आप सब रोजाना सोते है, तो भाई हम भी आप की तरह से रोजाना ही सोते है, लेकिन जब कल सोये तो भगवान ने दर्शन दिये, बोले बच्चा मांग क्या मागंता है, मेने कहां भगवान अपून की कोई इच्छा नही, बस सब कुछ आप की मेहरबानी से चल रहा है, इस से ज्यादा इच्छा नही, वर्ना सुना है ज्यादा मिलने पर आदमी इंसानियत खो बेठता है, हम इसी मै खुश है.... अरे ऎसा केसे हो सकता है, कुछ तो मांगो... बहुत सोचा लेकिन कुछ समझ मै नही आया, मेने कहा भगवान किसी ओर को देखो, मेरा काम बाद मै कर देना जब जरुरत होगी आप को वादा याद दिला दुंगा, अभी कुछ नही चाहिये, तो भगवान बोले आज ओर अभी मांग ले फ़िर कभी ऒर के लिये भी एक वादा पक्का... तभी दिमाग मै एक विचार आया अरे अपने अनिल भाई.... मेने कहा है भगवान अगर मै अपने किसी मित्र के लिये मांगु तो चलेगा.... भगवान बोले चलेगा, तो मेने कहां है भगवान हमारे एक मित्र है अनिल जी, वो अभी तक कुवांरे है.. आप कोई ऎसा योग बनाये जिस से उन्हे एक मिश्री जेसे बोल बाली अति सुंदर तेजस्वी बीबी मिल जाये... अभी भगवान तथा अस्तू कहने वाले थे कि अचनक उन्होने पूछा अर्फ़े कही तुम उन छत्तीसगढ़ बाले अनिल पूदसकर की बात तो नही कर रहे? मेने हाथ जोड कर कहा भगवान सही पहचाना मै उन्ही सज्जन की बात कर रहा हुं.... ओर दीन भाव से भगवान का चेहरा देखने लगा...... फ़िर भगवान मुस्कुरा कर बोले बेटा पहले यह विडियो देख लो ओर गंगा राम की जगह अनिल को रखो फ़िर बताना यह काम मेरे बस का है या इसे तो अनिल खुद भी कर सकता है... देखो पहले इस विडियो को मै फ़िर आऊंगा... ओर इसे देख कर बताना इस आदमी की मदद मै केसे करुं??
:))
ReplyDeletemuskurahat bikher di aaj aapne blog par sir.. :)
ReplyDeletevaah!!:)
ReplyDeletesahi hai....maja aaya.
ReplyDeleteमजा आ गया
ReplyDeleteएक कौतूहल
क्या गाने के गंगाराम की जगह अनिल लगाकर सुने
हमेशा की तरह उम्दा रचना..बधाई.
ReplyDeleteभाटिया जी आपने अगुवाई की है इस वर्ष हाथ पीले करा ही दिए जायं
ReplyDeleteस्वप्न तो सुखद ही रहा आपका!
ReplyDeleteबहुत-बहुत मुबारकवाद!
अब ऐसे में तो भाई को भगवान का सहारा भी जाता रहा. :)
ReplyDeleteकहां हैं अनिल जी अभी तक?
ReplyDeleteबाहर आओ, छुपकर कहां बैठे हो?
अनिल भाई की आज खैर नहीं।
ReplyDeleteहा हा हा एक एक करके इतने बाराती तैयार हो रहे हैं अच्छा है
ReplyDeleteतैयार होकर आता हूँ , स्मार्ट दूल्हा के साथ फोटो सही आना चाहिए ! राज भाई बढ़िया पहल कर रहे हो !
ReplyDeleteपिछले साल अनिल जी के वादे पर सिलवाया गया सूट अब तक वैसा ही अछूता पड़ा है। देखते हैं कब मुहूर्त निकलता है।
ReplyDeleteवैसे अनिल जी बहुत समझदार हैं उनकी समझ में सब आ चुका है। वो तो बस यूँ ही गंगाराम बन कर चुपचाप हम लोगों को देखकर मुस्कुराते रहते हैं
पूरा गाना भी सुन लिया गया। बचपन याद आ गया। इसका संगीत भी बड़ा धांसू है। गाने में जो गिटार व ड्रम का उपयोग हुआ है वह शानदार है। कोरियोग्राफी भी बड़ी जबरदस्त है। आपकी पसन्द की दाद देता हूं।
ReplyDeleteमजा आ गया............पर अनिल जी कहां हैं ?
ReplyDeleteबेहतरीन :D
ReplyDelete...बहुत खूब ... दोबारा सपने में भगवान जी आने वाले नहीं जान पडते ...अगर आयें तो बयां कर देना भाटिया जी !!!!
ReplyDeleteBhai Geet to sach mein majedaar hai ...
ReplyDelete:):)
ReplyDeleteमुझे सपने में अनिल भाई इस गीत पर मेरे साथ जुगलबंदी करते दिखाई दिए...
ReplyDeleteमैं...मुहब्बत बड़े काम की चीज़ है...
अनिल जी...ये बस नाम ही नाम की चीज़ है...
मैं...ये कुदरत के इनाम की चीज़ है...
अनिल जी...ये बेकार, बेदाम की चीज़ है...
आगे पूरा ब्लॉगवुड एक सुर में अनिल जी के लिए गा रहा है...
मुहब्बत से इतना खफ़ा होने वाले,
चल आज तुझको मुहब्बत की कीमत बता दें,
तेरा दिल जो बरसों से वीरां पड़ा है,
चल उसमें किसी नाज़नीन को बिठा दे...
इसके बाद मुझे लगा कि अनिल जी की ट्रेडमार्क कड़कदार आवाज़ गूंजी है...अबे क्या बकवास कर रहा है बे..
और डर के मारे मेरी नींद खुल गई...
जय हिंद...
हा,,हा..हा,,,वाह्! भाटिया जी...खूब्!
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