आज हम सब का मन बहुत उदास है, बार बार रोना आ रहा है, आज हमारा हेरी हमारे से बहुत दुर चला गया, कभी ना आने के लिये, पिछले दिनो बहुत ज्यादा बीमार पड गया था, लगातार उसे डा० के पास ले कर जाते रहे, लेकिन दवा से आराम तो नही आया, ओर फ़िर उस का पेशाब ही रुक गया, डा० ने चेक किया तो लगा की उसे सुजन आई है, लेकिन वो सुजन नही बल्कि ट्यूमर था, जो पेशाब को खोलने के दोराना फ़ट गया, पिछले इतवार को उस का छोटा सा अप्रेशन भी करना पडा एमर्जेंसी मै.
यह ऊपर वाला चित्र अप्रेशन के बाद का हे,फ़िर सारी रात इस की रखवाली की, ओर इसे कंबल से ढक कर सुलाना पडा कि कही इसे ठंड ना लग जाये,नीचे बेहोश हेरी का चित्र देखे.
सारी रात यह ऎसे ही पडा रहा, आंखे खुली लेकिन जिस्म सोया हुआ, बार बार सरकने की कोशिश करता था, क्योकि यह मेरे बेड के साथ ही सोता था, इस रात ना मै सोया ना ही मेरा हेरी, मै बार बार इसे समझाता कि अब तु ठीक हो जायेगा, फ़िर हम खेलेगे, ओर माथे पर हाथ फ़िराता.
लेकिन मेरा हेरी ठीक तो कहा उस की तबीयत ओर भी ज्यादा खारब हो गई, अब पेशाब की जगह खुन ही खुन आये, खाना तो इस ने पहले ही बन्द कर दिया था, लेकिन मै इसे कुछ ना कुछ जवर्द्स्ती या प्यार से खिला देता था, लेकिन आज तो इस ने खाने को देखा भी नही,लेकिन खुन खुब आये, हम ने सोचा की अप्रेशन के बाद शयाद खुन आता है, ओर सारे घर मै खुन ही खुन हम मियां बीबी साफ़ कर कर के थक गये लेकिन इस का खुन बन्द नही हुआ, दुसरे ओर तीसरे दिन ओर भी बढ गया, आज सुबह डा० को फ़ोन किया, ओर एमर्जेंसी दिखाया, तो डा० ने बताया कि इस के सुजन होती तो यह सोम बार तक ठीक हो जाता, लेकिन इसे ट्युमर है, ओर जिस हिसाब से इसे खुन आ रहा है, उस हिसाब से लगता है ट्युमर बहुत बडा है, ओर इस का बडा अप्रेशन करने से पहले इसे नशे का टीका देना पडेगा, ओर जानवरो को नशे का टीका इअतनी जल्द दे तो वो मर सकता है, ओर जरुरी नही ट्युमर निकाल कर यह जिन्दा बचे, ब्स एक ही इलाज है इसे इस दुख से बचने के लिये.... इसे हमेशा के लिये सुला दे...... हम ने हेरी की आंखो मै देखा जेसे वो यही चाहता हे, इतने दिनो से वो दुख सह रहा है, पता नही उसे कितना दुख हो रहा था, फ़िर हम सब ने आपस मै बात की मेरा बेटा भी साथ मे था, तभी डा० ने कहा आप अगर अपने कुते से प्यार करते हे तो आप यही करे जो मै कह रहा हुं, क्योकि इसे भी तकलीफ़ से छुटकारा मिल जाये गा....बहुत सोच समझ कर हम ने हां कि ओर हम सब बाहर आ गये.
हम सब क्या हमारे सारे मित्र गण भी बहुत उदास हो गये इस घटना को सुन कर, लेकिन पता नही आज सुबह मैने हेरी को बहुत अच्छी तरह से गीले कपडे से बिलकुल साफ़ किया, मुझे ओर मेरी बीबी को एक घंटा लगा, ओर हेरी भी मजे से सपंज करवाता रहा, अब मै भगवा से यही प्राथना करता हुं कि मैने अगर कोई अच्छा काम किया हो, मेरे सारे पुन्यो के बदले मेरे हेरी को कोई अच्छी जुनी मै जन्म दे, मेरा सब से अच्छा ओर प्यारा साथी, हमेशा मेरे साथ सोता था, आज के बाद कोई जानवर नही पालुंगा, बहुत दुख होता है, जब मेरा बडा बेटा घर आया तो सब से पहले हेरी के बारे पुछा, तो मेने कहा ऊपर सो रहा है, पहले खाना का ले तुं , वो खाना का कर ऊपर गया तो , हेरी को ना पा कर भाई से पुछा कि हेरी कहां है? भाई का जबाब सुन कर नीचे हमारे पास आया, तो मैने उसे बिठा कर सारी बात बताई तो वो भी रो पडा.
ओह! हे भगवान!!
ReplyDeleteबस यही कामना है भगवान आपको दृढ संबल और हेरी के प्रति जो आपकी कामना है वह पूरी हो।
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Aah....kuchh kaha nahi ja raha.
ReplyDeleteइसी तकलीफ को सोचकर मैंने एक जर्मन शेफर्ड को नहीं रखा था...
ReplyDeleteउस की आत्मा को शान्ति मिले...
आप लोगों के लिये भी प्रार्थना करता हूं...
बहुत मार्मिक ...आपके दुःख में शामिल हैं ..
ReplyDeleteमैं भी इस दुःख का सामना कर चूका हूँ २ बार सो समझ सकता हूँ आप पर और परिवार पर क्या बीत रही होगी .......भगवान् हेरी की आत्मा को शांति प्रदान करें !
ReplyDeleteदुखद समाचार
ReplyDeleteमुझे सिर्फ पढ़कर इतनी तकलीफ हो रही है.. फिर आपतो सालों से उसके साथ थे.. ईश्वर आपकी दुआ कबूल करें..
ReplyDelete
ReplyDeleteब्लॉग 4 वार्ता का पूरा वार्ता दल इस दुःख में आपके साथ है |
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
जब भावनात्मक लगाव हो जाता है तो दुःख बहुत होता है ,लेकिन ये तो हरेक जीव की नियति है इस पर किसी का वश और कोई जोर नहीं ...
ReplyDeleteसच कितना वफादार होता है जानवर और घर के सदस्य की तरह ही हो जाता है कि उसके जाने का दुख किसी अपने के जाने सा ही होता है । आशा करते हैं कि आपकी कामना पूरी हो ।
ReplyDeleteआपके दुःख में मैं भी शरीक हूँ ! मेरा 'सम्राट' भी डॉ वर्ष पहले मेरे साथ १३ वर्ष तक साथ रह कर इसी तरह चला गया था ! बहुत दुःख हुआ ! सात दिन तक लगातार डॉक्टर की देखभाल में रहा ! कई ड्रिप्स चढाई गयीं ! डॉ. के अनुसार उसकी किडनी फेल हो गयी थीं ! सारा परिवार महीनों इस सदमें मे डूबा रहा ! आपकी पोस्ट ने आज उसकी याद दिला दी ! नम आँखों से हैरी को भी श्रद्धांजली !
ReplyDeleteपालतू पशु भी घर का सदस्य ही बन जाते हैं ...इसलिए उनकी तकलीफ और उनका जाना दोनों ही दुःख देता है ....!
ReplyDelete... uff ... behad dukhad !!!
ReplyDeleteबहुत ही दुखद । राज भाई आपके इस दुख में हम आपके साथ हैं ...सच कहा आपने किसी अपने का चला जाना और खासकर यूं चले जाना ..बहुत तकलीफ़देह होता है ..।
ReplyDeleteबेहद दुखद, भगवान् हेरी की आत्मा को शांति प्रदान करें
ReplyDeleteregards
अपनों से बिछुडने का गम बहुत मर्मान्तक होता है फिर वह हमारा पालतू जीव ही क्यों ना हो। आपका खालीपन शीघ्र ही कार्य निष्पादन से भरे ऐसी प्रभु से प्रार्थना है।
ReplyDeletejise apnaa liya uskaa jaanaa kitnaa dukhad hai samajh saktaa hoo. samvednaa.
ReplyDeleteओह ! शीर्षक पढ़ कर ही जी धक् कर उठा -आशंका सच हो गयी -कई दिन इसी असहज अनुभूति से गुजरा की क्या हुआ होगा हेरी का ..खैर अब शांत हों और बच्चों को भी संभालें -अभी उसकी याद आती रहेगी ...आगे भी !
ReplyDeleteहम आप के गम में शरीक हैं. फोक्स टेरिअर ब्रीद की एक कुतिया हम ने भी पाल राखी थी हमारे साथ ही पलंग पर सोती थी. उसको खोने पर हमारी जो हालात बनी थी वह सब याद आ रहा है.हमने भी फिर कोई पालतू जानवर नहीं रखने की कसम खा ली थी. हेरी की आत्मा को शांति मिले और अगले जन्म में आप के ही साथ रहे.
ReplyDeleteअत्यन्त दुःखद!
ReplyDeleteपरमपिता परमात्मा हैरी कि आत्मा को शान्ति तथा आपको शोक सहने की शक्ति प्रदान करे!
So sad!
ReplyDeleteVery sorry Bhatia Sahaab.अफ़सोस, मैं तो समझ रहा था की कोई हल्का फुलहा ही मर्ज है हेरी को ! आपके दुःख को समझ सकता हूँ !
ReplyDeleteबहुत ही दुःख हुआ पढ़कर ....
ReplyDeleteआँखे नाम हो गई भाटिया जी.. :(
ReplyDeleteबहुत दुखद समाचार है भगवान हैरी की आत्मा को शांम्ति दे।
ReplyDeleteइससे मिलता जुलता हादसा मेरे साथ हुआ . तब से मैने भी घर मे पालतू जानवर रखना बंद कर दिया है .अब मेरे फ़ार्म पर इस समय ९ कुत्ते है और दो गाय
ReplyDeleteइससे मिलता जुलता हादसा मेरे साथ हुआ . तब से मैने भी घर मे पालतू जानवर रखना बंद कर दिया है .अब मेरे फ़ार्म पर इस समय ९ कुत्ते है और दो गाय
ReplyDeleteहम सब इस दुःख में आपके साथ हैं और भगवान से प्रार्थना है की आपको यह दुःख झेलने की शक्ति दे। ईश्वर आपकी यह अरदास भी जरूर सुनेगें की हेरी को अगले जन्म में अच्छी जुनी मिले। वैसे हेरी ने पिछले जन्म भी अच्छे कर्म ही किये होंगे जो यह जन्म आपके जैसे स्नेहिल स्वामी के साथ बिता कर गया ... कृपया खुद को संभालें .......
ReplyDelete...बहुत दुःख हो रहा है भाटिया जी!....हेरी का साथ मुझे भी बडा प्यारा लगा था!....मेरे नाती कौस्तुभ के साथ उसकी कितनी अच्छी दोस्ती हो गई थी!...उसकी बडी बडी आंखे, गहरा भूरा रंग और भरा भरा सा शरीर...मुझे वो आज भी याद आता है...और उसकी आवाज शेर की गर्जना जैसी, अब भी कानों में गुंजती है!...वह मानों आपके परिवार का ही एक सदस्य था!...बहुत ही समझदार प्राणी था!...ईश्वर उसे अच्छी जुन में नया जन्म बक्षे यही प्रार्थना मै करती हूं!....आप और आप का परिवार,उसे भूल तो नही पाएंगे लेकिन कोशिश करें....कहते है कि समय बडे से बडे जख्म को भर देता है!
ReplyDeleteराज भाई !!
ReplyDeleteयकीन मानिए आपके हैरी के लिए मेरी आँख में आंसू हैं मुझे लगा की यह घटना मेरे गूफी( जर्मन शेपर्ड ) के साथ घटी है !
आपने हैरी नहीं आपने एक बेहद समझदार, वफादार और शायद आपके घर में आपसे सबसे अधिक प्यार करने वाले एक "इंसान" को खो दिया है जिसे भगवान् ने गूंगा पैदा किया था !
इससे अच्छा बच्चा और कोई हो ही नहीं सकता ! आपका यह नुकसान शायद आप कभी नहीं भुला पायेंगे !
यकीन मानिए वह आपके आस पास महसूस होता रहेगा ...
भगवान् आपके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे !
यह टिपण्णी मुझे अर्चना जी की मेल से मिली है...
ReplyDeletearchana chaoji
an mich
Details anzeigen 07:20 (Vor 1 Stunde)
आदरणीय राज जी,
सादर नमस्ते
हैरी के बारे मे जानकर बहुत दुख हुआ....ईश्वर को शायद यही मंजूर था.......आपके दुख में मै भी शामिल हूँ................मुझे भी ३०-३२ साल पहले बिछडी अपनी "लूसी"और "बंटी" की याद आ गई ..आँखें नम हो गई .....आज भी हम उनकी बाते करते हैं .........आपने लिखा है --------फ़िर सारी रात इस की रखवाली करनी पडी, ओर इसे कंबल से ढक कर सुलाना पडा कि कही इसे ठंड ना लग जाये...................इसमे एक निवेदन है --"-करनी पडी "---------मुझे ठीक नहीं लगा ,इसके बदले ---"-की "...........होगा तो अच्छा लगेगा.....अपने परिवार के सदस्य के लिए कोई काम हम अपने दिल से ही करते हैं .......ईश्वर से प्रार्थना है हैरी की आत्मा को शांति दे व आप व आपके परिवार को दुख सहने की शक्ति.............
भाटिया जी, होनी के आगे हम सब विवश हैं...बस यही कहूँगा कि ईश्वर इस जीव की आत्मा को शान्ती प्रदान करे और आप सब को धैर्य.....
ReplyDeleteदुखद हुआ,
ReplyDeleteइस बिछोह के समय ईश्वर आपके परिवार को संबल दे।
मौत को कुछ ना कुछ तो बहाना चाहिये साथ ले जाने के लिये।
मेरे एक प्यारे कुत्ते ने मेरी गोद में ऐसे ही दम तोडा था, जब मैं उसे क्लीनिक से दवा दिलवा कर लौट रहा था।
हैरी की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता, फिर भी बेहतर यही है कि आप कोई दूसरा कुत्ता या प्राणी अपने घर में जरूर लायें।
प्रणाम
बहुत ही दुखद समाचार...आपके दुख में हम भी शामिल हैं.
ReplyDeleteबहुत ही दुखद ...आपके दुःख में हम भी शामिल है ... आज मुझे मेरे साथी कि याद आगयी ... उस हादसे के बाद मैंने कभी दूसरा साथी घर में नहीं लाया ...हाला कि बेटी अभी बोलती है आपके पास तो था तो मेरे पास क्यू नहीं..... उसे वो दुःख नहीं समजा पपाती हू कि १० साल का साथ ... अगर खो जाये तो....
ReplyDeleteहैरी से आपका लगाव जग जाहिर है | अब उसके जाने का आपको कितना दुःख है यह हम महशूस कर सकते है | लेकिन किया भी क्या जा सकता है | इनकी उम्र भी ज्यादा नहीं होती है | भगवान करे आपको फिर एक नया हैरी जल्द मिल जाए और आप उसके जाने का दुःख भूल सके |
ReplyDeleteहेरी के चले जाने का बेहद दुःख है और भगवान से यही प्रार्थना है कि आपको इस दुःख को सहने की हिम्मत दें! मैं समझ सकती हूँ कि हेरी आपके लिए बच्चा समान था और उसके चले जाने का दुःख मैं अच्छी तरह से महसूस कर सकती हूँ क्यूंकि मेरे मामा के पास भी बिल्कुल हेरी जैसा ही प्यारा था जिसका नाम स्नोवी था और उसके चले जाने पर मेरे मामा हमेशा मायूस रहने लगे हालाकि अभी दो साल हो गया है फिर भी स्नोवी को हर पल याद करते हैं! अपनों से बिछड़ने का गम बहुत गहरा होता है! भगवान इस दुःख को सहने की शक्ति दे आपको !
ReplyDeletebahut dukh huaa jaanakar ki harry nahi rahaa mere pas bhi meri browny hai use breast cancer hogayaa hai ilaj chal raha hai pardoctor kahte hai ki ab uska bachana mushkil hai mai aapkaa dukh anubhut kar bahut dukhi hu ki meri browni bhi ek din mujhe chodkar chali jyegi
ReplyDeleteअत्यंत ही दुखद, ईश्वर हेरी की आत्मा को शांति दे, आप परिवार जन धैर्य और हिम्मत धारण करें.
ReplyDeleteरामराम.
दुखभरी घटना है.
ReplyDeleteहमारीवाणी पर ब्लॉग पंजीकृत करने की विधि
कुत्ता कहना तो इस स्वामीफक्त का अपमान होगा!
ReplyDelete--
इसे तो घर का सदस्य ही कहना सर्वथा उचित है!
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ईश्वर इसकी आत्मा को शान्ति दें!
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आप धैर्य रक्खे!
दुखद !
ReplyDeleteबहुत दुखद, हार्दिक संवेदनायें।
ReplyDeleteदुखद__________________
ReplyDelete______________________
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अत्यन्त दुखद..........
कुत्ते तो सबसे अच्छे मित्र होते हैं। उनका जाना भी दुखदायी होता। मैं भी इसका दर्द समझता हूं।
ReplyDeleteओह ! बहुत अफ़सोसजनक घटना .....ईश्वर हेरी की आत्मा को शांति दे .
ReplyDeleteराज जी,
ReplyDeleteपहले तो माफ़ी मांगता हूं, इस पोस्ट पर देर से आ सका...हेरी से बिछड़ने पर आपके दर्द को समझ सकता हूं...कुछ महीने पहले पाबला जी को भी ऐसे ही दुख से सामना करना पड़ा था...आप दोनों के मन में बेजुबान के लिए कितना प्यार था, ये आपकी पोस्टों से कोई भी समझ सकता है...फिर अच्छे इनसानों के लिए आप क्या नहीं कर सकते...
जय हिंद...
ओह...दुखद !!!
ReplyDeleteपढ़कर बहुत दुःख हुआ। आप के दुःख का सिर्फ अनुमान ही लगा सकते हैं। नेह पीर के ज़ख्म तो वक्त ही भर सकता है।
ReplyDeleteखुशदीप जी से पता चला तो यहाँ आया
ReplyDeleteबहुत दुख हुआ हैरी के असमय चले जाने की बात जानकर. आपका दुख महसूस कर पा रहा हूँ. यह सच है कि इन बेजुबानों से इतना अपनापन हो जाता है कि चारों ओर सूनापन लगता है, यादें पीछा ही नहीं छोड़ती, आगे-पीछे भागने के क्षण बरबस आंखों में सजीव हो उठते हैं.
ऐसे कई हादसे हमारे परिवार में हुए हैं. हाल ही में हमने डेज़ी को खोया है और जानता हूँ कि यह सब कितना दुखद होता है.
हैरी जैसे मूक मित्र की आत्मा की शांति के लिये दुआ है हमारी। ईश्वर आपके परिवार को भी उबरने के लिए संबल प्रदान करे!!
दु:खद. आपकी दर्द समझ सकता हूं मैं.
ReplyDeleteमार्मिक ...आपके दुःख में शामिल हैं हम भी ...
ReplyDeleteईश्वर आपको शक्ति दे इस दुख को सहन करने की
ReplyDeletesach kisi se judkar juda hona taklifdeh hai .behad dukh hua .
ReplyDeleteआप सभी का धन्यवाद आप ने इस मुश्किल समय मै मुझे सहारा दिया, मेरे दुख मै भागी दार बने, मै कल परसॊ तक दोवारा लोट आऊंगा, फ़िर से आप सब का धन्यवाद
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