30/08/10

बच्चो के मुख से...

यहां मुनिख मै हमारे एक दोस्त है, उम्र मै तो हमारे पिता समान है, ओर हम उन की इज्जत भी वेसे ही करते है, लेकिन कभी अंकल नही कहा, नाम से ही बुलाते है, शनिवार को वो हम से मिलने आये, तो अपने पोते की बाते बता रहे थे, जो कि अभी दो साल का है, ओर सारी बात हिन्दी मै ही करता है, ओर वो इग्लेंड मै अपने मामी पापा  के संग रहता है, वेसे तो यहां रहने वाले भरतीया ६०% लोग अपने बच्चो के संग अग्रेजी मे या यहां कि लोकल भाषा मै ही बात करते है, लेकिन कुछ मेरे जेसे सिर फ़िरे है जो अपने बच्चो को हिन्दी मै ही बोलना सीखाते है, जिस से वो अग्रेजी ओर लोकल भाषा  तो स्कुल मै सीख लेते है....

अब बात करता हुं उस पोते कि, हमारे मित्र जो ८० साल से ऊपर है रोजाना अपने पोते को ले कर बाहर घुमने जाते थे, ओर पोते को भी एक दोस्त दादा के रुप मे मिल गया, सारा दिन दादा ओर दादी के संग रहता ओर उन के कान खाता, ओर खुब हिन्दी बोलता...... एक दिन दादा ओर पोता घुमने गये, अब पोता जिस भी चीज को दॆखता तो झट से दादा को उस चीज का नाम ले कर ऊंगली का इशारा कर देता, ओर दादा खुश होते ओर हां हां कर देते... थोडा आगे गये तो बहुत सुंदर सुंदर फ़ुल खिले थे, जब पोते की नजर फ़ुलो पर पडी तो पोता साहब चिल्ला पडे फ़ुल फ़ुल..... ओर उस तरफ़ ऊंगली का इशारा भी करे..... दादा जी ने जब फ़ुलो की तरफ़ देखा तो वहां उन फ़ुलो को एक अग्रेज पानी दे रहा था, जो बच्चे की आवाज सुन कर इन की तरफ़ देखने लगा... ओर बच्चा चिल्ला रहा है फ़ुल फ़ुल.... दादा जी जल्दी से वहां से खिसके, ओर हमे यह किस्सा बताया तो हम सब का हंस हंस कर बुरा हाल था....... बेचारा अग्रेज :)

30 comments:

  1. हो सकता है सच बोल रहा हो।

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  2. ha ha ha .......

    कुछ लिखा है, शायद आपको पसंद आये --
    (क्या आप को पता है की आपका अगला जन्म कहा होगा ?)
    http://oshotheone.blogspot.com

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  3. राज जी,
    ऐसे बहुत सी चीजे है जिनका विज्ञानं आजतक जवाब नहीं ढूंड पाया है, इसलिए आप शायद सहमत न हो लेकिन यदि आप चाहे तो मेंरे कुछ सवालो के जवाब आप दे दीजिये विज्ञानं की द्रष्टि से .... आपके जवाब का इंतजार रहेगा

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  4. thodi hansi aai aur kuch seekh bhi mili.......
    apni bhasha ko janane ka haq aur dayitva dono hamari nai peedhi ka hai..... yah unhen milna chahiye.

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  5. वाह-वाह,बहुत बढिया-
    ये अंग्रजी भी भले चंगे आदमी को
    फ़ूल-फ़ूल बना देती है।
    उम्दा पोस्ट के लिए आभार

    खोली नम्बर 36......!

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  6. बच्चों के मुख से कभी-कभी बातें सच निकल पडती हैं। उसने सच ही कहा होगा।

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  7. राज जी इस फूल की बात पर एक बात बताती हूँ, कि हमें कहीं बाहर जाना था और ह‍म गाडी में आकर बैठ गए, तभी एक रोगी आ गया और हमारे पतिदेव वापस गाडी से उतर कर चले गए। वे बहुत देर बाद आए और उन्‍हें समझ आ रहा था कि मुझे बुरा लग रहा होगा। वे आते ही बोले कि तुमने आज फुल मून (पूर्णिमा का चांद) देखा है? मैंने उन्‍हें कहा कि मैं तो फूल मून ( मेरे पति का नाम चन्‍द्र कुमार है) देख रही हूँ।

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  8. बहुत ही सुन्दर, मज़ेदार और साथ ही साथ अच्छी सीख मिली! हम चाहें अपने देश या विदेश में क्यूँ न रहे पर अपनी भाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए !

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  9. बच्चों के तो यूँ भी सारें गुनाह माफ़ है, ग़लतफ़हमी का तो कहना ही क्या.

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  10. बिलकुल सही कह रहा था हमारी भाषा मे इसके जितने मर्जी अर्थ निकाल लो ये तो सामने वाले पर निर्भर है कि वो इसे क्या समझेगा। सुन्दर शुभकामनायें

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  11. यंहा भारत भ्रमण पर आने वाले अंग्रेज तो बहुत बढ़िया हिन्दी समझ लेते है आप वाले नहीं समझ पाते है |

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  12. यह दौर ही भाषाई संक्रमण का है..फिर तो ऐसी चीजें होंगी ही.

    ________________
    'शब्द सृजन की ओर' में 'साहित्य की अनुपम दीप शिखा : अमृता प्रीतम" (आज जन्म-तिथि पर)

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  13. प्रवीण पाण्डेय said...
    हो सकता है सच बोल रहा हो।

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  14. दादाजी ने घर पहुंच कर ही सांस ली होगी :-)

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  15. अच्छा अनुभव है .... पर बच्चे भी तो मन के सच्चे ही होते हैं ...

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  16. हा हा! बढ़िया.

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  17. कहते हैं कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं...तो भगवान कोई झूठ थोडे ही बोलता है :)

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  18. हाहा ..अरे ये तो बच्चे के मुँह से सच निकला ...:)

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  19. हा हा!बहुत बढ़िया

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  20. bacchhe to baachhe hain....khair hamen bhi mazaa aa gayaa...sach....ha...ha..ha...ha...ha...ha....

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  21. bacchhe to baachhe hain....khair hamen bhi mazaa aa gayaa...sach....ha...ha..ha...ha...ha...ha....

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  22. bacchhe to baachhe hain....khair hamen bhi mazaa aa gayaa...sach....ha...ha..ha...ha...ha...ha....

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  23. आपको एवं आपके परिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें !

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  24. "एक बार मच्छी पकडी तो महीने भर हाथो से बदबू आती रही.... "

    हा..हा..हा...हा... आज बहुत हंसाया आपने भाई जी ! यह मच्छी कहाँ से पकड़ी थी ..:-)

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  25. ....जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई!.... सब मंगलमय हो!

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