फ़ेस बुक के कारनामे अजीब अजीब होते हे, हमारे यहां जर्मनी मे एक बच्ची अपना १६वां जन्म दिन मनाना चाहती थी, उस ने अपने सभी दोस्तो को वैसे तो स्कूल मे, ओर फ़ोन पर सुचित कर दिया था, फ़िर उस ने फ़ेस बुक पर भी अपने दोस्तो को अमत्रित किया, ओर दोस्तो से पूछा कि कोन कोन आना चाहता हे कृप्या अपना नाम लिखवा दे..... लेकिन यह क्या, दुसरे दिन सुबह जब इस बच्ची ने फ़ेस बुक पर अपना खाता खोला तो वहां १५ हजार लोगो ने अपना नाम दर्ज करवा दिया था,
अब यह बच्ची डर गई ओर अपने मां बाप को बतलाया कि मेरे से एक छोटी सी भुल होगई, मैने फ़ेस बुक पर प्राईवेट पार्टी नही लिखा था, ओर यह देखो करीब १५ हजार लोगो ने आना हे अब... मां बाप भी यह देख कर घबरा गये, ओर सब से पहले पुलिस को सुचित किया, फ़िर फ़ेस बुक पर अपनी गलती सुधारी.
शाम को करीब २,३ हजार लोग फ़िर भी आ गये, आने वाले अपने साथ खाने पीने का समान तो लाये साथ मे तोहफ़े भी लाये, वहां पुलिस को भी अपनी डुयटी देनी पडी ओर उस बच्ची के घर के चारो ओर की सडको पर खुब भीड हो गई, लोगो ने खुब मजे से यह पार्टी मनाई, लेकिन बच्ची को मां बाप ने पहले ही दादी के घर भेज दिया था, ओर लोग शुभकानाये दे रहे थे , पडोसी पहले हेरान परेशान हुये, फ़िर नाराज हुये, जब सारी बात पता चली तो सब ने मिल कर इस पार्टी का मजा लिया.
यहां युरोप मे ऎसी पार्टी वगेरा पर मेहमान खुद ही थोडा थोडा बना कर ले आते हे, ओर फ़िर सब मिल कर खुब मजा लेते हे
अब यह बच्ची डर गई ओर अपने मां बाप को बतलाया कि मेरे से एक छोटी सी भुल होगई, मैने फ़ेस बुक पर प्राईवेट पार्टी नही लिखा था, ओर यह देखो करीब १५ हजार लोगो ने आना हे अब... मां बाप भी यह देख कर घबरा गये, ओर सब से पहले पुलिस को सुचित किया, फ़िर फ़ेस बुक पर अपनी गलती सुधारी.
शाम को करीब २,३ हजार लोग फ़िर भी आ गये, आने वाले अपने साथ खाने पीने का समान तो लाये साथ मे तोहफ़े भी लाये, वहां पुलिस को भी अपनी डुयटी देनी पडी ओर उस बच्ची के घर के चारो ओर की सडको पर खुब भीड हो गई, लोगो ने खुब मजे से यह पार्टी मनाई, लेकिन बच्ची को मां बाप ने पहले ही दादी के घर भेज दिया था, ओर लोग शुभकानाये दे रहे थे , पडोसी पहले हेरान परेशान हुये, फ़िर नाराज हुये, जब सारी बात पता चली तो सब ने मिल कर इस पार्टी का मजा लिया.
यहां युरोप मे ऎसी पार्टी वगेरा पर मेहमान खुद ही थोडा थोडा बना कर ले आते हे, ओर फ़िर सब मिल कर खुब मजा लेते हे
यह भी खूब रही!!
ReplyDeleteरोचक वर्णन !!!
ReplyDeleteयहां के समाचार पत्रों ने भी इस खबर को प्रकाशित किया है !!
ReplyDeleteअरे वाह..
ReplyDeleteये भी मजेदार रहा.
ReplyDelete.
ReplyDeletelol...interesting..
sweet and silly girl.
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एक हमारे यहाँ के लोग है, जो किसी के जन्मदिन आदि पर जाते ही खाने के लिये है।
ReplyDeleteक्या शानदार जन्मदिन रहा होगा।
बहुत ही रोचक घटना..
ReplyDeleteare waah... badi achchi party rahi. hamare desh mein to police dande maarkar bhaga chuki hoti mehmaanon ko.
ReplyDeleteअरे वाह,बहुत बढ़िया !
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
वाह! सामाजिकता का नायाब नमूना!
ReplyDeleteआपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
ReplyDeleteआज के खास चिट्ठे ...
वाह! इसे फेसबुक पार्टी नाम दे सकते हैं।
ReplyDeleteवैसे सब लोग खुद खाना साथ ले कर आएँ तो यहाँ भारत में ऐसी पार्टियाँ रोज होने लगें।
ReplyDeleteमज़ेदार रही ये बात भी.
ReplyDeleteKitne achhe mehaman the wo log, kash idhar bhi hote
ReplyDeleteबड़ी मज़ेदार गलती रही ।
ReplyDeleteएक दम मजेदार ...रोचक ...!
ReplyDeleteहा हा हा... यह भी मजेदार रहा!!!
ReplyDeleteवाह ऐसा हो तो क्या बात है।
ReplyDeleteपार्टी तो वाकई अच्छी ही हुई होगी :)
ReplyDeletedesh paraya lekin fir bhi ladkiyon ke liye shayad dunia ki sari jaghe ek saman hai..bachchi ko uski dadi ke yahan bhej diya.....khair party majedar rahi ....rochak hai..
ReplyDeleteयही भी खूब रही....
ReplyDeleteआपके जर्मनी के लोग तो बहुत सुसंकृत है | अगर यंहा भी ऐसा होने लगे तो रोज पार्टी होने लग जाए |
ReplyDeleteरोचक
ReplyDeleteजब खाना-पीना मेहमान ही ले आते हैं तो घबराने की क्या बात थी। एक मंच बनवाकर सबकी बधाईयां लेनी थी।
यहां तो तोहफा भी ये देखकर खरीदा जाता है कि मेजबान क्या खिलायेगा :)
प्रणाम
आज सुबह ही ये खबर टीवी पर देखा मुझे तो लगा की लड़की को डरना नहीं चाहिए था ये तो मजेदार पार्टी थी वो भी तब जब मेहमान खुद ही खाने पिने के लिए कुछ लेकर आये थे और साथ में उपहार भी लाये थे :)
ReplyDeleteगलती जरूर हुई लेकिन कुल मिलाकर आयोजन मजेदार रहा होगा।
ReplyDeleteअरे वाह ...मजेदार वाकिया ...
ReplyDeleteहाँ मैंने भी ओरिजिनल स्टोरी पढी थी -हद है !
ReplyDeleteबच्चों की नादानी ... कभी कभी भारी पढ़ जाता है ...
ReplyDeleteफेसबुक जो न करवा दे
ReplyDeleteparty ka badhiya raha.. apna saath lao.. college ke din yaad a gaye.. kharcha apna apna dosti pakki.
ReplyDeleteयह भी खूब रही।
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