नमस्कार आप सब को, आप सब को सुचित करते हुये मुझे बहुत खुश हो रही है कि २७/११/२००९ को मैने अपने ब्लांग पर एक आंतक्षरी रखी है सिर्फ़ कविताओ के लिये, आप सभी लोगो को, कवियो को, ओर जो जो कवियाओ मै रुचि रखते है, मै उन्हे सब को अमंत्रित करता हुं,
इस आंतक्षरी मै आप ने अपने से पहली कविता के अन्त वाले अक्षर से अपनी , किसी अन्य कवि की कविता की कम से कम दो लाईने या पुरी कविता लिखनी है, या अपनी कविताओ की कापी कर के पेस्ट कर देनी है, बस तो शुकर वार को मिलते है इस बंलाग पर कविताऒ की अंताक्षरी के संग.... पता यह है... वेसे तो आप सभी जानते ही है, इस ब्लांग को आज भी तो गीतो भरी आंताक्षरी चल रही है जी.
धन्यवाद
बहुत सुन्दर भाटिया जी!
ReplyDeleteमैं कवि तो नहीं हूँ किन्तु बहुत सारी कविताएँ, दोहाएँ आदि अवश्य जानता हूँ, उसी से काम चलाउँगा।
बहुत बढ़िया विचार है यह .
ReplyDeletejee...main zaroor pahunchunga...
ReplyDeleteजरुर आयेंगे..कुर्ता पायजामा तैयार कर लेते हैं.
ReplyDeletejai ho....
ReplyDeleteसूचना देने के लिए आभार!
ReplyDeleteहम भी इरशाद और मुक़र्रर भाई को लेकर आते हैं महफ़िल में !
ReplyDeleteये हुई न बात !!!
ReplyDeleteआपका आमंत्रण स्वीकार कर लिया है जरूर आयेंगे धन्यवाद ...
ReplyDeleteअपने बस की नहीं है जी आपकी आंतक्षरी| जब तक कुछ लिखता हूँ वहाँ कुछ का कुछ हो चूका होता है सो ................बस शुभकामनाएं सभी को !
ReplyDeleteकोशिश जरुर करेंगे आभार
ReplyDeleteregards
are waah.......main aaungi, baap re bhool n jaun ...........prize?
ReplyDeleteहम भी बस पहुँचते हैं "साहिर लुधियानवी" जी को लेकर....हमारी ओर से वो खेला करेंगें :)
ReplyDeleteब्लॉग जगत का यह एकदम नया प्रयास है। बधाई स्वीकारें।
ReplyDelete------------------
क्या है कोई पहेली को बूझने वाला?
पढ़े-लिखे भी होते हैं अंधविश्वास का शिकार।
देखते हैं....!!
ReplyDeleteवाह बहुत ही बढ़िया विचार है! सुचना देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteकृपया आप सभी लाइन में लगकर अपना गेट-पास ले लीजिये
ReplyDeleteवाह सही है बधाई
ReplyDelete