बात यह है कि मेरे दोनो हाथो की ह्थेलियो मै बहुत गर्मी रहती है, कुछ दिनो से, मुझे दो चार सप्ताह पहले बहुत सख्त जुकाम हो गया था, तो मैने एंटी बायटिक खाई थी,क्या उस के कारण है या कोई अन्य कारण, वेसे मै पिस्ता, काजू बहुत खाता हुं, पिस्ता महीने मै दो किलो ओर काजू भी इतने ही, लेकिन पहले कभी ऎसा नही हुआ था, अब तो मेरे हाथो मै बहुत ही गर्मी निकलती है,कोई देशी दवा हो तो बताये, ओर यह क्यो होता है यह भी जरुर बताये अगर किसी को पता हो तो.
धन्यवाद
क्या हाथ में खूब पसीना भी हो रहा है ? अगर हाँ तो यह स्ट्रेस का लक्षण है -डाक्टर के परामर्श से लिब्रिंयम आदि ट्रेन्क्वेंलायिजर ले सकते हैं
ReplyDeleteजर्मनी के डोकटर हमसे कम तर तो हो ही नहीं सकते है |इस लिए हमारी सलाह शायद काम ना आये |
ReplyDeleteराज़ भाई साहब ,
ReplyDeleteइस मामले में अपना ज्ञान ज़रा सीमित ही है ........सो इतना ही कह सकते है कि अपना ख्याल रखियेगा !
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !
लो जी बीमारी आपको है और कारण भी आपको मालूम है तो इलाज हमसे क्यों पूछते हैं? जब आप महिने में दो दो किलो काजू और पिस्ते खावोगे तो गर्मी तो आपको ही फ़ूटेगी हमको नही. हमको तो महिने भर में दो दो दाने काजू पिस्ते के नही मिलते.
ReplyDeleteअब आपने पूछ ही लिया है तो इलाज भी बता देते हैं क्योंकि हमारा दिल बहुत ही कोमल है और आपकी तकलीफ़ देखी नही जाती सो नोट कर लिजिये:- सबसे पहले तो काजू पिस्ते इस उम्र मे इस मात्रा में खाना बंद करिये और खासकर काजू...इसके बाद शनिवार का व्रत किजिये..
शनिवार के व्रत की विधि:-
सुबह देर से सोकर उठिये. फ़िर नहा धोकर एक लकडी के पट्टे पर सिर बर्मुडा पहनकर नंगी पीठ बैठिए. बस आपको तो इतना ही करना है उसके बाद का काम भाभी को करना है.
भाभी जी तेल पिलाया हुआ मेड-इन-जर्मन लठ्ठ दोनों हाथों से पकड लें और हाथ की गर्मी दूर भगाय नमै: मंत्र का सात बार उच्चारण करते हुये आपकी पीठ पर दे मारें. इस तरह घुमा घुमा कर मंत्र जाप करते हुये चार चार लठ्ठ हर घंटे आपको शाम तक मारती रहें. आपको दिन भर वहीं पट्टे पर ही बैठे रहना है. ना तो पट्टे से हिले डुले और ना कुछ खाये पीयें. यह व्रत खाली पेट ही करना है.
यह साधना थोडी मेहनत की है पर अगर आपने सात शनिवार यह व्रत कर लिया तो जीवन में फ़िर कभी हाथों में गर्मी या खुजली नही चलेगी. और अन्य रोग विकार भी शांत होकर मन निर्मल और शांत हो जायेगा. यह व्रत अवश्य करें, आपके जिन इष्ट मित्रों को भी यह तकलीफ़ हो उन्हें भी अवश्य करवायें...ग्यारंटेड फ़ायदा होगा, टेस्टेड व्रत है.
रामराम
ताऊ जी के इलाज बता देने के बाद अब हम क्या इलाज बता सकते हैं!
ReplyDeleteक्या भाटिया साहब, लोगो से पूछ रहे हो मेरे से पूछो ; शाम को सात बजे से ९.३० बजे के बीच रेड वाइन के दो पटियाला देहीरे धीरे खींचा करे हफ्ते में तीन बार , सब ठीक हो जाएगा :) :)
ReplyDeleteवैसे एज अ सीरिअस नोट : सोते वक्त कडुवा तेल मलें हाथों पर , और काजू पिस्ता कम ही खाएं !
ड्राई फ्रूट्स फिलहाल बंद ही करे ....जिअतानी केलोरीस की हमें जरुरत है उससे कही ज्यादा लेने से मेटाबोलिक एक्टिविटीस का बेलेंस बिगड़ जाता है ....एंटीबायोटिक्स के काफी साइड इफेक्ट्स में से यह भी है ...आप दिन में १५-२० ग्लास पानी पिया कीजिये और ठंडी तासीर के फलों का सेवन करे ....आपको ज़रूर आराम होगा !
ReplyDeleteये तो बस मित्रवत परामर्श है ...लेकिन तकलीफ बनी रहे तो डॉक्टर को ज़रूर बताए ....शुभकामनाए !
बूढी पथराई आँखें .....रानीविशाल
ताऊजी वाला इलाज ही कीजिये।
ReplyDeleteउनका आजमाया हुआ है और गारन्टी भी ले रहे हैं :)
प्रणाम
ताऊ जी ने इलाज बता ही दिया है, एक बार आजमा लीजिये हा हा हा हा हा हा . वैसे एक बार डॉक्टर की सलाह लेना ठीक रहेगा.
ReplyDeleteregards
ताऊ जी पिस्ता ओर काजू तो मै कई सालो से खा रहा हुं, फ़िर दिल के मरीज के लिये यह दोनो ही बहुत अच्छॆ है यह मेने कही पढा था, बाकी अर्विंद जी यह स्ट्रेस तो मुझे देख कर खुद ही भाग जाता है, ऎसी कोई बात नही, क्योकि मेने जिन्दगी मै उअतनी ही जरुरते पाल रखी है जिन्हे मै पुरा कर सकूं,उधार ओर दुशमनी बिलकुल नही, काम का बोझ भी बिलकुल नही... लेकिन फ़िर भी मै डा० से सलाह जरुर करुंगा २४ को जाना है, रानी विशाल जी आप का धन्यवाद,
ReplyDeleteअब ताऊ की सलाह मानाने के लिये पहले बीबी को लठ्ठ पकडना सिखाना पडेगा, ओर इतनी हिम्मत भी देनी पडेगी:)
चलिये हम भी लाभान्वित हो गये।
ReplyDeleteभाटिया जी बिल्कुल ही एक सीधासाधा आसान सा नुस्खा बताता हूँ....सिर्फ 2-3 दिन में समस्या खत्म..
ReplyDeleteएक काम करें कि मुश्क कर्पूर (Camphor) के एक टुकडे को एलोवेरा के गूदे में अच्छी तरह से रगडकर हाथों पर मल लें और डेढ दो घंटे ऎसे ही रखें, बाद में ठंडे पानी से धो लें, साबुन इत्यादि न लगाएं...सिर्फ 2 दिन करेंगें तो तीसरे दिन समस्या का नामोनिशान भी नहीं मिलेगा..पक्का.
आपके बताने के साथ साथ अब ताऊ जी ने जो बताया हम वो भी मानेंगे! बहुत लाभ हुआ आपके इस पोस्ट के दोरान!
ReplyDeleteआज से सात-आठ वर्ष पूर्व ऐसी ही समस्या से मैं भी ग्रस्त था बस अंतर यह था कि मेरे हाथ और पैर दोनों में ही गर्मी/पसीना बहुत रहता था. किसी के कहने पर खूब पानी पीना शुरू किया. एक-दो महीने में ही समस्या से निजात मिल गयी.
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इसलिए मुझे रानी विशाल जी की सलाह उपयोगी लग रही है. आजमा के देखिये.
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वैसे संभव हो तो वत्स जी का गारंटी वाला इलाज भी कर सकते हैं. ठीक न होने पर जो भी खर्चा आये उसका बिल वत्स जी को भेज दीजियेगा.
आपके बहाने इन टिप्पणियों में हमें भी जानकारी मिल गयी.... धन्यवाद भाटिया जी ...
ReplyDeleteआप प्याज़ घिस कर उसका रस अपने पैरों के तलवे में लगायें... देखिये...ज़रूर आराम मिलेगा...
ReplyDeleteअपने चिकित्सक को अपने खान पान के बारे में बताएं काजू तो कम ही खाएं। वहाँ का मौसम कैसा है इसपर भी निर्भर करेगा आपकी समस्या का निदान ।
ReplyDeleteताई जी को आपने जो जर्मन लट्ठ भेजा था उसी का बदला तो नहीं चूका रहे ताऊ जी !!
ReplyDeleteइसलिए ताऊ जी वाले फार्मूले के साइड इफेक्ट का भी ध्यान रखें वरना गर्मी हथेली से निकलकर पीठ पर आ जाएगी !!
पोस्ट के साथ टिप्पणियां भी ध्यान से पढ़ीं...वत्स जी ने अच्छा उपाय बताया है और इतने काजू-पिस्ते खाना तो बिलकुल ही सही नहीं है...कृपया अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें
ReplyDeleteताऊ के इलाज में बस इतना और एड कर लें कि आपकी कमीज के पीछे भी लिखवा लिजिये कि यदि मैं काजू और पिश्ता खाता दिखूँ तो कृपया मुझे दो लट्ठ मारिये. यह सर्वथा लीगल है और आप पर कोई कार्यवाही नहीं की जायेगी.
ReplyDeleteबस!! हथेली से तो क्या...शरीर से ही पसीना गरमी सब निकलना बंद हो जायेगी.
मंगलकामनाएँ....आपके लिए नहीं लट्ठबाजों के लिए.
ये कौन गर्म कर गया हथेलियाँ है आपकी?
ReplyDeleteन 'वेल्थ' है 'कॉमन' वहां, न सरकार अपने "साब" की.
मेरी राय यही है कि आप डॉ.ताउ रामपुरिया से इलाज करवाएं... हर बीमारी का तोड उनके पास है ...उपर से कन्सलटेशन मुफ्त में है!
ReplyDeleteताऊ तोरे चरण कमल पर वारी!
ReplyDeleteताऊ जी से बच के रहना वर्ना अभी तो हाथो से गर्मी निकल रही है और अगर ये गर्मी आपके दिमाग में चढ गयी तो पूरा घर गरम हो जायेगा.
ReplyDeleteअब ये तो काजू पिस्तो का असर है भुगतना तो पड़ेगा ही. बरफ हाथ में लेकर चलिए और कोई चारा नहीं.
और हाँ ताऊ जी मिलें तो बरफ दे मारिये.
ReplyDeleteताऊजी वाला इलाज ही कीजिये।
ReplyDeleteवत्स जी ने बहुत सही इलाज बताया है...इसके अलावे आप मंदार (अड़हुल , जिससे माँ दुर्गा तथा काली की पूजा की जाती है) के कुछ फूलों को पीसकर भी हथेली पर लगा सकते हैं.इस पेस्ट को आधे घंटे तक हथेली पर लगाये रखने से बेहद लाभ होता है.....अधिक से अधिक तीन दिन ही लगानी पड़ेगी यह..
ReplyDeleteहाँ,इतने मात्र में काजू पिसते खाना तो बहुत ही हानिकारक है..अधिकतम पांच दाने से अधिक एक दिन में नहीं खाना चाहिए...
अब तो तबियत ठीक ही हो गई होगी....
ReplyDelete....लगता है आप अब तक डोक्टर की ही तलाश में है....ऑल द बेस्ट...लगे रहिए!
ReplyDeletemeve waise garam hi hote hai ,lekin ab tak to aapko kafi salah mil gaye hai aur unse aaram bhi mil gaya hoga .
ReplyDeleteमैं तो यही कहूँगा राज भाई, नीम हकीम खतरा-ए जान, लेकिन आप की ब्लॉग जगत में सक्रियता को देख कर हैरान हूँ इतना समय कैसे सबको देते हैं मुझे भी बताएँ मैं भी ऐसा करना चाहता हूँ । आपको नई पोस्ट का पता कैसे चलता है, खासकर तब जब मुझ जैसे आलसी व्यक्ति कई महीनों बाद कुछ लिखते हैं।
ReplyDeleteराज़ जी ,
ReplyDeleteताऊ जी का इलाज़ सुनकर तो हंसी रुकी ही नहीं .....
सच इन्हें मैं तो नुस्खे की एक दूकान अपने ब्लॉग पे लगाने का न्योता दे आई हूँ ....
सबका भला होगा ....उधर डॉ दराल जी यूँ ही सबको सलाह देते रहते हैं ताऊ जी ही काफी हैं इलाज के लिए तो .....
पिसते का तो पता नहीं पर काजू में कैलेत्रोल बहुत ज्यादा होता है जो दिल के मरीज के लिए ठीक नहीं ....उसके बदले आप बादाम क्यों नहीं लेते .....
बाकि अगर डॉ दराल जी से सलाह लें तो अच्छा है .......!!
भाटिया जी , आप ये काजू पिस्ता हमारे पास भिजवा दें , आपकी सारी गर्मी दूर हो जाएगी ।
ReplyDeleteशर्तिया इलाज़ है । एक बार आजमा कर देखें ।
itne nuskhe ! !itne meve !
ReplyDeletedaktar sahb ko bta hi dijiye .
घबड़ाइए नहीं राज साहब ..माल आने वाला है! शिघ्र ही आपको लम्बी रकम हाथ लगने वाली है! भविष्यवाणी सच हो तो बता जरूर दीजिएगा.
ReplyDeleteनुस्खे तो काफी मिल गये आप जल्द ही स्वास्थ्य लाभ करें इस शुभ कामना के साथ ।
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