17/11/08

काम की बाते

सहन शील....
इतने भी सहन शील ना बनो की दुशमन अपनी दुष्टा से आप को दुख देता जाये,
************************************
भगवान की प्राप्ति...
हमे भगवान की प्राप्ति के लिये वन वन घुमने , या तपस्या करने की जरुरत नही, बस हमारा मन बिलकुल शुद्ध होना चाहिये..... रविदास जी।
*******************************************
भगवान के हाथ देने के लिये हमेशा खुले है, लेने के लिये हमे मेहनत तो करनी ही होगी.... गुरु नानक देव जी

31 comments:

  1. वाकई काम की बाते है ये |

    ReplyDelete
  2. बहुत शिक्षादायक उपदेश ! शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  3. सारे लोग समझ लें तो दुनिया चमन बन जाये।

    ReplyDelete
  4. ये दुष्टा कौन है भाटिया जी ..आप बताये ना बताएं हम तो जानते हैं !

    ReplyDelete
  5. इतने भी सहन शील ना बनो की दुशमन अपनी दुष्टा से आप को दुख देता जाये,--sach hai..
    भगवान की प्राप्ति..mN changa to kathoti mein ganga--isee ko kahtey hain

    ReplyDelete
  6. बहुत अच्‍छी बातें बतलायी आपने।

    ReplyDelete
  7. सुबह सुबह प्रेरक बाते पढ़ दिन भर हौसला मिलेगा..

    धन्यवाद भाटिया जी..

    ReplyDelete
  8. सहन शीलता - सच में काटो मत पर फुंफकारने को किसने मना किया है!

    ReplyDelete
  9. सहन शील....
    इतने भी सहन शील ना बनो की दुशमन अपनी दुष्टा से आप को दुख देता जाये,acchhi baat...

    ReplyDelete
  10. सहन शील....
    इतने भी सहन शील ना बनो की दुशमन अपनी दुष्टा से आप को दुख देता जाये,
    " kya sehnsheelta insaan ko bhut dyneey bnaa daitee hai kee koee bhee julm pr julm krta jaye...aaj aapkee shabon se lg rha hai kee yhee hotta hai, sach kha aapne.."

    Regards

    ReplyDelete
  11. शठे शाठ्यम समाचरेत
    दुष्ट के साथ दुष्ट्ता ही करनी चाहिए .

    ReplyDelete
  12. प्रेरक बातें हमेशा प्रेरित करती हैं,
    सभी अच्छी प्रेरणाओं के लिए शुक्रिया!

    ReplyDelete
  13. बहुत काम की बात है।
    एक दम सही भी है।

    प्रेरीत करते रहीये।

    ReplyDelete
  14. अरे वाह बडी अच्छी अच्छी बातें सिखाई जारही हैं . आभार !

    ReplyDelete
  15. भगवान को किसने देखा है। पर यदि वह कहीं है तो, अपने माता-पिता की सेवा तथा दीन-दुखियों के जितना भी काम आ सकें, यही उसे खुश करने के लिए काफी है।

    ReplyDelete
  16. मैं इस बात पर सौ प्रतिशत सहमत हूँ.......
    बहुत सही

    ReplyDelete
  17. जीवन जीना सिखाने वाली बातें...वाह.
    नीरज

    ReplyDelete
  18. bahut kaam ki batein hai agar ye papi mann mane to :-)

    ReplyDelete
  19. भाटिया जी वाह
    मानने व ढालने वाली बातें
    साधुवाद

    ReplyDelete
  20. समझने की कोशीश जारी है भाटिया जी !! वैसे बातें पुरी काम की है!!

    ReplyDelete
  21. अच्छी बातें बताई आपने .धन्यवाद

    ReplyDelete
  22. बातें मेरे से होकर गुजरी लगती हैं याद दिलाने का धन्यवाद

    ReplyDelete
  23. sukhi jivan jine ki kala sikhane wala, shikshaprad lekh!...padhhkar bahut achchha laga!...dhanyawad!

    ReplyDelete

नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये