आज समय मिला तो मै बी बी सी की साईट पर गया, ओर युही ही पेज पलटते पलटते नजर पडी इस खबर पर, मेरे लिये यह माया बत्ती कुछ नही लेकिन इस वीर जवान के बारे मै यह खबर ज्यादा मायने रखती है, अगर ऎसा होता है तो कोन जान जोखिम मै डाल कर फ़िर ऎसा करेगा ??.... पुरी खबर पढने के लिये यहां दबाये....
एक ओर केंद्रीय जाँच ब्यूरो यानी सीबीआई मुख्यमंत्री मायावती और उनके सहयोगियों के ख़िलाफ़ आय से अधिक संपत्ति बटोरने मामले में चार्जशीट को अंतिम रूप देने में लगी है.
पढ़ते हैं.
ReplyDeleteनहा धोकर आते है, सर।
ReplyDeleteहे प्रभु यह तेरापन्थ
धीरेन्द्र राय jiiके साथ सरा सर अन्याय हो रहा है बहनजी के राज मे।
ReplyDeleteअब ऐसे किस्से हर प्रान्त के राजनितिज्ञो और प्रशासनिक सेवको के बीच आम हो गऐ है। अब अदालतो का साहरा बचा है। तब तक बुढे होकर पेसन के लाले पड जाएगे।
पढ़कर मन आहत हुआ।
ReplyDeletekahin aisa na ho ki supreem kort palla jhad le ki kaibinet se iski pushti kara kar fir kort me aaye
ReplyDeletekyonki aaj kal suprem kort u.p.ke kaibinet ko sarvochh maan rahi hai khair jo bhi ho raha hai upar ke kort me jaroor misil band ho rahi hongi itna avasya vishwaas hai
kya ishwar ke nyyaa me itnti der aur andher hoti hai ??????
दुखद प्रसंग है।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
दुखद....
ReplyDeleteregards
भाटिया जी सीबीआई ने एक मामले मे मुझे गवाह बनाकर सप्ताह भर समय खराब किया वो मामला आज तक़ अदालत नही पहूचा।उस मामले मे आरोपी छोटा मोटा आदमी नही था एक मुख्यंत्री था मगर क्या हुआ।सीबीआई को तो बंद कर देना चाहिये या नेताओं की दलाल पार्टी घोषित कर देना चाहिये।
ReplyDeleteअनिल पूसदकर जी की बात से सहमत हैं.
ReplyDeleteरामराम.
क्या कहें जी हम भी खराब हो चले है और सिस्टम भी खराब हो चला है। जिस दिन हम सुधर गए उस दिन सिस्टम भी सुधर जाऐगा। पर फिर भी अफसोस होता है।
ReplyDeleteभाटिया जी आपका पोस्ट कुछ अलग सा लगा! अब हर दिन ऐसे ऐसे किस्से सुनने को मिलते हैं जिसे सोचकर बड़ा ताज्जुब होता है!
ReplyDeletehmmmmmmmmm
ReplyDeleteयह हिन्दुस्तान सारी धर्मनिरपेक्ष भारत है. जायज है!
ReplyDeleteसर जी देर है लेकिन अंधेर नहीं .
ReplyDeleteDukhad sthiti hai, magar yahi Bharat sorry INDIA hai.
ReplyDeletejungle raaj hai jiske hath me lathi bhains ushi ki !!
ReplyDeleteअब यह कोर्ट कचहरी तय करे। क्या कह सकते हैं।
ReplyDeleteVyavstha ki visangatiyon par tikhi chot...dukhad !!
ReplyDeleteये तो सरासर अन्याय है बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और शरमनाक है मगर इन नेताओं को पूछने वाला कोई नही खबर के लिये आभार्
ReplyDeleteजनता जब चेत जायगी और जब सामूहिक आक्रोश तेज हो जायगा तो इस तरह की बातें कम होने लगेंगी. अभी तो जनता कुछ नहीं बोलती तो मनमानी तो होगी ही!!
ReplyDeleteसस्नेह -- शास्त्री
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
http://www.Sarathi.info
बेहनजी के बारे में जो भी पढा, दुख ही हुआ. अपनी मूर्तीयां लगाने का कारनामा तो हद ही हो गयी.
ReplyDeleteबहुत ही शर्मनाक मगर राजनेताओं में शर्म बची कहाँ है .
ReplyDeleteदुखद प्रसंग है....
ReplyDeleteकाश, नेताओं में भी बुद्धि जागृत होती।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
शर्मनाक खबर ......!!
ReplyDeleteबेहद शर्मनाक और दुखद्!!!!!
ReplyDeleteहिन्दुस्तान में यह कोई नई बात नहीं है.
ReplyDeleteमेरा भारत महान
ReplyDeleteनेता की शान
मतदाता सदा परे शान से।
मन दुखी ही हुआ.
ReplyDeleteबेहद शर्मनाक और दुखद्
ReplyDeleteBat kuchh samajh men nahin ai..abhi aur badi ho jaun.
ReplyDelete....kya bhavishya men netagan sudharengen ??
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग "शब्द सृजन की ओर" पर पढें-"तिरंगे की 62वीं वर्षगांठ ...विजयी विश्व तिरंगा प्यारा"
जन-प्रतिनिधि जब निरंकुश हो जाते हैं तो ऐसा ही होता है मगर ऐसे लोग भूल जाते हैं कि समय बहुत बलवान होता है.
ReplyDeleteoh....अनिल पुसदकर जी ने बिल्कुल सही कहा
ReplyDeleteमेरा भारत महान ।
ReplyDelete