मकखन ढक्कन से ....ओये ढ्क्कन एक बात तो बता कि भारतिया नोटो पर गांधी जी की हमेशा ही मुस्कुराती हुयी फ़ोटो ही होती है. लेकिन अमेरिकन डालर पर तो लिंकन की एक भी फ़ोटू मुस्कुराती हुयी नही है???
ढक्कन..... सोचते हुये..... पता नही यार.
मकखन.... ओए खोते( गधे) तेनू एना भी पता नही कि अमेरिकन जनानियां पेसे बरा चां नही रखदीयां.
हिन्दी मे मकखन.... अबे गधे तुझे इतना भी नही पता कि अमेरिकन ओरते अपने नोट बरा मै नही रखती,
हमने पढ़ लिया, मुस्करा भी दिये और अश्लील बिल्कुल भी नहीं माना।
ReplyDeleteno comments :D
ReplyDeleteहमने तो आँख बन्द करके पढा :-)
ReplyDeleteओह हो , तो ये बात है। अब पता चला गाँधी बाबा हमेशा हँसते क्यों है।
ReplyDelete:)
ReplyDeleteहा...हा...हा...
ReplyDeleteआपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें.
:):):):)
ReplyDeletenice
ReplyDeleteधत्... गान्धी जी तो ऐसे न थे। :)
ReplyDeleteनवरात्रि की आप को भी बहुत बहुत शुभकामनाएं.
ReplyDelete:)
ReplyDeleteमक्खन ने तो बड़ी जानकारी वाली बात कही...मजेदार..
ReplyDeleteबढ़िया!
ReplyDeleteहा हा हा हा हा!
ReplyDeleteहा-हा-हा-हा-हा-हा... तभी मैं कहूँ की बुढ्ढा इतना खुश क्यों रहता है !
ReplyDeleteहे भगवान गांधीजी को ये शौक कब लगा?:)
ReplyDeleteरामराम.
गांधीजी के तो मज़े हैं साहेब ..........अपन सिवाय ईर्ष्या के और क्या कर सकते हैं
ReplyDeletemajedaar, aap jaise logon ke liye masti banaa hai.
ReplyDeletekripya yahan bhi aayen...
http://thodisimasti.blogspot.com
फोटो तो आपकी भी मुस्कराती हुई ही है..:)
ReplyDeleteमुस्कुराने का अच्छा बहाना है। रचना पर विशेष क्या टिप्पणी करे
ReplyDeleteहाँ दादा
ReplyDeleteअशील नहीं है ... पढ़कर मुस्कुरा लिए...
हा हा हा हा हा:)
ReplyDeleteराज जी,
ReplyDeleteजो जगह आपने बताई है वहां नोट ही क्यों रखे जाते हैं, चेक क्यों नहीं...
बाउंस होने का डर जो रहता है...
जय हिंद...