कुछ दिन पहले पुरे विश्व मै ही एक शोर मचा था स्वाईन फ़लू का, भारत ओर भी हमारे जेसे कई देशो मै एयर पोर्ट पर दिखावे के लिये ही वचाब के बहुत सारे उपाय किये गये थे, जिन्हे मेने खुद भी देखा, लेकिन वो सब उपाय मुझे बेकार लगे, क्यो कि फ़ार्म भरने से, ओर दो चार सवाल उस फ़ार्म मै भरने से कुछ नही होने वाला, लेकिन जब हम किसी भी देश मै जाये तो वहां के कानून मानने ही पडते है,
कुछ दिनो बाद मै फ़िन लेंड से होता हुआ वापिस घर आ गया, जब कि आती बार मुझे सख्त जुकाम ओर खांसी थी, ओर ताप भी था, मुझे ना तो फ़िन लेंड मै किसी ने चेक किया ओर ना ही जर्मन मै, कोई फ़ार्म नही भरा,
ओर अब आज कल जर्मनी मै मोसम बहुत ठंडा हो रहा है तो कभी गर्म इस कारण यहां करीब ८०% लोगो को जुकाम हो जाता है, परिवार मै एक को हुआ तो एक दो दिन मै पहला ठीक हुआ तो दुसरे को हो गया, यानि पुरे परिवार को यह जुकाम हो जाता है, ओर हर साल जर्मनी मै इस जुकाम से करीब २०, २५ हजार लोग मरते भी है.
इस बार सब से पहले मेरे छोटे बेटे ने बताया कि उस के स्कुल मे ६ बच्चो को ओर २ स्कुल टीचर को स्वाईन फ़लू हो गया है, तो मेने उसे कहा कि अब तो कल से स्कुल बन्द? बेटा बोला नही पापा, मै बहुत हेरान हुया, स्थानिया अखबार मे भी इस खबर को एक कोने मै छापा, मेने देखा कोई भी इस के बारे कोई चर्चा नही कर रहा, दो चार दिनो के बाद ओर भी बच्चे बिमार हुये, लेकिन पहले वाले स्कुल आ गये.
कुछ दिनो बाद मेरा बेटा भी बिमार हुया ओर डाकटर से दवा ले आया, वो ठीक हुया तो मै पड गया, मै ठीक हुआ तो चार दिन के बाद बडा बेटा स्कुल से आया तो उसे बहुत ज्यादा ताप था, ओर मै सारी रात उसे देखता रहा इतना टेमपरेचर उसे कभी नही हुआ था, यहा के मीटर के हिसाब से ४०,२, सुबह मां के संग डाकटर के पास गया ओर दवा ले आया, लेकिन सार दिन उसे बहुत तेज बुखार रहा, ओर रात को भी, तो दुसरे दिन फ़िर मां के संग दोनो भाई डाकटर के पास गये ओर डाकटर को दिखाया, ओर पुछा कि कही इसे स्वाईन फ़लू तो नही? तो डाकटर ने कहा हो सकता है, लेकिन आप फ़िक्र ना करे, स्वाईन फ़लू का जितना होव्वा लोगो ने खडा किया है यह उतना खतरनाक नही, उस से खतरनाक तो आम जुकाम होता है, बस आप यह दवा ले, ओर एक दो दिन मै यह ठीक हो जाये गा, दो दिन बद बेटा ठीक हो गया तो बीबी का ना० लग गया, उसे भी तेज बुखार सर दर्द सब लक्षण इस स्वाईन फ़लू... ओर वो भी तीन चार दिन बाद ठीक हो गई.
मेरा मकसद इस पोस्ट को लिखने का यही है कि आप लोग इस स्वाईन फ़लू से ज्यादा मत डरे, यह इतना खतरनाक नही ओर ना ही खाम्खा कि अफ़गाहो मै विशवास करे, ओर ना ही अफ़गाहे फ़ेलाये, ओर ना ही घबराये, अगर जुकाम होता है तो, डाकटर( किसी अच्छे) के पास जरुर जाये, खुब सफ़ाई रखे, भीड भाड वाली जगह से बचे, खांसते वक्त मुंह पर रुमाल या कपडा रखे, किसी दुसरे के ऊपर मत खांसे.
ओर दवा के साथ साथ तुलसी ओर अदरक को चाय मै पीये, ओर इस डर को दिल मै ना बिठाये. आगे भगवान मलिक
इस स्वाईन फ़लू से मत डरे, क्योकि डर आधी बीमारी का घर है.धन्यवाद
बहुत अच्छी बात कही आपने....... ऐसे समय में लोगों को अफवाहें फैलाने की जगह सही जानकारी फैलानी चाहिए, तभी ऐसी स्तिथि का डटकर सामना हो सकता है.......
ReplyDeleteसाभार
प्रशान्त कुमार (काव्यांश)
हमसफ़र यादों का.......Humsafar Yaadon Ka
बहुत ही बढ़िया पोस्ट लगाई है राज भाई आपने ........ एकदम सही नज़रिया है ...........डरने का नहीं ..........लड़ने का स्वाईन फ़लू से !
ReplyDeleteचलिए आपकी इस पोस्ट से कुछ राहत तो मिली ! शुक्रिया !यहाँ दूसरा दौर(अफवाहों का ) बस आने वाला है !
ReplyDeleteहमने तो इन्जेक्शन लगवा लिया है भई!
ReplyDeleteस्वायन फ्लू से डरना तो नहीं चाहिए मगर किया क्या जाए ...पूरे 15 दिन बच्चों की छुट्टियाँ हो गयी है ...एहतियात तो बरतनी ही पड़ती है ...!!
ReplyDeleteयहां भी एक दौर तो चल चुका है दूसरा भी आएगा ही ..सरकार पहले की तरह सचेत है ..
ReplyDeleteओहो स्वाईन फ़्लू के लिये नहीं अफ़वाह को खूब फ़ैलाने के लिये..
अजय कुमार झा
बात का बतंगड़ बनाना, राई का पहाड़ बनाना और बात बात में हौव्वा खड़ा कर देना हम लोगों की विशेषता है।
ReplyDeleteसही बात है पर लोग अमेरिका के बोलने पर डर जाते हैं, अरे ये बीमारी वो लोग नहीं झेल सकते हैं :)
ReplyDeleteआज ही अखबार में खबर है शहर के आठ निजि स्कूल स्वाईन फ्लू के कारण बंद कर दिए गए हैं। स्वाईन फ्लू से कौन डरता है जी? अब देखिए शोभा जी ठीक इसी वक्त दिन की दूसरी चाय ले आई हैं पर यह चाय नहीं अर्जुन छाल के पाउडर से चाय की तरह बनाया गया गर्म पेय है जिस में अदरक, थोड़ा दूध और चीनी है। दिन में एक-दो बार पियो तो धमनियाँ और शिराएँ चकाचक रहती हैं। उन में खून बराबर दौड़ता रहे तो शरीर की सुरक्षा प्रणाली बेहतरीन रहती है।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लिखा है भाई जी !
ReplyDeleteअधिकतर बीमारियों के बारे में घबराहट और अखबारी डर दिमाग पर इस कदर हावी हो जाता है कि जीवनी शक्ति साथ देना छोड़ देती है और इस स्थिति में तो साधारण बीमारी नही भयानक परिणाम दे सकती है !
आपका यह लेख बहुत प्रेरणा दायक है राज साहब !
शुभकामनायें स्वीकार करें !
वकील साहब का सुझाव बहुत बढ़िया है
एकदम सही बात कही भाटिया साहब आपने, मीडिया और कुछ स्वार्थी लोगो ने इसका बेवजह हवा खडा कर अपनी दूकान चला ली बस ! एक सामान्य सी बीमारी है ,अब तक करीब ५०० लोग इसके शिकार भारत में हुए और ८०० लोग इस दौरान दुर्घता में दिल्ली की सडको पर मर चुके !
ReplyDeletesahi kaha aapne....
ReplyDeleteआपने बिल्कुल सही कहा है ! स्वाईन फ़लू भयानक बीमारी ज़रूर है पर इससे डरके कोई फायदा नहीं बल्कि हमें सावधानी से रहनी चाहिए और हिम्मत से काम लेना चाहिए ! कभी भी किसी चीज़ से नहीं डरना चाहिए! एक कहावत है "जो डर गया समझो वो मर गया"!
ReplyDeleteकाम की जानकारी दी आपने. अब जुकाम तो जुकाम ही रहेगा चाहे उसके होने का कारण जो भी हो.
ReplyDeleteमेरी बेटी एक बोर्डिंग में पढती है और उसे आज ही आई फ़्लू के मारे घर भेज दिया . जबकी डाक्टर को दिखाया तो उसने कहा कोई खास बात नही . आज ही से उसके फ़ाइनल टेस्ट शुरु थे . आगे जाने क्या होगा .
ReplyDeleteएकदम सही बात कही है दादा..
ReplyDeleteआधी बीमारियों का इलाज़ तो जिजीविषा है
आप सही कह रहे हैं - हौव्वा बना कर दवाओं का बाजार पुख्ता करना नई बाजारी तकनीक है! :)
ReplyDeleteएकदम सही बात...
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