हमारा देश पुराने समय से ही दानियों का देश रहा है. यहाँ कुपात्र सुपात्र नहीं देखे जाते. हमने तिब्बत चीनीओं को दान कर दिया. आधा कश्मीर दुसरे देशों को दान कर दिया. अखंड भारत के विभिन्न अंगों को जाने किसे किसे दान कर दिया . आज गुड फ्राई डे के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं आपको !!
सब गांधी जी की औलादें हैं न । एक गाल पर थप्पड़ मिले तो दूसरा आगे कर दो , लेकिन उफ़ न करो।
यहाँ बड़े-बड़े कारखानों में बिजली की आपूर्ति नहीं है , उत्पादन , खपत से काफी कम है , जिसके कारण बिजली महँगी है और समान भी महंगे हैं। grid failure हो रहे हैं । लोग बिजली की कमी से छटपटा रहे हैं, लेकिन भारत-भूमि की ऋषि संतानें किसी दानवीर कर्ण से कम नहीं ।
नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये
खुद के घर में अँधेरा और दूसरों को भाई लोग उजाला दे रहे हैं ....
ReplyDeleteआपने जो कहावत लगा दिया है शीर्षक में वही पूरी कथा बयान कर जाता है। इसके आगे कुछ कहना ही नहीं है।
ReplyDeleteअरे हम तो हैं ही महान ...
ReplyDeleteमाँ तै चोथी-चोथी बेटे बिटौडे बख्शें
ReplyDeleteप्रणाम
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ReplyDeleteआपके किसी भी ब्लॉग पर टिप्पणी करते वक्त उपरोक्त लिंक की साईट खुलती है जी
क्या चक्कर है??
प्रणाम
na amma, na dane, na bharat na pakistaan......
ReplyDeleteaajkal to har sirfira
ban ne ko aatur hai shrimaan....
सही तो है
ReplyDelete"घर में नहीं है दाने अम्मा चली भुनाने "
अब अम्मा को तो ऐसे ही अच्छा बनना पड़ेगा न ?
सुबह खबर पढ़कर मेरे मस्तिष्क में भी यही बात कौंधी थी कि खाने को आटा नहीं, शौक नवाबो वाले !
ReplyDeleteभारत को भी कभी कभी दानदाता बनने देना चाहिए |
ReplyDeleteअजी गाँधी भी तो ६५ करोड़ दिलवाने के लिए अनशन कर रहे थे, गाँधी के भक्त क्या इतना भी न करेंगे ??
ReplyDeleteबिलकुल सही... अपने यहाँ समस्याएं क्या कम हैं....?
ReplyDeleteसटीक शीर्षक ...यही हो रहा है
ReplyDeleteअब जब वोट का सवाल हो तो कुछ भी करेगा.. वह लात मारे हम कालीन हो जाते हैं....
ReplyDeleteजय परोपकारी जीव।
ReplyDeleteबिलकुल सही मुहावरा है !
ReplyDeleteऐसे समाचार पढ़कर ऐसे ही उदगार आते हैं।
ReplyDeleteघर का पूत कंवारा डोले,
ReplyDeleteपाडोसी का फेरा पाडे.
हो सकता है इस सस्ती डील में ऊपर का कुछ कमीशन मिल रहा हो किसी को...............जो कुछ दिन बाद एक घोटाले के रूप में पता चले.
ReplyDeleteइसे कहते है चिराग तले अँधेरा
ReplyDeletehttp://blondmedia.blogspot.com/2011/04/blog-post.html
दानवीरता इस देश की परम्परा रही है ! इसी का नाम भारत वर्ष है और दानी अपनी दशा नहीं देखते !
ReplyDeleteहमारा देश पुराने समय से ही दानियों का देश रहा है. यहाँ कुपात्र सुपात्र नहीं देखे जाते. हमने तिब्बत चीनीओं को दान कर दिया. आधा कश्मीर दुसरे देशों को दान कर दिया. अखंड भारत के विभिन्न अंगों को जाने किसे किसे दान कर दिया .
ReplyDeleteआज गुड फ्राई डे के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं आपको !!
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ReplyDeleteसब गांधी जी की औलादें हैं न । एक गाल पर थप्पड़ मिले तो दूसरा आगे कर दो , लेकिन उफ़ न करो।
यहाँ बड़े-बड़े कारखानों में बिजली की आपूर्ति नहीं है , उत्पादन , खपत से काफी कम है , जिसके कारण बिजली महँगी है और समान भी महंगे हैं। grid failure हो रहे हैं । लोग बिजली की कमी से छटपटा रहे हैं, लेकिन भारत-भूमि की ऋषि संतानें किसी दानवीर कर्ण से कम नहीं ।
" घर फूंक तमाशा देख "
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सच है ....शायद ऐसा कर के हम अपने अहं को दुलरा लेते हैं ......आभार !
ReplyDeleteकहावत सटीक लगाई है आपने ,वाह.
ReplyDeleteयही हो रहा है...बिलकुल सही
ReplyDeleteतन पर नहीं लत्ता, दूसरों को पान खाए अलबत्ता...(साभार अनूप शुक्ल)
ReplyDeleteज़िंदगी झंड बा, फिर भी घमंड बा...
जय हिंद...
आखिर दानवीर कर्ण की धरती है यह...।
ReplyDeleteशीर्षक का व्यंग्य सब कुछ कह रहा है।
आखिर दानवीर कर्ण की धरती है यह..
ReplyDeleteराम-राम जी,
ReplyDeleteये भारत अजीब निराला है, यहाँ हर कहीं गडबड घोटाला होता ही रहता है।
इन नेताओ की चले तो आधे कश्मीर की तरह, आधा देश ही पाकिस्तान बना दे।
राज भाटिया जी, मैं तो मानता हूँ कि हमारे इर्द गिर्द ऐसे बहुत सारे महाज्ञानी गधे रहते हैं. इन्ही लोगों का तो तंत्र है, मतलब लोकतंत्र.
ReplyDeleteraj ji
ReplyDeleteyahi to hote aa raha hai , kayi barso se,, islilye hamare desh me aaj bhi 5 lakh gaanv me bijli nahi hai ..
bahut acchi baat kahi aapne ..
badhayi
मेरी नयी कविता " परायो के घर " पर आप का स्वागत है .
http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/04/blog-post_24.html
ाब क्या कहें सरकार को अपने घर मे पूरी पदती नही और पडोसियों को आमन्त्रण। शुभकामनायें।
ReplyDeleteमहान है हम....
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