पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न की शिकायत लेकर भारत आने वाले हिंदुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
लेकिन सुक़ून की तलाश में अपना घर छोड़कर आए इन लोगों की मुश्किलें यहां भी कम नहीं हो पा रही हैं.
ताज़ा मिसाल राजस्थान के सरहदी ज़िले गंगानगर की है जहां हिंदू समुदाय के दो पाकिस्तानी युवकों ने अपनी शादी तय की.पुरी खबर पढने के लिये यहां चटका लगाये
देश के विभाजन की विडम्बना कभी खत्म नहीं होने वाली। दुःखद है यह सब, लेकिन क्या करें। पाकिस्तान एक नासूर सा है। इसका दिया दर्द मिटने वाला नहीं है।
ReplyDeleteसच कहा सिद्दार्थ जी ने.. ये त्रासदी इतनी आसानी से ख़त्म नहीं होने वाली. लिंक देकर ये आवश्यक समाचार पढ़ाने के लिए धन्यवाद सर..
ReplyDeleteआभार इस समाचार को पढ़वाने का.
ReplyDeleteबेचारे ...ना घर के ना घाट के ...!!
ReplyDeleteविचारणीय प्रस्तुती / कल दिल्ली के ब्लोगर सभा में जर्मनी से फोन से ही सही लेकिन भावनात्मक जुड़ाव के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद /
ReplyDeleteसच में दुःखद है!
ReplyDeleteइस समाचार को पढ़वाने के लिये धन्यवाद!
ReplyDeleteभारत की सदाशयता का प्रतिफल भोग रहे हैं, ये सब । हम पप्पू ही बने रहेंगे, लगता है ।
ReplyDeleteकितना तकलीफ है, ये समस्या पिछले कई वर्षो से बढती जा रही है.
ReplyDeleteपाकिस्तान से क्या उम्मीद करे कोई.
दुःखद है|आभार इस समाचार को पढ़वाने का|
ReplyDeleteसचमुच ...कितनी त्रासद स्थिति है....
ReplyDeleteइस खबर के लिये धन्यवाद.
ReplyDeleteरामराम.
हिन्दू अर्थात विडम्बना, विश्वासघात का शिकार और दुर्भाग्य का दूसरा नाम..
ReplyDeleteविचित्र त्रासदी है ये |
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