मैने तो परिवार के लिये चार दिन की छुट्टी मांगी थी, लेकिन दोस्त लोग छुट्टी भी नही करने देते, हम भारतिया लोग ८०%(युरोप मे रहने वाले) अपनी संस्क्रति को साथ ही लाये हे, ओर आज भी हम उस पुरानी संस्क्रति को ही समभांले हे, जो हमे २० -३० साल पहले मिली थी, ओर हम लोगो के बच्चे दोनो संस्क्रतियो मे जन्मे पले हे, घर मे ओर जानपहचान वालो मे वो ३० साल पुरानी संस्क्रति को देखते हे, ओर बाहर पश्चिम की संस्क्रति को, लेकिन उन पर ज्यादा असर भारतिया संस्क्रति का ही होता हे, जब वो खुद तुलना करते हे तो उन्हे अपनी संस्क्रति ही अच्छी लगती हे.
हम मां बाप की कोशिश भी रहती हे कि हमारा बच्चा भारत मे ही अपने देश की लडकी/लडके से ही शादी करे, लेकिन अभी कुछ केसो को देख कर डर सा लगने लगा हे, वेसे इन गोरो की संस्क्रति भी खराब नही, इस लिये अब हम भारतियो ने बच्चो को खुले तोर पर नही लेकिन इशारा कर दिया कि अगर गोरो मे शादी करनी हो तो कोई बात नही लेकिन अपने देश मे शादी हो तो क्या कहने, ओर हम सब अपने बच्चो को भारत की अच्छी अच्छी कहानिया सुनाते थे इन के बचपन मे , ओर बताते थे कि शादी से पहले सेक्स अच्छा नही होता, ओर भगवान की दया से हम सब के बच्चे बहुत अच्छॆ निकले.
कल एक फ़ोन हमारे जान पहचान वालो का आया, बातो बातो मे उन्होने बताया कि (कल वाली पोस्ट) जिसे सुन कर मै थोडा हकाबका तो हुआ, लेकिन मैने उन्हे चुप रहने की सलाह दी, कि आप बेटी को कुछ मत कहे, क्योकि जहां तक हम जानते हे वो बहुत शर्मिली हे, लेकिन अंजान बन कर उस के दोस्तो पर ध्यान जरुर रखे, फ़िर सोचा कल अगर हमारे घर पर बेटे भी ऎसा करे तो??? कोई जबाब नही था मेरे पास, दोस्त ने कहा कि आप ब्लांग पर लोगो से इस बारे पुछे. तो सब का जबाब वही हे जो मैने उन्हे समझाया, मैने उन्हे एक बात ओर कही कि यहां युरोप मै १४,१५ साल के बच्चे के पास दोस्त होता हे, जब कि हमारे बच्चे शर्मिळे होते हे, या इन्हे हमारा डर होता हे, इस लिये हो सकता हे यह अकड मारने के लिये भी ऎसी हरकत करे कि मेरे पास भी दोस्त हे....... आगे राम जाने, बच्चे से बात करने पर बात बिगड भी सकती हे, बच्चा २० साल का हे, अलग भी रह सकता हे इस लिये मैने उन्हे चुप रहने मे ही भलाई समझी.
आप सब का धन्यवाद अपनी अपनी राय देने के लिये, सभी की राय बहुत पसंद आई , हमारा दोस्त ओर उन की बीबी भी इसे पढ चुकी होंगी, चलिये मै अपनी छुटियो पर चला, सभी को राम राम
राम राम जी राम राम
ReplyDeleteआपने सही कहा है ...अपना देश अपनी माटी , शादी भी हमें भारतीय तरीके और भारतीय से करनी चाहिए , खेर आज परिस्तितियाँ बदल रही हैं तो यह सब व्यक्तिगत निर्णय हैं ...शुभकामनायें
ReplyDeleteachchaa chintn or sujhaav he sikh dene vaala likha he . akhtar khan akela kota rajsthan
ReplyDeleteचलिये आपने अपने मित्र को बता दिया होगा. आशा है कि सब कुछ ठीक हो जायेगा..
ReplyDeleteजिस संस्कृति व संस्कार में पले हैं, उसके इतर विवाह करने में सामञ्जस्य की समस्यायें आ जाती हैं।
ReplyDeleteसभी को अपनी संस्कृति से प्यार होता है |कोइ भी अपनी संस्कृति को नहीं छोडना चाहेगा दूसरी संस्कृति का असर क्षणिक हो सकता है पर स्थाई नहीं |
ReplyDeleteचलो आपके मित्र को कुछ तो संबल मिला ही होगा।
ReplyDeleteप्रणाम
भारत में आपका स्वागत है।
ReplyDeleteसंस्कार संबंधी आपके ख्यालों से सहमत हूँ .... विरासत में मिले संस्कारों को हर हाल में बनाए रखना चाहिए .भारत में आपका स्वागत है .. आभार
ReplyDeleteआपने मित्रता निभाई .यह भी तो भारतीय संसकृति है .
ReplyDeleteअपनी संस्कृति पर गर्व होना ही चाहिए ... स्वागत है आपका भारत में .. आपकी यात्रा सुखद हो ..
ReplyDelete.
ReplyDeleteBon voyage !
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हमारे हाथ केवल इतना ही है कि हम बच्चों को अच्छे बुरे का ज्ञान बचपन से ही करते रहें,इसके आगे बच्चे अपने परिवेश से क्या ग्रहण करेंगे और क्या नहीं,इसपर हमारा अधिक वश नहीं...
ReplyDeleteबस ईश्वर से उनके सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना करते रहना चाहिए और क्या कर सकते हैं..
Apni sankriti apni hoti hain,hum chahe kahi bhi rahe.
ReplyDeleteये सच कहा है कि हमारे बच्चे अंत में अपनी संस्कृति की तरफ ही झुकते हैं ...में भी यही देख रहा हूँ
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