बाबा यह सब बाते कब हुयी? फ़िर ध्यान से देखा कि कोई मेरे नाम को तोड मोड कर, उन से बाते कर रहा हे, यह देखिये उन महाशय का आई डी..R@j Bh@tia, वेसे तो मुझे कोई दिक्कत नही, मैने कोन सा यह नाम अपने नाम रजि करवा रखा हे,ओर कोन सा सिर्फ़ मेरे अकेले का नाम हे, लेकिन आप सब को यह बताना जरुरी हे कि आप मेरे से बात करते समय किसी ओर से बात कर रहे होंगे मेरे भुलावे मे, इस लिये मेरे से चेट करने से पहले ध्यान से देख ले की यह हम ही हे, ओर मै हमेशा अपना नाम सीधा साधा लिखता हुं. ओर यह सज्जन R@j Bh@tia कोई ओर हे, जिन्हे मै नही जानता, मेरी तो फ़ोटू भी दिखती हे, लेकिन फ़ोटू  तो कोई भी चुरा सकता हे.
इंदु जी से बात हुयी तो उन्होने कहा कि वो तो मुझे ही समझ कर इन से बात कर रही थी ,इस लिये(सवारी) ब्लांगर अपने समान का खुद जिम्मेदार होगा, ड्राईवर या कंडेकटर की कोई जिम्मेदारी नही,
धन्यवाद

27 comments:

  1. अपने सामान की सुरक्षा हम ही करेंगे, हा हा हा हा। सूचना के लिए आभार।

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  2. वैसे तो भगवान् ना करे आप पे गुस्सा आये लेकिन अगर आया तो R@j Bh@तिया पे निकाल लिया करूँगा.. घर मै सभी को बता दें...

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  3. लगता है भाटिया शब्द में कुछ है.
    इससे पहले आईना ब्लॉग वाले श्री जगदीश भाटिया की आइडेंटिटी नाम व फोटू समेत किसी विदेशी ने चुरा ली थी!

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  4. राज साहब,
    यह तो जोरदार पंगा है।

    आभार आपने जाग्रत किया। सभी को सावधान रहने की आव्श्यकता है।

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  5. बिल्कुल सही सवारी अपने सामान की खुद जिम्मेदार है।

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  6. बगैर सामान की सवारी है हम तो ,कोइ क्या ले लेगा|

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  7. ,इस लिये(सवारी) ब्लांगर अपने समान का खुद जिम्मेदार होगा, ड्राईवर या कंडेकटर की कोई जिम्मेदारी नही,

    मुझे एक बात समझ में नही आती जब कार घर में है तो बस में क्यों सफ़र करना?

    रामराम.

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  8. आजकल id और मेल बॉक्स की चोरी भी खूब हो रही है. आभार आपने आगाह कर दिया.

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  9. यह कौन है भाई जो नाम का दुरुपयोग कर रहा है।

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  10. बड़े धोखे हैं इस राह में, बाबूजी धीरे चलना...।

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  11. सच में संभलने की ज़रुरत है.......जानकारी का आभार

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  12. सचमुच जरूरी सूचना दी है आपने, हम भी संभल कर रहेंगे...आभार।

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  13. राज़ जी बधाई .....ऐसे किस्से सबके साथ नहीं होते ...आप तो किस्मत वाले हैं ...
    वो बातचीत भी यहाँ छाप देते तो हम भी आनंद लेते .....

    सच्च कहूँ आपकी पोस्ट पढ़कर ताऊ जी का ख्याल पहले आया था ....

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  14. सूचना देने का शुक्रिया ..अपने सामन की खुद ही ज़िम्मेदारी उठाएंगे जी ..

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  15. वाह.. बहुत खूब... यूं भी होने लगा... धन्य है चोर भी..

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  16. अजी कोई क्या ले जाएगा...खाली हाथ आए हैं, खाली हाथ चले जाना है...:)

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  17. अपनी सुरक्षा अपने हाथ ..हमारी मानिये तो तुरंत पासवर्ड बदल डालिए ...

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  18. कमाल है! न जाने क्या क्या हो रहा है आज कल।

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  19. हिन्‍दी ब्‍लॉगर का भी क्‍लोन
    चलिए अब नहीं लेना पड़ेगा लोन
    अविनाश मूर्ख है

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  20. बधाई भाटिया जी यह सम्मान सबको नसीब नहीं, केवल महत्वपूर्ण लोगों को ही।

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  21. राज जी,
    अब आप इतने पापुलर हो गए हैं कि आपको अपना नाम भी पेटेंट करा लेना चाहिए...

    आगाह करने के लिए शुक्रिया...

    जय हिंद...

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  22. बाप रे ,कोई और कुछ न कर धर डाले :)

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  23. इंटरनेट की दुनिया है जी, प्रत्‍यक्ष मिलने और फोन संपर्क के अलावा इस दुनिया में संपर्क छलावा हो सकता है इस बात का भान हमें पिछले दिनों तब लगा जब एक दबंग व्‍यक्तित्‍व नें नोयडा के यादव सरनेम के साथ हमारे एक मित्र के साथ हमारी सारी सही जानकारी शेयर करी और उन्‍हें कहा कि मैं उनके पास नौकरी करता था :) उन्‍होंनें उस मित्र से अपनी नजदीकियां बढ़ाने की सभी कोशिसे की, आईपी झोले में जो लोकेशन आया वह चौंकाने वाला रहा, अपने आदम खोल में एक आदमी कई कई खोल ओढ़े रहता है।

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  24. इंटरनेट की दुनिया है जी, प्रत्‍यक्ष मिलने और फोन संपर्क के अलावा इस दुनिया में संपर्क छलावा हो सकता है इस बात का भान हमें पिछले दिनों तब लगा जब एक दबंग व्‍यक्तित्‍व नें नोयडा के यादव सरनेम के साथ हमारे एक मित्र के साथ हमारी सारी सही जानकारी शेयर करी और उन्‍हें कहा कि मैं उनके पास नौकरी करता था :) उन्‍होंनें उस मित्र से अपनी नजदीकियां बढ़ाने की सभी कोशिसे की, आईपी झोले में जो लोकेशन आया वह चौंकाने वाला रहा, अपने आदम खोल में एक आदमी कई कई खोल ओढ़े रहता है।

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  25. हा हा हा
    ऐसा कैसे हो सकता है.ये तो अच्छा हुआ कि वो महाशय अप शब्द नही बोले वरना मैं तो ये ही मानती कि आपने मुझे गाली दी. हा हा हा
    उनके डियर और यार शब्द से मेरा माथा ठनका.
    चलता है.जीवन में ऐसे लोग भी कुछ सिखाने ही आते हैं.
    आगे से इस यात्री के सामान का जिम्मा......मेरा नही आपका ही होगा.
    आपके होते मैं फालतू का टेंशन कयों रखूं?
    बोलिए...बोलिए.

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नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये