मैं अकेला ही चला था जानिबे मंजिल मगर
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया
04/10/10
मिट्ठी मिट्ठी बाते ओर मिट्ठा बोलने वालो से बच के रे बाबा...
कहते है हम मीट्ठा बोल कर किसी का भी दिल जीत सकते है ? मेरे ख्याल मै यह गलत है या सही, उस से पहले आप यह विडियो देखे फ़िर अपनी राय दे वो ही राय मेरी होगी जो आप की होगी....
जमाना ही ऐसे लोगो का है भाई साहब ! मगर दादी माँ भी कम अक्ल की निकली ! चारा खिलाते खिलाते रोज चुपके से एक एक कर दबोचती बजाये एक ही दिन AK 47 चलाने के !:)
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अरे रे ! बड़ा हिंसक बालक है.
ReplyDeleteओह्ह हद है दुष्टता की!!!!!!!!!
ReplyDeleteहम्म। कमाल है। आप सही हैं। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDeleteयोगदान!, सत्येन्द्र झा की लघुकथा, “मनोज” पर, पढिए!
बाप रे बाप राज भाई ....
ReplyDeleteडरा दिया आज आपने सुबह सुबह ...यह ग्रांड माँ सपने में भी न मिले तभी अच्छा होगा ! पसीना पोंछता हुआ बापस जा रहा हूँ !
सच में, डर गये।
ReplyDeletekya baat hai bhatiya ji yu ke dikha diya...?
ReplyDeleteओह मै भी डर गयी। यहाँ भी आपके बहुमूल्य विचारों की जरूरत है।
ReplyDeletehttp://veeranchalgatha.blogspot.com/
धन्यवाद।
जमाना ही ऐसे लोगो का है भाई साहब ! मगर दादी माँ भी कम अक्ल की निकली ! चारा खिलाते खिलाते रोज चुपके से एक एक कर दबोचती बजाये एक ही दिन AK 47 चलाने के !:)
ReplyDeleteचिट्ठाजगत नहीं खुल रहा कल से मेरे कंप्यूटर पर क्या आप लोग भी ऐसी ही दिक्कत महसूस कर रहे हैं ?
ReplyDeleteइसी लिए कहते हैं लालच में नहीं आना चाहिए ...दाना देख कर आ गए ...उफ़ ..बहुत बेदर्दी से मारा ..
ReplyDeleteअरे बाप रे ... आपका कहना सही है.....
ReplyDeleteये तो मीठी छुरी वाली कहावत है। मीठा बोलकर छुरा भोंकना इसे ही कहते हैं। यह बच्चा तालीबानी है क्या? या हिटलर की आत्मा प्रवेश हो गयी है इसमें?
ReplyDeleteOMG...हद्द हो गई.
ReplyDeleteOMG...हद्द हो गई.
ReplyDeleteबहुत ही भयानक है यह तो...
ReplyDelete...क्या स्टाईल है !
ReplyDeleteहे भगवान.
ReplyDeleteहे राम!
ReplyDeleteसबने हिंसक,भयानक,डरावना लिखा है,पता नही होगा या नहीं ---------मै देख नहीं सकती...इसलिये नहीं देखा...
ReplyDeleteभगवान् बचाए...कोई प्रेतात्मा का साया था शायद..
ReplyDeleteवैसे बच्चे ने बोला क्या था ...!
लाल टीका मीठी बानी,
ReplyDeleteदगाबाज की यही निशानी।
सही कहा आपने..... यह बड़ी डेंजर दादीमा हैं.....
ReplyDeleteआपने अच्छी सीख की बात कही.....
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मेरे ब्लॉग पर है किताबों की दुनिया...
http://chaitanyakakona.blogspot.com
हद है ...
ReplyDeleteआपने बिल्कुल सही कहा है! ये तो हद्द हो गयी!
ReplyDeleteहमारे यहाँ ऐसे लोग है ।
ReplyDeleteKhatarnaak...Baap re...
ReplyDeleteNeeraj
जरूरत से ज्यादा मीठा मधुमेह जैसी बीमारी को आमंत्रण देता है अती बुरी है |
ReplyDeleteअरे डरा दिया !!
ReplyDeleteअरे डरा दिया !!
ReplyDeleteबहुत डरावना है ये तो !!
ReplyDeleteहुंह...क्या कहें. डर ही गए...
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'शब्द सृजन की ओर' पर चिट्ठियों की बातें...
यही होता है आज के ज़माने मैं . पहले दाना डालो और फिर गोली मार भेजे मैं..इसलिए दाना डालने वालों से होशिआर. ख़ास कर युवा .
ReplyDeleteताऊ पहेली ९५ का जवाब -- आप भी जानिए
ReplyDeletehttp://chorikablog.blogspot.com/2010/10/blog-post_9974.html
भारत प्रश्न मंच कि पहेली का जवाब
http://chorikablog.blogspot.com/2010/10/blog-post_8440.html
खतरनाक मीठा !
ReplyDeleteउफ.
ReplyDeleteohh
ReplyDeleteआपने कहा है तो बचना ही होगा अब...
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'पाखी की दुनिया' के 100 पोस्ट पूरे ..ये मारा शतक !!
Bap re, aise bhee hote hain log!!!
ReplyDeleteBap re aise bhee hote hain log !!!
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