आज का विचार, हम सब कई बार गुस्से मै, लडाई मै, किसी के लेख पर, या किसी ओर बात पर दुसरो को बहुत गलत बोल देते है, बिन सोचे बिन समझे कि जो गलती दुसरे ने की, वोही गलती मै भी कर रहा हूं, उस के शव्दो से मुझे कितना कष्ट पहुचा तो क्या मेरे शव्दो से उसे नही कष्ट पहुचेगा, ओर बाद मै हम अपने किये पर पछताते है...
तो लिजिये आज का विचार...
एक आदमी का किसी बात को ले कर अपने घर वालो से झगडा हो गया, ओर उस ने अपने भाईयो को खुब गन्दी गन्दी गालिया दे दी, रात को जब उस का गुस्सा उतरा तो उसे अपनी गलती का आहसास हुआ, ओर वह सुबह सुबह अपने पिता के पास गया ओर बोला की कल घर पर मैने अपने भाईयो को खुब गन्दी गन्दी गालिया दी है अब माफ़ी मांगना चाहाता हूं.
पिता ने कहा बेटा ऎसा करो अन्दर जा कर थोडा सा नमक ले आओ, वह आदमी अन्दर गया ओर घर से थोडा सा नमक ले आया, फ़िर पिता ने कहा अब इस नमक को घर की छत से चारो ओर बिखेर दो पिसा हुया नमक लडके ने छत से चारो ओर नीचे फ़ेक दिया ? पिता बोले जायो अब सारा नमक ले आओ, लडका जब गया नमक लेने तो वह सब तो मिट्टी मै मिल चुका था.
तो पिता ने समझाया कि जिस परकार अब नमक को इकट्टा करना नामुमकिन हे उसी परकार मुह से निकले शव्दॊ को वापिस लेना मुस्किल है, इस लिये जब भी किसी को बोलो सोच समझ कर बोलो
एक सत्य जो अक्सर याद नही रहता .यह वह फार्मूला आपने याद कराया जिसे अपनाकर व्यक्ति महान तो नही महान को श्रेणी मे तो आ ही सकता है .
ReplyDeleteजबान व्यक्तित्व का वो आईना है कि कोई भी दरार सब कुछ मिटा देती है |
ReplyDeleteसचमुच sadvichaar !
ReplyDeleteइस सद्विचार की सब से अधिक जरूरत अंतुले महाराज को है।
ReplyDeleteसत्य वचन महाराज्।
ReplyDeleteजब भी किसी को बोलो सोच समझ कर बोलो
ReplyDelete"सत्य और अनमोल वचन "
regards
शायद यही है तोल मोल के बोल. अछा लगा.
ReplyDeleteसही बात याद दिलाने का धन्यवाद
ReplyDeleteहर बार की तरह आपकी लेखनी ने जादू बिखेरा है
ReplyDeleteआपने बहुत ही सटीक बातें बतायी ......कभी कभी हमलोग इसका ध्यान नहीं रखते हें।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और उपयोगी शिक्षा !
ReplyDeleteरामराम !
सही कहा आपने, तौल कर बोलने से कई बातों के बिगड़ने की नौबत ही ना आए.
ReplyDeletebahut sahi chintan.....maafi maangne se zahar ka asar nahi jaata,gaali zahar ke jaisa hi hota hai......
ReplyDeletesunder vichar !
ReplyDeleteसही कहा भाटिया जी। वाणी का संयम बहुत बड़ा तप है।
ReplyDeleteसत्य वचन
ReplyDeletebilkul sahi bat kaha aapne!
ReplyDeletesty or anmol vachan!
तोल मोल के बोल सत्य अनमोल कटु सत्य ....
ReplyDeleteपहले तोलो फिर बोलो -सच लिखा है.सफल और चिंता रहित जीवन का मूलमंत्र.
ReplyDeleteसही बात कही है आपने। सोच समझकर कोई भी बात बोलनी चाहिए।
ReplyDeleteबहुत ही सही उदाहरण के साथ समझाया है.......बहुत अच्छा लगा पढ़ कर..
ReplyDeleteभाटिया जी, बिल्कुल सही एवं जनोपयोगी शिक्षा प्रदान करने हेतु साधुवाद स्वीकार करें.
ReplyDeletedhanyawaad achhee shikshaa ke liye
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