सहन शील....
इतने भी सहन शील ना बनो की दुशमन अपनी दुष्टा से आप को दुख देता जाये,
************************************
भगवान की प्राप्ति...
हमे भगवान की प्राप्ति के लिये वन वन घुमने , या तपस्या करने की जरुरत नही, बस हमारा मन बिलकुल शुद्ध होना चाहिये..... रविदास जी।
*******************************************
भगवान के हाथ देने के लिये हमेशा खुले है, लेने के लिये हमे मेहनत तो करनी ही होगी.... गुरु नानक देव जी
वाकई काम की बाते है ये |
ReplyDeleteप्रेरक बातें।
ReplyDeleteबहुत शिक्षादायक उपदेश ! शुभकामनाएं
ReplyDeleteसारे लोग समझ लें तो दुनिया चमन बन जाये।
ReplyDeleteये दुष्टा कौन है भाटिया जी ..आप बताये ना बताएं हम तो जानते हैं !
ReplyDeleteइतने भी सहन शील ना बनो की दुशमन अपनी दुष्टा से आप को दुख देता जाये,--sach hai..
ReplyDeleteभगवान की प्राप्ति..mN changa to kathoti mein ganga--isee ko kahtey hain
बहुत अच्छी बातें बतलायी आपने।
ReplyDeleteसुबह सुबह प्रेरक बाते पढ़ दिन भर हौसला मिलेगा..
ReplyDeleteधन्यवाद भाटिया जी..
sahi sachhi baat sundar
ReplyDeleteसहन शीलता - सच में काटो मत पर फुंफकारने को किसने मना किया है!
ReplyDeleteसहन शील....
ReplyDeleteइतने भी सहन शील ना बनो की दुशमन अपनी दुष्टा से आप को दुख देता जाये,acchhi baat...
सहन शील....
ReplyDeleteइतने भी सहन शील ना बनो की दुशमन अपनी दुष्टा से आप को दुख देता जाये,
" kya sehnsheelta insaan ko bhut dyneey bnaa daitee hai kee koee bhee julm pr julm krta jaye...aaj aapkee shabon se lg rha hai kee yhee hotta hai, sach kha aapne.."
Regards
शठे शाठ्यम समाचरेत
ReplyDeleteदुष्ट के साथ दुष्ट्ता ही करनी चाहिए .
प्रेरक बातें हमेशा प्रेरित करती हैं,
ReplyDeleteसभी अच्छी प्रेरणाओं के लिए शुक्रिया!
बहुत काम की बात है।
ReplyDeleteएक दम सही भी है।
प्रेरीत करते रहीये।
अरे वाह बडी अच्छी अच्छी बातें सिखाई जारही हैं . आभार !
ReplyDeleteप्रेरक बातें।
ReplyDeletejankari ke liye aabhar.
ReplyDeleteभगवान को किसने देखा है। पर यदि वह कहीं है तो, अपने माता-पिता की सेवा तथा दीन-दुखियों के जितना भी काम आ सकें, यही उसे खुश करने के लिए काफी है।
ReplyDeleteअच्छा बताया जी... शुक्रिया।
ReplyDeletedhanyvaad in prerak baato ke liye...
ReplyDeleteमैं इस बात पर सौ प्रतिशत सहमत हूँ.......
ReplyDeleteबहुत सही
जीवन जीना सिखाने वाली बातें...वाह.
ReplyDeleteनीरज
bahut kaam ki batein hai agar ye papi mann mane to :-)
ReplyDeleteभाटिया जी वाह
ReplyDeleteमानने व ढालने वाली बातें
साधुवाद
समझने की कोशीश जारी है भाटिया जी !! वैसे बातें पुरी काम की है!!
ReplyDeleteअच्छी बातें बताई आपने .धन्यवाद
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteबातें मेरे से होकर गुजरी लगती हैं याद दिलाने का धन्यवाद
ReplyDeletesukhi jivan jine ki kala sikhane wala, shikshaprad lekh!...padhhkar bahut achchha laga!...dhanyawad!
ReplyDeleteअति सुंदर
ReplyDelete