आज ब्लाग परिवार पर जब मे अन्य ब्लाग देख रहा था, तो इस ब्लाग पर नजर पढी, अब सारे ब्लाग तो कोई नही पढ सकता, लेकिन जब हेडिंग पढी तो अच्छा लगा, फ़िर सारी पोस्ट पढी तो वोट देने से रुक नही पाया, अगर आप भी अपनी वोट देना चाहे तो...
कल प्रधानमन्त्री जी का व्यक्तव्य सुना तो दिल बाग़ बाग़ हो गया. सुनकर ख़ुशी के आंसू बहने लगे. प्रधानमंत्रीजी के कथन से सुनकर लगा देश वाकई तरक्की कर रहा है. बताइये एक “लाचार” और “मजबूर आदमी” देश का प्रधानमन्त्री बन गया है तो मेरे अन्दर भी उत्साह की तरंगें हिलोरें मारने लगीं . एक उम्मीद बंधी की बेटा मुनीष अब तुम्हारा भी नंबर लग सकता है प्रधानमंत्री बनने का. मैं भी बहुत मजबूर और लाचार आदमी हूँ , और सच तो ये है की मेरी लाचारियत प्रधानमंत्रीजी से मिलती भी है. वो गठबंधन के आगे मजबूर हैं, मैं भी संबंधों को निभाने के लिए मजबूर हूँ. वो भी एक महिला के आगे नतमस्तक हैं मैं भी एक महिला के आगे नतमस्तक हूँ. उनकी सरकार में उन्ही की नहीं चलती मेरे घर में भी मेरी ही नहीं चलती. उनसे देश की व्यवस्था नहीं संभल रही है और मुझसे मेरे घर की व्यवस्था नहीं चलती. आप माने या न माने में भी प्रधानमन्त्री बनने लायक हूँ. वोट देने के लिये यहां जाये
कल प्रधानमन्त्री जी का व्यक्तव्य सुना तो दिल बाग़ बाग़ हो गया. सुनकर ख़ुशी के आंसू बहने लगे. प्रधानमंत्रीजी के कथन से सुनकर लगा देश वाकई तरक्की कर रहा है. बताइये एक “लाचार” और “मजबूर आदमी” देश का प्रधानमन्त्री बन गया है तो मेरे अन्दर भी उत्साह की तरंगें हिलोरें मारने लगीं . एक उम्मीद बंधी की बेटा मुनीष अब तुम्हारा भी नंबर लग सकता है प्रधानमंत्री बनने का. मैं भी बहुत मजबूर और लाचार आदमी हूँ , और सच तो ये है की मेरी लाचारियत प्रधानमंत्रीजी से मिलती भी है. वो गठबंधन के आगे मजबूर हैं, मैं भी संबंधों को निभाने के लिए मजबूर हूँ. वो भी एक महिला के आगे नतमस्तक हैं मैं भी एक महिला के आगे नतमस्तक हूँ. उनकी सरकार में उन्ही की नहीं चलती मेरे घर में भी मेरी ही नहीं चलती. उनसे देश की व्यवस्था नहीं संभल रही है और मुझसे मेरे घर की व्यवस्था नहीं चलती. आप माने या न माने में भी प्रधानमन्त्री बनने लायक हूँ. वोट देने के लिये यहां जाये
"बहुत अच्छा" पे दे आये !!
ReplyDeleteअच्छा व्यंग्य पढ़वाने के लिए शुक्रिया
ReplyDeleteअपने घर के राष्ट्रपति होने के बावजूद भी
ReplyDeleteलिप्सा नहीं भरी!
आप प्रधान मन्त्री बन सकते हैं!
हम भी लाचार और मजबूर हैं……………मेरा नम्बर कब आयेगा?
ReplyDeleteशानदार व्यंग्य्।
वाह, बहुत बढ़िया व्यंग्य।
ReplyDeleteवाह,शानदार व्यंग्य्।
ReplyDeleteयह एक नयी योजना है जो भी लाचार और बेबस होगा उसे प्रधानमंत्री बना दिया जायेगा .....अच्छा है ..मुझे भी सोचना पड़ेगा
ReplyDelete.मै बहुत लाचार और मजबूर हूँ मेरा नम्बर भी आ सकता है
ReplyDeleteबहुत बढ़िया व्यंग्य :)
ReplyDeleteहा सब लाचारो का एक न एक दिन तो आयेगा ही |
ReplyDeletesir meri taraf me.vote pakki
ReplyDeleteएक दिन हम लाचारों का भी आएगा :) शानदार व्यंग.
ReplyDeleteव्यंग्य वाकई अच्छा है।
ReplyDeleteवह पद मिल जाये तो मैं भी मजबूर बन जाऊगा...
ReplyDeleteपूरा लेख पढ़ आये ...लाचार और मजबूर ...यदि योग्यता रख दी जाये तो करोड़ों लोग प्रधान मंत्री बनने की लाइन में होंगे
ReplyDeletesach kaha aapne...
ReplyDeleteशानदार व्यंग्य्.....बिल्कुल सही बात सामने लाये हैं....
ReplyDeleteलो जी आप तो एक प्रधानमंत्री चाहते थे यहाँ तो सौ करोड़ मिल गए।:)
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है, लेकिन सब व्यंग्य क्यों कह रहे हैं उसे? सच लिखा है सब।
ReplyDeleteयदि लाचार और मजबूर लोग प्रधानमन्त्री बनने के लिए eligible candidate हैं , तब तो आवेदन करने वालों की एक लम्बी फेहरिश्त तैयार की जा सकती है ।
ReplyDeleteऐड़ा बनके पेड़ा खावो देश जाए गड्ढे में. इतना मजबूर है तो स्तीफा क्यूं नहीं दे देता.
ReplyDeleteसटीक,
ReplyDeleteरामराम.
इस प्रकार के योग्य उम्मीदवारों से तो देश भरा पड़ा है|
ReplyDeleteआपका धन्यवाद लिंक के लिये
ReplyDeleteशानदार व्यंग्य है।
वोट भी दे आया हूँ।
प्रणाम
.व्यंग्य नहीं हकीकत है जिसे नरसिंघा राव जी ने प्रधान मंत्री पद से हट कर उजागर किया था कि,हम स्वतंत्रता के भ्रम जाल में जी रहे हैं.मनमोहन जी ने पद पर रहते हुए वह साहस दिखा दिया ,इसके लिए उन्हें धन्यवाद.
ReplyDeleteक्या बात है ?
ReplyDeleteJanta bhi to laachar hai vote dene ke liye kiya kren! badiya vyang
ReplyDelete‘आप माने या न माने में भी प्रधानमन्त्री बनने लायक हूँ.’
ReplyDeleteनिस्संदेह....मेरा वोट आप के लिए है.....
प्रधानमन्त्री बन जाने पर भूलिएगा नहीं...।
मुझे इस वक्तव्य में प्रधानमंत्री जी की साफगोई नजर आई, लेकिन यह जरूर चर्चा का विषय हो सकता है कि राष्ट्र प्रमुख के ऐसे वक्तव्य का देशवासियों पर क्या असर होगा.
ReplyDeleteशानदार!
ReplyDeleteलाजवाब!!
जल्दी प्रधान मंत्री बनिए भाटिया जी.आख़िर कोई तो ब्लॉगर साथी कभी प्रधान मंत्री बने.
ReplyDeletelagta hai Bharat desh mein 100 karor pradhaan mantri banne ki yogyata waale log rahte hain ...
ReplyDeleteham aap ko vote de rahe hai....information and agriculture minister bhi chu lijiye..... finance baad me dekha jayega...bahut sundar byang..badhayi
ReplyDeleteमजबूरी और लाचारी सिद्ध कर बेचारगी के चलते सहानुभूतियां बटोर लेना भी कोई आसान काम नहीं है जी :)
ReplyDeletebahut hi badhiya .
ReplyDeleteएक “लाचार” और “मजबूर आदमी” देश का प्रधानमन्त्री बन गया है ????????????
ReplyDeleteशानदार .................
शायद आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बुधवार के चर्चा मंच पर भी हो!
ReplyDeleteसूचनार्थ