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आज के दिन हमारे मित्र ब्लांगर अजय झा जी ने, एक बहुत भव्य कार्यकर्म रखा, जिस मै हमारे समेत बहुत से नाम चीन ब्लांगर आये, ओर अजय झा जी ने दिल से सब का स्वागत किया, सब से पहले चाय, काफ़ी बगेरा
फ़िर खुब बाते हुयी, इस ब्लांग पार्टी के बारे तो बहुत से लोगो के लिखा इस लिये मै इस बारे ज्यादा नही लिख रहा, फ़िर खाना हुया, ओर फ़िर एक दोर चाय काफ़ी ओर बातो का..... सभी ऎसे मिले जेसे सभी एक दुसरे को पहले से जानते हो,
बहुत से साथी मिलने आये थे....
श्री अजय कुमार झा जी
श्री मोईन शम्सी जी
श्री विनीत उत्पल जी
श्री सरवत जमाल जी,
डा.टी.एस .दराल जी ,
श्री राजीव तनेजा जी,
श्रीमती संजू तनेजा जी,
श्री मसीजीवी जी
श्रीमती कविता वाचक्नवी जी,
श्री अविनाश वाचस्पति जी,
श्री सतीश सक्सेना जी,
श्री अमित गुप्ता ( अंतर सोहिल )
श्री पद्म सिंह जी ,
श्री खुशदीप सहगल जी,
श्री विनीत कुमार जी ,
श्री तारकेशवर गिरि जी,
सुश्री प्रतिभा कुशवाहा जी,
पं. डी .के शर्मा "वत्स " जी ,
श्री प्रवीण पथिक जी ,
श्री मिथिलेश दूबे जी,
श्री यशवंत मेहता जी
श्री निशांत त्रिपाठी जी,
श्री विनोद कुमार पांडेय जी,
श्री नीरज जाट जी ,
श्री मयंक सक्सेना जी ,
श्री एम .वर्मा जी,
श्री कनिष्क कशयप जी
बाकी जिन के नाम बच गये हो उन से माफ़ी चाहूंगा
बहुत से ब्लांगरो से बाते हुयी, कविता जी से बातो बातो मै पता चला कि वो तो पंजाब से है, ओर आज कल लंडन मै है, ओर बहुत अच्छा लगा उन से बात कर के, फ़िर अविनाश जी से बात हुयी, उन से मिल कर भी बहुत अच्छा लगा, बहुत अपना पन मिला ,
डां दराल जी तो बहुत सुंदर फ़ुल के कर आये थे, ओर उन का स्वभाव भी उन फ़ुल की तरह से बहुत सुंदर है.
अजय जी अपनी बातो से सब का मन जीत रहे थे.
सतीश सकसेना जी मस्त आंदाज मै प्यारी प्यारी बाते करने मै मस्त थे
यानि एक मस्त समां बंध गया था, ओर सब उस नशे मै मस्त थे,ओर कोई भी जाना नही चाहता था, लेकिन हाये रे जिन्दगी सब को ओर भी काम थे, फ़िर धीरे धीरे सब ने भीगे मन से विदाई ली, लेकिन विदाई लेते लेते भी सभी एक दुसरे से ऎसे मिल रहे थे, जेसे कोई बहुत दिल के करीब रहने वाले से बिछुड रहा हो....ओर इस सब के पिछे हमारे अजय झा जी का हाथ था, उन के चेहरे से पार्टी की कामयावी की खुशी झलक रही थी, बस यही खुशी हम सब को ओर भी खुश कर रही थी, सभी ब्लांगर मित्रो ने बहुत बाते की मै बस कुछ लोगो के बारे ही लिख पा रहा हुं, बाकी सब माफ़ करे, बुरा ना माने, वेसे विस्तार से तो अजय जी ने लिख ही दिया है इस पार्टी के बारे, ओर अन्त मे मै आप सभी लोगो का धन्यवाद करता हूं जिन्होने मिल कर इस पार्टी की खुशियां भर दी, ओर अजय झा जी को भी दिल से धन्यवाद जिन्होने इतना बडा प्रोगराम किया ओर खर्च किया,ओर हम सब को खुशी बांटी
आप मेरी इस यात्रा के सभी चित्र को बढा कर के भी देख सकते है, ओर यहां से डाऊन लोड भी कर सकते है
मज़ा आ गया भाटिया जी ...... फोटो और आपका व्रतांत ..... दोनो ही अच्छे लगे ... सभी ब्लॉगेर्स बंधुओं से आपका मिलना भी हो गया ... आशा है बहुत ही सुनेहरी यादें दिल में बस गयी होंगी ....
ReplyDeleteआप का भारत आना सभी को बहुत अच्छा लगा। मुझे अफसोस रहा कि मैं केवल भागदौड़ में ही आप के साथ रह सका।
ReplyDeleteबहुत सुंदर चिंत्र .. विवरण पढकर भी अच्छा लगा !!
ReplyDeleteकाश हमें भी खबर होती तो क्या हम न आते!!! सुखद जानकर लेकिन दुखद यह कि मैं ऐसे संयोग से वंचित रहा.
ReplyDeleteशानदार चित्रों के साथ , बहुत बढ़िया यादगार वर्णन।
ReplyDeleteभाटिया जी , आपकी मुलाकात हमेशा याद रहेगी।
आपसे ये मुलाकात हमेशा के लिए यादगार बन कर रह गई ....
ReplyDeleteमैं तो सिर्फ इतना कह सकता हूँ कि....काश! मैं जल्दी उठ जाता....
ReplyDeleteइस सचित्र झांकी ने तो बहुत खूबसूरती से सब कुछ कह दिया
ReplyDeleteचित्रों से सजी हुई रपट बहुत बढ़िया है जी!
ReplyDeleteसबके दर्शन हो गये!
ना आ पाने का अफ़सोस
ReplyDeleteबस यही कह सकता हूँ
बी एस पाबला
ब्लागर मिलन की बढ़िया जानकारी दी है .. बहुत कुछ जानने का मौका मिला आभार.
ReplyDeleteबढ़िया विवरण एवं उम्दा चित्र.
ReplyDeleteआप जब भी आयें और बेहतर पायें.
ReplyDeleteआप से मुलाकात करने के बाद ऐसा लगा मानो मेरी ब्लॉगिंग सफल हो गई इतने दिनों से विदेश में भी आपकी हिन्दी के प्रति लगाव और एक नेक दिल जो भारतीयता को हमेशा के लिए संजोए रखा है... राज जी मैं दुआ करता हूँ फिर जल्द वो दिन आए जब एक बार फिर और ज़्यादा संख्या में हम सब मिलकर ब्लॉग की दुनिया को एक बेहतरीन रंग दे..
ReplyDeleteबहुत आनंद आ गया राज साहब। बहुत ख़ूब रिपोर्टिंग की। फिर आइएगा। आपसे फ़ोन पर हुई बातचीत आपकी याद दिलाती रहेगी।
ReplyDeleteराज जी,
ReplyDeleteये क्या ब्लॉगर मिलन से पहले आपने भारत में बिताए दिनों को रिटेल प्यार की तरह हम तक पहुंचाया और ब्लॉगर मिलन को थोक में ही निपटा दिया...राज जी आपसे मिलकर हम सबको कितनी खुशी मिली, वो शब्दों में बयां नहीं की जा सकती...कसक यही रही कि बस पांच छह घंटे का ही साथ रहा...
जय हिंद...
खुस दीप जी सभी को अपनी अपनी फ़ोटो देखनी थी, दुसरा अभी कई बाते रह गई है, जेसे हमारा हुक्का, बस अब अगला ना० हुक्के का ही है
ReplyDeleteवाह ! कितने सारे लोगों से मिल आये आप.
ReplyDeleteवाह जी मजा आ गया, प्रस्तुति करने का ढ़ंग बहुत भाया।
ReplyDeletebahut badhiya, umeed karta hu ki kabhi na kabhi to aapse mulakat ho kar hi rahegi.
ReplyDeleteनमस्कार इस ब्लांग पार्टी ओर इस महान मिलन का सेहरा तो हमारे अजय झा जी के सर बांधना चाहिये, उन्होने ही यह सब किया ओर उन्ही की मेहरबानी से सब आपस मै मिल पाये, मै दिल से उन का अभारी हुं, ओर फ़िर आप सब का जिन्होने अपना कीमती समय निकाल कर मुझे दर्सन दिये
ReplyDeleteहमें तो यही अफसोस है कि आपको पूरा समय नहीं दे पाए अन्यथा दिल्ली बैठक की बजाय आपसे रोहतक में मुलाकात होती....
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा आपकी स्मृतियां पढ़कर व नए चित्र देषकर
ReplyDeleteआपका तो अंदाजे बयां निराला है
ReplyDeleteपर चित्र किसी का और नाम
किसी का लिख डाला है ?
प्यार में सबको मधु स्मृतियों का
मधुर दिया हवाला है।
वाह, बहुत शानदार मिलन विव्रण दिया आपने, बहुत ही सुंदर चित्र.
ReplyDeleteरामराम.
ये पोस्ट यादों के एल्बम में सजाने लायक बन गयी.. राज सर..
ReplyDeleteजय हिंद
भाटिया साहब , आज तस्सली से आपके भारत आगमन और अपने प्रवास के दौरान के अनुभव से सम्बंधित सभी लेख पढ़े , यह जान कर प्रसन्नता हुई कि आपने यह यात्रा काफी एन्जॉय की !
ReplyDeleteराज भाई !
ReplyDeleteवाकई में अजय झा बधाई के पात्र हैं , तमाम लोगों से बेहतरीन मुलाकात हुई ! यह यादगार रहेगा !
सादर !
भाटिया जी,
ReplyDeleteमैं भी रोहतक ब्लोग मीट का विवरण लिख रहा हूं, कल तक प्रकाशित कर दूंगा.
वैसे आपका विवरण एकदम मस्त लगा. शेष अगले भाग मे...ये झंझट ही खत्म.
राज भाई , असल में तो आपसे सुखद मिलन को इतना यादगार बनाने में जिन मित्रों ने अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराई , वे सब इस सफ़ल मिलन आयोजन के हकदार हैं और आपसे मिलन तो अब ताउम्र यादगार रहेगी
ReplyDeleteअजय कुमार झा
आपका यात्रा वर्णन और ब्लोगरो से मिलन बहुत अच्छा लगा | समय समय पर इस प्रकार के आयोजन होते रहने चाहिए | चित्र बहुत ही सुन्दर वा स्पष्ट है |
ReplyDeleteआपका और अजय झा जी के हम सब आभारी रहेंगें जी इस ब्लागर मिलन के लिये
ReplyDeleteसभी चित्र सेव कर लिये हैं जी
प्रणाम
चित्रों सहित सुन्दर विवरण । आपके हुक्के के बारे मे भी पढ वुके हैं दिवेदी जी के ब्लाग पर मगर आपने उसे गुडगुडाया कि नही ये जानना है बस। बस जब भी इस समारोह का विवरण पढती हूँ तो एक ही बात दिमाग मे आती है काश मै भी जा पाती। बहुत बहुत शुभकामनायें
ReplyDeleteKaash hambhi iska hissa ban pate!
ReplyDeleteराज जी...पहले तो सॉरी बोलूं.....मैंने आज ही एक साथ तीनो पोस्ट पढ़ी(वो भी १२ बजे रात तक जागकर...आज तय कर लिया था,सारी पोस्ट पढनी ही है)...इधर बहुत व्यस्तता थी...बस किसी तरह पोस्ट लिख कर चली जाती थी ...आज ही आपकी 'आदि' से मुलाकात...दोस्त के घर का आत्मीय व्यवहार और साली का प्यार....और फिर दिल्ली में सब ब्लॉगर्स से आपकी मुलाकात ..उसकी ख़बरें तो यत्र तत्र पढ़ ही ली थी...पर अच्छा लगा,आपके द्वारा सुन...आपने यहाँ इतना एन्जॉय किया...जानकर बहुत ख़ुशी हुई...
ReplyDeleteवाह वाह! बहुत बढ़िया लग रहा है यह पढ़ना और देखना।
ReplyDeleteबहुत थेंक्यू जी!
Waah! Raj Sir, aap to bade lucky rahe...itne sare blogger saathiyon se mil liye!
ReplyDeletebadhayee Ajay ji ko jo itna achcha organise kiya.
Abhaar .
ajay ji bahut hi badhiya kaam kiye isi bahane milna hua bloger ka aapas me aur sunhari yaadon ke panne bhi likh gaye un sabhi ke
ReplyDeleteभाटिया जी
ReplyDeleteइस पोस्ट में आपके जज्वात साफ देखे जा सकते हैं। स्पष्ट चित्रण के साथ चित्र भी लगा दिया, क्या कहने... आपकी यही बात तो अन्य ब्लागरों में जोश भरती रहती है..
अरे वाह! रिपोर्ट पढ़कर इतना मज़ा आया तो वहां मौजूदगी में कितना अच्छा लगा होगा. शुक्रिया!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दरता के साथ आपने विस्तारित रूप से विवरण किया है ! चित्र भी बहुत अच्छा लगा!
ReplyDeleteशानदार चित्रों के साथ.... बहुत बढ़िया यादगार वर्णन.....!!
ReplyDeleteअजय भाई ने बड़ा अच्छा काम किया आप सब मिल पाए
ReplyDeleteस स्नेह,
- लावण्या
मुझे अफ़सोस है कि उस दिन दिल्ली में रहकर भी किसी से नहीं मिल सका ..पुस्तक मेला में घूमते-घुमते ट्रेन का समय हो गया ..चलिए इश्वर ने चाहा तो कभी न कभी भेंट अवश्य होगी.
ReplyDelete...चित्र और बातें इतनी अच्छी लगी कि न मिलने का और भी अफ़सोस हुआ.
लाजवाब अंदाज़ में जीवंत चित्रों से सजी आपकी यह पोस्ट हमें भी उतना ही मज़ा दे गई जितना आपने महसूस किया.
ReplyDeleteइस मेहमत भरी, लगन से प्रस्तुत आपकी इस प्रस्तुति पर हमारा सलाम.
हार्दिक आभार.
चन्द्र मोहन गुप्ता
यह तो बढ़िया रहा...भविष्य में भी जारी रहे तो उत्तम.
ReplyDelete____________
शब्द सृजन की ओर पर पढ़ें- "लौट रही है ईस्ट इण्डिया कंपनी".