होली की आप को ओर आप के परिवार को बहुत बहुत बधाई, सब खुब खेले होली ओर सही ओर पबित्रता बनी रहे होली की इस तरह से खेले, ओर होली के रंगो मै नफ़रत ओर दुशमी के रंग भी फ़ीके पड जाये, होली कुछ ऎसी हो इस बार.
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कल परसो अजय झा जी की एक पोस्ट पढी जिसे पढ कर उन के संग संग हम सब का दिल भी बहुत दुखी हुआ, अब समझ नही आता कि जो लोग दिलो मै नफ़रत लिये ही बेठे है उन्हे क्या मिलता है, वेसे वो हम से ज्यादा अपना ही नुकसान करते है,ओर ऎसे लोगो के आस पडोस मै भी लोग इन से दूखी रहते है, जहां यह काम करते है वहा भी घुटन का ही माहोल बना लेते है, वेसे तो ऎसे लोगो का कोई परिवार होता ही नही होगा,मां बाप तो सब सह लेते है, लेकिन इन के बाकी भाई बहिन या तो इन्हे दु्त्कार कर घर से निकाल देते है इन्हे, या फ़िर खुद ही अलग हो जाते है.
पति या इन की पत्नी भी अगर इन के संग होगी तो वो भी अपने कर्मो को रो रही होगी, ६०% तो इन से तंग आ कर तलाक लेलेते है या आत्महत्या ही कर लेते होगे..... हे भगवान इन्हे थोडी अक्ल दे यह भी समाज मै आम इंसानो की तरह से रह सके.
अब बात करते है उन लोगो कि जो दिल मै प्यार लिये बेठे है,ऎसे लोग सबके दिलो दिमाग मै बसते है,खुद चाहे भूखे रहे लेकिन अपने मेहमान को पुरी इज्जत देते है, प्यार देते है,ऎसे लोगो से सब मिलने के लिये तरसते है, ऎसे लोग अपने आस पडोस मै हमेशा खुशियां बिखेरते है, जिन की शकल देख कर लोग अपना दिन शुभ समझते है, हर किसी के दुख ओर सूख मै यह हमेशा आगे रहते है, इन के मां बाप भाई बहिन ओर रिशते नाते दार भी इन से हमेशा खुश रहते है, आसपाडोस के लोग भी इन्हे पा कर खुश रहते है, ओर अपने को भाग्या शाली समझते है कि एक अच्छा पडोसी मिला,
ऎसे हम तभी होते है जब हमे अच्छे संस्कार मां बाप से मिले, यानि हमारी हर बात के जिम्मेदार हमारे मां बाप ही होते है, अगर हम सडियल ओर नफ़रत भरे स्वभाव के होगे तो इस मै भी हमारे मां बाप के संस्कारो का ही अंश है,लेकिन हम चाहे तो इसे बदल सकते है.
तो आईये आज ह्म होली के रंगो को जब धोये तो इस नफ़रत को भी मल मल के उन्ही संगो के संग साफ़ कर दे, ओर फ़िर एक चमकता दमकता चेहरा निकले होली के रंगो को धोने के बाद जिस पर प्यार का नूर दमके, ओर फ़िर किसी की टांग ना खींचे... सब को प्यार से देखे, दुनिया मै हमीं ही बुद्धिमान नही, जरा खिडकी से बाहर झांक कर देखे हम से भी बुद्धिमान मिल जायेगे, अगर कोई आप की बात से सहमत नही तो कोई बात नही, जरुरी नही सब मेरी बात से सहमत हो..... शायद मेरी बात मै कोई ऎसी बात हो जो सब को पसंद नही, लेकिन जो बात दुसरे करे ओर उस पर सब सहमत हो तो जरुर उस आदमी मै मेरे से ज्यादा गुण होंगे, उस की बात मै जरुर दम होगा, तो क्यो उस की बात से रुठ कर मै उसे नीचा दिखाने के चक्कर मै अपनी खिल्ली भी क्यो उडवाऊ, समझ दारी इसी मै है सब से प्यार से मिलओ. अगर आप सहमत नही तो अपनी असहमति तो दर्ज करो, लेकिन एक मित्र के रुप मै एक सुझाव के रुप मै, उस की टांग खिचाई कर के लिये, यहां अब सब एक दुसरे को बहुत अच्छी तरह से जानते ओर पहचानते है, तो आओ ओर अपनी छवि को सुंदर बनाओ, लोग आप के लिये आंखे बिछाये, हर बात पर टांग खिचाई अच्छी नही, लोग तुम्हे देख कर आंखे फ़ेर ले ऎसा मत बनो.
यह पोस्ट किसी का दिल दुखाने के लिये या किसी को नीचा दिखाने के लिये नही, बस एक राय देने के लिये लिखी है अगर समझ आये तो अच्छा वर्ना आप अपने घर ओर हम अपने घर.
भाई जी !! होली और मिलाद उन नबी की शुभकामनायें !
ReplyDeleteहोली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
ReplyDeletewill follow your advice.
ReplyDeleteहोली की शुभकामनाएं, अच्छी नसीहत है, समझनेवाले समझ ही लेंगे
ReplyDeleteहोली की शुभकामनाएं .nice
ReplyDeleteBAHUT SHEE LIKHA HAI AAPNE, होली की शुभकामनाएं .
ReplyDeleteराज जी आपकी स्वच्छ सलाहों पर अमल करूंगा। रंग पर्व की रंगकामनाएं स्वीकारें।
ReplyDeleteअच्छी नसीहत है.
ReplyDeleteआपस में प्रेम करो देशप्रेमियों..
ढाई आखर प्रेम का पढ़ै सो पंडित होय।
ReplyDeleteविचारणीय आलेख!!
ReplyDeleteये रंग भरा त्यौहार, चलो हम होली खेलें
प्रीत की बहे बयार, चलो हम होली खेलें.
पाले जितने द्वेष, चलो उनको बिसरा दें,
गले लगा लो यार, चलो हम होली खेलें.
आप एवं आपके परिवार को होली मुबारक.
-समीर लाल ’समीर’
बढ़िया...सीख देता आलेख....
ReplyDeleteसमझने वाले समझ गए...ना समझे..ना समझे वो अनाड़ी है ...
वैसे भईसन के आगे बीन बजावे से कछु होए का ना पड़ी...ई हम भी जानत है और आप भी अच्छी तरह समझत हो
आपको होली पर्व की घणी रामराम.
ReplyDeleteरामराम
आपको होली की बहुत-बहुत बधाई ।
ReplyDeleteसही शिक्षाप्रद आलेख....
ReplyDeleteआपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाऎँ!!!
प्यार करोगे तो प्यार मिलेगा
ReplyDeleteवरना बस व्यापार मिलेगा
Preranadayi aalekh ke liye dhanyawaad!
ReplyDeleteaapko spariwaar holi ki shubhkaamnaae!!
Sadar
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
बहुत नेक विचार हैं , भाटिया जी ।
ReplyDeleteआपको और आपके समस्त परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें।
हो न फिर फसाद , मजहब के नाम पर
ReplyDeleteकेसर में हरा रंग मिले ,इस बार होली में !
बहुत सुन्दर विचार व्यक्त किया है आपने!
ReplyDeleteऐसी बानी बोलिये मन का आपा खोय।
औरन को सीतल करै , आपहुं सीतल होय॥
आपको और सभी ब्लोगर मित्रों को होली की शुभकामनाएँ!
होली के अवसर पर आपका सटीक लेख . आपको व परिवार को होली की शुभकामनाये .हमारे यहा जिनके घर पर गमी हो जाती है होली पर उनके यहा शोक उठाने जाते है . आपकी माता जी की भी होली है .
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा सन्देश दिया इस होली पर...काश सबलोग आपकी बात पर दिल से अमल करें...
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार जनों को होली की ढेरों शुभकामनाएं
बहुत बढ़िया सन्देश!
ReplyDeleteहोली की रंगभरी शुभकामनाएँ स्वीकार करें!
सही बात है, दु:ख होता है यह जानकर कि कितना समय होता है हमारे पास अनर्गल बातों के लिए...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया .. रंगोत्सव पर्व की हार्दिक शुभकामनाये ....
ReplyDeleteराज जी जब तक आप जैसे लोग है, किस बात की चिंता है...
ReplyDeleteअपना तो फंडा ही है....
प्यार बांटते चलो. प्यार बांटते चलो...
क्या हिंदू, क्या मुसलमान,
बस प्यार बांटते चलो...
रंगोत्सव की आपको और परिवार को बहुत बहुत बधाई...
जय हिंद...
होळी के रंग में रंग जाओ जी
ReplyDeleteमन का मैल हटाओ जी
मीठी मीठी गुंजिया खा कर जी
अब जम के गले लग जाओ जी
KUCHH AISA HI HONA CHAHIYE...
ACCHHA ARTICLE
BADHAYI..
राज भाई, आपको और आपके पूरे परिवार को होली की हार्दिक शुभकामना ...और सबसे बडी बात तो आपने कह ही दिया कि जिसके पास जो होगा वो वही तो दे पाएगा ....
ReplyDeleteअजय कुमार झा
होली की शुभकामनायें सर जी.
ReplyDeleteभाटिय़ा जी,
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनाएं!
हम तो आपकी बात से सहमत हैं ...प्यार बाँटते चलो...
ReplyDeletesach kah rahe aap nafrat se jindagi uljhati hai phir bhi ise kyo palte hai .bahut khoob .sundar lekh
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