22/03/10
कुछ अति सुंदर चित्र गीता से....
मुझे एक मेल मिला था, जो अग्रेजी मै था, था तो बहुत अच्छा लेकिन मेरी अपनी भाषा मै नही था, सो मेने उसे मिटा दिया, हटा दिया, लेकिन उस मै कुछ बहुत सुंदर सुंदर चित्र जो मन को मोह रहे थे, मेने कापी कर लिये, ओर उन चित्रो को आप के संग बांट रहा हुं, आप मे से किसी को भी यह चित्र चाहिये तो बेजिझक बिना पुछे यहां से कापी कर ले.....
आप चाहे तो इन चित्रो को बडा कर के भी देख सकते है
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sundar aur manmohak chitra..
ReplyDeletesundar aur manmohak chitra..
ReplyDeleteबढ़िया चित्र!
ReplyDelete--
हिन्दी में विशिष्ट लेखन का आपका योगदान सराहनीय है. आपको साधुवाद!!
लेखन के साथ साथ प्रतिभा प्रोत्साहन हेतु टिप्पणी करना आपका कर्तव्य है एवं भाषा के प्रचार प्रसार हेतु अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें. यह एक निवेदन मात्र है.
अनेक शुभकामनाएँ.
बहुत सुंदर चित्र हैं सभी..
ReplyDeleteआपका आभार..
वाकई अति सुन्दर चित्र्
ReplyDeleteवाकई अति सुन्दर चित्र्
ReplyDeleteBahut hi sunder...Jai ho....
ReplyDeleteबढ़िया चित्र!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाई जी ! सुबह सुबह आनंद आ गया !
ReplyDeleteबेहद मनमोहक चित्र.......
ReplyDeleteregards
बहुत ही सुन्दर चित्र हैं राज जी! देखकर मन मुदित हो गया!
ReplyDeleteबहुते सुंदर चित्र हैं जी.
ReplyDeleteरामराम.
सचमुच चित्र बहुत सुन्दर हैं जी
ReplyDeleteधन्यवाद
प्रणाम
भाटिया साहब बहुत सुन्दर चित्र है | इन चित्रों का दर्शन करवाने का अभार | आप यदि गीता का पाठ सुनना चाहते है तो मेरी शेखावाटी की संगीत वाली पोस्ट पर जाए जिसका लिंक http://myshekhawati.blogspot.com/2010/02/blog-post.html है यहाँ भी बहुत सुन्दर आवाज सुनने को मिलेगी |
ReplyDeleteये कौन चित्रकार है?
ReplyDeleteये कौन चित्रकार है?
ReplyDeletewaakai bahut hi sundar
ReplyDeleteवाह्! अति सुन्दर नयनाभिराम चित्र...
ReplyDeleteजै श्री कृ्ष्ण्!!!
वाह पहले कुछेक चित्र महाभारत युद्ध के समय के हैं शायद ......बहुत खूब ......!!
ReplyDeleteएक चित्र द्रौपदी का शायद चीर हरण दृश्य के साथ ......बहुत सुंदर ......!!
chitro ke lye dhanyaawaad
ReplyDeleteवाकई अति सुन्दर चित्र्
ReplyDeleteसुन्दर !
ReplyDeleteगीता के तो कण - कण मैं सुन्दरता बसी है ।
ReplyDeleteहरे कृष्ण हरे कृष्ण हरे हरे
यह अंतिम चित्र ही महारत का मूल है!
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