आईये आज आप को एक मित्र( सुशील गुप्ता जी ) से मिलवाये, मुझे इन से मिलवाया था अंतर जी ने, ओर यह काम करते हे शाली मार बाग मे, तो मुझे एक दिन अंतर जी ने जब मे दिल्ली गया तो पूछा की इन मित्र की मदद कर सकते हे, हिन्दी का टूल इंस्टाल कर दे इन के पी सी पर, मैने कभी भी दुसरे पीसी पर हाथ नही चलाया, लेकिन इन के पीसी पर थोडी बहुत अडचन आई लेकिन टूल (बारहा) इंस्टाल नही हुआ,
फ़िर इन्होने ने पूछा कि अगर आप के पास समय हो तो मेरे लिये भी एक ब्लाग बना दे, अजी हम ने उस समय तो काम चलाऊ सा ब्लाग बना दिया, लेकिन दिल मे यही कसक थी कि यार ब्लाग किसी भी तरह से बने बनाना चाहिये था, ओर इन्हे ज्यादा समझा भी नही सका, फ़िर अंतर ने इन्होको एक हिंदी का टूल ईस्टाल कर दिया, इन्होने एक दो फ़िर चार पांच पोस्टे लिखे, लेकिन पढे कोन? जब कि इन्हे कोई जानता भी नही, ओर किसी एग्रिगेटर मे भी शामिल नही हे.
अब इन की एक नयी पोस्ट आई मुझे बहुत अच्छी लगी, लेकिन पता नही इन्होने खुद लिखी हे या कही से कापी पेस्ट की हे, जो भी हो हम सब को इन्हो का होस्सला बढाना चाहिये, तो चलिये इन के सुंदर विचार को पढे ओर अपने विचार इन्हे खुद इन के ब्लाग पर दे, धन्यवाद, नीचे इन की पोस्ट का कुछ हिस्सा..
हमने जरूर कुछ ऐसा किया है या कर रहे हैं जिसके कारण हम दुखी हैं। परमात्मा कभी भूल नहीं करते, प्रकृति कभी गलत नहीं करती। हम अपनी जिन्दगी को देखें, हमने जो भी कुछ दिया है, वही मिल रहा है।बाकी पढने के लिये यहां जाये ओर इन का होस्स्ला बढाए
फ़िर इन्होने ने पूछा कि अगर आप के पास समय हो तो मेरे लिये भी एक ब्लाग बना दे, अजी हम ने उस समय तो काम चलाऊ सा ब्लाग बना दिया, लेकिन दिल मे यही कसक थी कि यार ब्लाग किसी भी तरह से बने बनाना चाहिये था, ओर इन्हे ज्यादा समझा भी नही सका, फ़िर अंतर ने इन्होको एक हिंदी का टूल ईस्टाल कर दिया, इन्होने एक दो फ़िर चार पांच पोस्टे लिखे, लेकिन पढे कोन? जब कि इन्हे कोई जानता भी नही, ओर किसी एग्रिगेटर मे भी शामिल नही हे.
अब इन की एक नयी पोस्ट आई मुझे बहुत अच्छी लगी, लेकिन पता नही इन्होने खुद लिखी हे या कही से कापी पेस्ट की हे, जो भी हो हम सब को इन्हो का होस्सला बढाना चाहिये, तो चलिये इन के सुंदर विचार को पढे ओर अपने विचार इन्हे खुद इन के ब्लाग पर दे, धन्यवाद, नीचे इन की पोस्ट का कुछ हिस्सा..
जय श्री राम ज्ञानोदय जय श्री राम
परिचय का आभार।
ReplyDeleteपरिचय के लिये बहुत शुक्रिया जी.
ReplyDeleteरामराम.
आपका आभार..
ReplyDeleteधन्यवाद.
ReplyDeleteपरिचय के लिए धन्यवाद
ReplyDeleteपरमार्थ सुख.
ReplyDeleteएक नए , बेहतरीन ब्लोगर से मिलवाने के लिए आभार ।
ReplyDeleteआज परिचय का दिन है खुशदीप जी ने भी एक से परिचय कराया है।
ReplyDeleteपरिचय के लिये धन्यवाद। अभी जाते हैं वहाँ।
ReplyDeleteएक नए व्यक्ति को इस परिवार में शामिल करने के लिया आपका आभार
ReplyDeletethanks sir.is jankari ke liye
ReplyDeleteवहीं जाते हैं
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया सुशील गुप्ता जी से परिचय करवाने का.
ReplyDeletesushil ji milvane ke liye aabhar..
ReplyDeleteउत्तम बात कही उन्होंने !
ReplyDeleteनए दोस्त से परिचय कराने का आभार।
ReplyDeleteआप सभी का धन्यवाद, मेने सुशील जी को समझाया हे केसे टिपण्णी दे, आशा हे उन्हे समझ आ गया होगा, या जब अन्तर जी आयेगे तो वो उन्हे समझा देगे,फ़िर से आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया सुशील गुप्ता जी से परिचय करवाने का.
ReplyDeleteपरिचय कराने के लिए धन्यवाद!
ReplyDeleteआपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (12.02.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.uchcharan.com/
ReplyDeleteचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
एक नए व्यक्ति को इस परिवार में शामिल करने के लिया आपका आभार
ReplyDeleteपरिचय कराने के लिए आपका आभार !!!
ReplyDeleteपरिचय के लिए धन्यवाद
ReplyDeleteसुशील गुप्ता जी के उत्तम विचारों से परिचित कराने के लिए आभार...
ReplyDeleteपरिचय के लिये बहुत शुक्रिया जी.
ReplyDeleteaapka dhanaywaad
परिचय कराने के लिए आभार.
ReplyDeleteआप विदेश में रहते हुए भी हिंदी की जो अलख जगाए हुए हैं वह जज़्बा प्रणम्य है.
is parichaay ke liye saadar shukriya ...
ReplyDeleteparichaya ke liye dhanyawad....
ReplyDeleteसुशील गुप्ता जी का स्वागत है।
ReplyDeleteयह तो बड़ा अच्छा काम किया आपने। सुंदर विचार हैं ।
ReplyDeleteपरिचय कराने का आभार।
ReplyDeleteमिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा
ReplyDeleteधन्यवाद इसी तरह उत्साह वर्धन करते रहिए
नए ब्लोगर से परिचय कराने के लिए धन्यवाद !
ReplyDeleteसर जी, ये मैंने ही लिखा है और परसों लिखा है. एक दिन पहले पोस्ट किया था, पर दोबारा पोस्ट करना पड़ा. क्योंकि कमेन्ट बॉक्स शो नहीं कर रहा था. यदि आपने कहीं और देखा या पढ़ा है तो कृपया बताएं. धन्यवाद्. - मलखान सिंह.
ReplyDeletehttp://mydunali.blogspot.com
आपका आभार
ReplyDeleteलेख अच्छा लगा
प्रणाम