आज एक लेख मैने क्या सपने भी सच होते हैं ? -- Believe it or not ! ब्लाग पर देखा तो, पहले तो वहां टिपण्णी देनी चाही, लेकिन फ़िर सोचा कि टिपण्णी लेख से बडी ना हो जाये, हां मै यही कहुंगा कि कई बार हमारे सपने सच होते हे, मेरे बहुत से सपने सच हुये, जिन्हे मै बहुत पहले देख चुका था, लेकिन कई बार डर लगता हे कि कमबख्त यह सपना सच ना हो जाये, ओर कई बार मैने देखा हे कि अगर हम अपना सपना किसी को बता दे तो वो कम ही सच होता हे .
चलिये अब पुराने सपने लिखने लगा तो लगेगा कि यह शेख चिल्ली कहां से आ गया, लेकिन कई बार हमे अपने सपनो से बचाव का रास्ता मिल जाता हे, एक दो साल पहले मैने एक सपना रात को देखा कि मै परिवार के संग कही जा रहा हुं, सडक एक दम से खाली थी, लेकिन अचानक मेरे सामने एक कार आती हे...... उस के साथ ही मेरी आंख खुल जाती हे, दुसरे दिन दोपहर को मै अपने परिवार के संग जा रहा था अपनी कार से, ओर मै ही ड्राईव भी कर रहा था,ओर सपना अभी भी मेरी आंखॊ मे बसा था, एक जगह जा कर मुझे लगा कि यह जगह तो मेने रात को देखी थी सपने मे............... ओर मै कार को धीमे कर लेता हुं, मेरे पीछे काफ़ी दुर तक कोई कार नही थी, सामने तीन कारे आ रही थी, तभी मेरे पास जब सामने वाली कारे आई तो एक कार एकदम से मेरे सामने आ गई, अब बचने का कोई रास्ता नही था, अगर मेरी कार तेज होती, लेकिन मेने सपने मे जो देखा था उस के हिसाब से मैने कार पहले ही धीमे कर दी थी, इस लिये मैने झट से कार को राईट साईड मे दो पेडो के बीच रोक दिया, अब वो गधा तो वहां से चला गया, लेकिन सडक पर खुब भीड जमा होगई, ओर सभी ने मुझे बधाई ओर होस्सला दिया कि आप की सुझ बुझ से बहुत बडी दुर्घट्ना होने से टल गई.....मै काफ़ी देर गुमसुम खडा रहा फ़िर भगवान को धन्यवाद किया,यह सपना मैने अपने परिवार उस दिन को सुबह ही बता दिया था,ऒर इस दुर्घटना पर मेने यहां एक पोस्ट भी लिखी थी.
कल सुबह मैने एक सपना देखा किसी ने मेरे अडने पर मुझे ६ गोलिया मार दी, ओर फ़िर मेरी आंख खुल गई, अगर कभी ऎसा होता हे तो भी मै मरने वाला नही, क्योकि उन ६ गोलिया मारने वाले से जब मै बहस रहा था तो मैने उसे कहा कि तुम मेरे हाथ से नही बच सकते, इस समय चाहे मुझे मार दो फ़िर भी नही बचोगे, ओर उस ने झट से...... अब पता नही यह सपना सच होता हे या नही, लेकिन मेरे सभी नही तो काफ़ी सपने सच हुये हे,अगर यह सच होता हे तो मारने वाला तो मार कर चला गया, फ़िर मेरा वचन भी तो शेष हे:)
पता नही इस जिन्दगी मे कब क्या हो जाये? राम राम
सारे सपने सच भी नहीं होते
ReplyDeleteईश्वर न करे गोलियों वाला स्वप्न सच बने!!
ReplyDeleteपर, आपने सपने में गोलियां गिनी कैसे,पूरी छः
स्वपन तो हमें भी बहुत आते है पर कम्बख्त बताने के लिये याद ही नहीं रहते।:)
आपके सपने तो धरम पा जी जैसे आ रहे हैं :)
ReplyDeleteहाँ मैं भी मानता हूँ कि कई सपने सच होते हैं, चित्रशः. मगर शायद किसी विशेष परिस्थितियों में मष्तिष्क करता है इन्हें अरेंज संभवतः.
ReplyDelete@ सुज्ञ अजी जब उस ने गोलिया चलाई तो हम भी डट गये थे जब उस से पिस्तोल खोसी ओर उसे वापिस मारने लगे तो तो पिस्तोल खाली थी, फ़िर पता नही सपने मे ही लगा कि छे गोलिया लगी, ओर वहां से हम काफ़ी दुर तक तन के चले जेसे थोडी सी चोट लगी हो....फ़िर जब खुन देखा तो गिरने लगे...
ReplyDeleteसपने ...क्या बात है ...सच या झूठ कह नहीं सकते ....पर सभी सपने सच भी नहीं होते ..अंतिम पंक्तियाँ रोचक हैं ..शुक्रिया
ReplyDeleteकोई-कोई सपना सच्चा भी हो जाता है!
ReplyDeleteस्वप्न वो सच हों जो हम चाहें।
ReplyDeleteमुझे शायद सपना आए कि सपनों पर पोस्ट का सिलसिला शुरु होने वाला है, जो थमने का नाम ही नहीं ले रहा है.
ReplyDeleteखुली आँखों से जो सपने देखु वो सब सच हो जाये और जो बंद आँखों से देखी वो ना भी हो तो फर्क नहीं पड़ता |
ReplyDeleteसपनों की अपनी दुनिया है, क्या सच है, क्या कल्पना कुछ पता नहीं होता, तो गोलियों वाली बात भूल जाइये
ReplyDeletemai to kcu nahi lahunga, mere sath aisa kabhi kuch nahi huya hai
ReplyDeleteपता नही सपनों में क्या-क्या दिखता है? आपको पूर्वाभ्यास हुआ तो यह बड़ी बात है। लेकिन गोली नहीं लगेगी यह विश्वास है। अभी तो अग्रीगेटर चलाना है।
ReplyDelete.
ReplyDeleteभाटिया जी ,
मुझे तो यकीन है ही सपनों में। अक्सर पूर्वाभास होता है। कभी कभी स्वप्न में में और फिर कभी कभी जागते में भी ऐसा बहुत कुछ होने लगता है जिससे व्यक्ति को भविष्य का काफी कुछ अनुमान होने लगता है। यह बहुत कुछ आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है। यदि इस शक्ति पर focus करके इसको develop करें तो आसानी से घटनाओं का पूर्वानुमान किया जा सकता है।
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भगवान करे सभी के अच्छे सपने सच होते जाएं और बुरे सपने कभी सच न हों।
ReplyDeleteसपनो के ऊपर लोगो के अलग-अलग विचार हैं...कई बार ये पूर्वाभास सा भी प्रतीत होता है
ReplyDeleteपर...ये वाला सपना तो कभी सच ना हो...
सपनो का तो नहीं कह सकती पर कुछ अहसास जरुर होते हैं जो होनी का अंदेशा करा देते हैं .
ReplyDeleteजी हाँ सपने तब सच निकलते हैं जब आपने अनायास बिना किसी सोच-विचार के देखें हों और उनसे आपने बचाव करने में सफलता पाई यह अच्छी बात है.
ReplyDeleteआदरणीय भाटिया जी ,
ReplyDeleteनमस्कार !
सपनों की अपनी दुनिया है, क्या सच है
क्या कभी सभी सपने सच होते हैं?
ReplyDeleteप्रणाम
मुबारक हो आप की उम्र बड गई . हमारे यहा ऎसा मानते है इस तरह के सपने उम्र को बडा देते है
ReplyDeleteलोहड़ी तथा मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनायें..
ReplyDeleteसच भी हो सकते है और नहीं भी.....मगर भगवान करें अगर सच हो तो सिर्फ अच्छे सपने ही........
ReplyDeleteसपनो और पूर्वाभास में बड़ा महीन सा अंतर होता है |कभी कभी दोनों डगमदग भी हो जाते है |
ReplyDeleteवैसे सरे सपने सच भी नहीं होते |
deja vu ?
ReplyDeleteपर्याप्त योग करना करें. सघन निद्रा लें. बाक़ी प्रभु इच्छा.
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