15/02/10

आज हम साली के घर केद हो गये प्यार मै....

आज ६ फ़रवरी की सुबह है, ओर मै हमेशा की तरह बहुत जल्द ऊठ गया, देखा तो भाभी बाहर कपडे सुखने के लिये डाल रही थी, ओर दोस्त सुबह अपनी दिन चर्या पर घुमने चला गया था, बच्चे अभी सो रहे थे, ओर नाना जी भगति मै लगे थे, मेने भाभी को नम्स्ते कही ओर सीधा बाथ रुम मै चला गया, दांत वगेरा साफ़ किये ओर नहा धो कर बाहर आया तो गर्मा गर्म चाय् मेरा इंतजार कर रही थी, मेने ओर भाभी जी ने चाय पी ओर फ़िर खुब बाते करते रहे, कुछ समय बाद नाना जी भी आ गये ओर फ़िर दोस्त भी आ गया, फ़िर नास्ता किया, ओर मेने दोस्त से कहा कि मुझे मेट्रो तक छोड आओ मै यहां से अपनी साली के घर कुछ देर के लिये उन से मिल आंऊ, फ़िर राजीव तनेजा जी से भी बात हुयी,तो पता चला कि मेट्रो से तो मुझे बहुत लम्बा चक्कर पडेगा, तो फ़िर मेने टेकसी की इच्छा जताई तो दोस्त थोडा उखड गया कि मेरे रहते ऎसी बाते क्यो सोचता हे, अरे मेरे साथ चल, ओर मै फ़िर इंकार ना कर सका.
करीब दोपहर एक बजे हम शाली मार बाग पहुच गये, हमारी साली को हमारे भारत आगमन का बिलकुल पता नही था, सो वो सब बहुत हेरान हुये, मेरा दोस्त चाय पानी के बाद चला गया, रात को कही डिनर था सो दोस्त ने मुझे वहा से लेने को कहा, ओ चला गया.
साली के घर बेठे बेठे बहुत सी बाते हुयी, कुछ नाराजगी थी, वो भी बातो बातो मै दुर हुयी, ओर जब मैने वापिस जाने की बात कही तो हमारे सांडू ओर साली साहिब बिफ़र गये कि हम तो हरगिज नही जाने देगे, मेने टालने के हिसाब से कहा कि चलो मे अपना समान ले आऊं, तो उन्होने सीधे दोस्त से बात कि , ओर ड्राईवर को भेज कर सारा समान वही मंगवा लिया.मै अपने सांडू का हाल चाल देखने आया था, जो बहुत बिमार था
ओर फ़िर बाते करते करते कब आठ बज गये पता ही नही चला, ओर मै फ़िर डिनर के लिये निकला लेकिन चाय पी कर वापिस आ गया, ओर फ़िर घर आ कर खुब खाया, ओर रात को सब करीब दो बजे सोने चले गये,लेकिन नींद कमबखत आज भी कम आई, ओर सुबह सब से पहले तेयार हो कर छोटू से दो बार चाय बनबा कर पी ली,
ओर आज तो सात तारीख है, ओर बहुत से दिल हमारी इंतजार कर रहे होंगे, ओर हम भी बहुत बेसव्री से सब से मिलने की इंतजार कर रहे थे, ओर साली साहिबा ने दो तीन अच्छे अच्छे परोंठे हमे खीला दिये.
ओर फ़िर राजीव तनेजा जी के संग.....बाकी अगली पोस्ट मै अंतिम कडी के संग

23 comments:

  1. खातिर दारी के लिए ये भी जरुरी था , पराठें कैसे थे ये तो आपने बताया ही नहीं ।

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  2. बहुत जोरदार भारत यात्रा वर्णन चल रहा है. आगे का इंतजार करते हैं.

    रामराम.

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  3. परांठों के बाद अब अगली कड़ी की प्रतीक्षा रहेगी

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  4. आलू के परांठों की तो बात ही कुछ और है।
    अंतिम कड़ी बड़ी मज़ेदार रहेगी।
    इंतज़ार है।

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  5. कड़ी दर कड़ी खूबसूरती से दिलचस्प अन्दाज में वर्णन अच्छा लगा

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  6. जय हो आपकी...........

    अगली कड़ी की प्रतीक्षा है

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  7. चलिए यह तो खुशगवार पल हैं...

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  8. गेहूँ में बालियाँ झूमती!
    बाहों में सालियाँ झूमती!
    मुबारक हो जी!

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  9. बहुत अच्छी लगी यह पोस्ट.... अब आगे का इंतज़ार है...

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  10. बहुत बढ़िया पोस्ट! बधाई !

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  11. सुन्दर एवं विस्तृत रिपोर्ट ...अगली कड़ी का इंतज़ार है

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  12. लगता है भार्त में पराठें खूब दबाये आपने...अब परहेज चालू है कि भी भी?? :)

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  13. वाह भाटिया जी, साली साहिबा के हाथों के गर्मागर्म परांठे!

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  14. भाटिया जी, परांठामय यात्रा संस्मरण की ये कडी भी बढिया लगी... अगली पोस्ट में देखते है कि उसमें भी पराठों का जिक्र होता है कि नहीं :)

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  15. अगली कड़ी की प्रतीक्षा है.

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  16. अगली कड़ी की प्रतीक्षा है...

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  17. बहुत हेक्टिक चल रहा है भारत भ्रमण

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  18. भारत दर्शन, दोस्त और रिश्तेदारों के बीच आपकी ब्लोगरी भी खूब भली लग रही है.

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  19. raj ji

    namaskar

    yadi india me hai to ek din ke liye Hyderabad to aa jaayiye , mujhe bahut khushi hongi ....

    aapka

    vijay
    www.poemsofvijay.blogspot.com

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  20. Yani ki aapka samay bahut hi aanandmay beet raha hai....

    Bahut achche....aise hi sanand rahiye...achchi yaaden sanjo kar wapas loutiye,yahi shubhkaamna hai...

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  21. भाटिया जी मुबारक |इस उम्र में भी साली साहिबा का स्नेह +प्यार भरे पराठे |बधाई

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  22. चलिए मैडम को पता नहीं चला .

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  23. aapka har post majedar hone ke saath saath naye andaaj me bhi najar aata hai ,ye to jayekedaar hai ,aage ke intjaar me .

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नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये