10/08/09
शोक सुचना
नमस्कार, आप सभी को दुख के साथ सुचित कर रहा हुं कि मेरी पुज्य माता जी श्री मति कमला देवी भाटिया जी का स्वर्ग वास 24/07/2009 को सुबह छै बजे हो गया, इस कारण मै आप से से कुछ समय दुर रहा, ओर रहूगां, लेकिन कल से मै अपनी एक पोस्ट आप सब के नाम दुगां, जिस मै मेने आखरी पल तक मां के संग जो समय बिताया सब लिखूंगा, ओर अन्तिम दिन तक मेरा समय केसा रहा; फ़िर थोडा मन समभला तो फ़िर से आप लोगो के लिये हाजिर रहुंगा,मां की मोत के बाद बहुत से राज भी खुले, यह सब आप लोगो से बांटूगा, शायद आप इसे पढ कर ऎसे ना बने जो लोग इन लेख के पात्र है, ओर मेरे जेसे वेबकुफ़ भी नही जो आंखे बन्द करके अपनो पर भरोसा कर ले.......
मां बाप एक ऎसा घना पेड होता है जिस की छाव नसीब वालो को मिलती है, ओर वो लोग जो इस पेड की इज्जत नही करते बल्कि इस के फ़ल खाना चाहते है...... उन्हे आप क्या कहेगे.... दिल मै बहुत सी बाते है..... सब धीरे धीरे
आप सभी का धन्यवाद
इस पोस्ट के बाकी लेख मै छोटी छोटी बाते नाम के ब्लांग पर दुंगा
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भाटिया साहब, दुख की इस घड़ी हम भी आपके साथ हैं।
ReplyDeleteईश्वर आपको दुख सह पाने की हिम्मत दे।
दुख की इस घड़ी हम भी आपके साथ हैं।
ReplyDeleteमाता जी को हमारी श्रद्धांजलि। ईश्वर आपको इस अपूरणीय क्षति को सह पाने की शक्ति दें।
ReplyDeleteमाता जी को हमारी श्रद्धांजलि। ईश्वर आपको इस अपूरणीय क्षति को सह पाने की शक्ति दें।
ReplyDeleteमाता जी के लिये श्रद्धा-सुमन और आपके लिये हार्दिक संवेदनायें।
ReplyDeleteमुझे जानकारी थी -आप के अनुभवों की प्रतीक्षा रहेगी !
ReplyDeleteमाताजी को हार्दिक श्रधांजलि. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और आप लोगों को इस असीम दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे.
ReplyDeleteरामराम.
माता जी को मेरी श्रद्धांजलि।
ReplyDeleteपरमपिता आपको इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति दें
राजजी,
ReplyDeleteमाँ का कोई पर्याय इस जग में नहीं है । माताजी के देहान्त का दुखद
समाचार द्रवित करने वाला है । परन्तु हम सभी एक न एक दिन इस
दुःख को सहने के लिए विवश होते ही हैं
परम पिता परमात्मा दिवंगत आत्मा को परम शान्ति प्रदान करे ,
यही हमें प्रार्थना करनी चाहिए...............
अपनी-अपनी माँ से कहता
हर व्यक्ति संसार का
मैं आकंठ ऋणी हूँ माता
तेरे अनुपम प्यार का
ईश्वर इस शोक की घड़ी में आपको हौसला प्रदान करे..............
जय श्री राम !
माताजी को हार्दिक श्रद्धांजलि..
ReplyDeleteआपने ठीक कहा. माता पिता एक घने पेड़ की तरह ही होते है., जिनकी शीतल छाँव में हम पलते है..
माताजी को हार्दिक श्रद्धांजलि..
ReplyDeleteईश्वर इस दुख की घड़ी में आपको सम्बल देगा।
माता जी को हमारी श्रद्धांजलि.इस दुःख की घडी में हम आप के साथ हैं.आप की पोस्ट की प्रतीक्षा रहेगी.
ReplyDeleteमाता जी के लिये श्रद्धा-सुमन और आपके लिये हार्दिक संवेदनायें
ReplyDeleteईश्वर को किसी ने नहीं देखा लेकिन वह माँ बाप के रूप में हमारे साथ रहता है . आपको यह अपार दुःख सहने की छमता प्रदान करे ईश्वर . और माताजी को अपने यहाँ आश्रय दे .
ReplyDeleteमाता जी को हमारी श्रद्धांजलि। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे आपके अनुभव और आपकी पोस्ट की प्रतीक्षा रहेगी.
ReplyDeleteregards
माता जी को हमारी श्रद्धांजलि.... उनकी आत्मा को ईश्वर शांति प्रदान करे
ReplyDeleteपूज्य माता जी श्रद्धा सुमन !
ReplyDeleteमाँ की जगह कोई नहीं ले सकता
उनकी कमी का अहसास तो सारी उम्र रहेगा !
दुःख की इस घड़ी में हम आपके साथ हैं !
उन्होंने हमेशा आपके सुख की कामना की होगी
बस उन्हें प्रेरणा मानकर उनके स्वप्नों को पूर्ण करें !
यही सच्ची श्रद्धांजलि है !
श्रद्धांजली
ReplyDeleteपरमात्मा माताजी की आत्मा को शांति प्रदान करे।
जब आप कु्छ दिन गैरहाजिर कहने की बता रहे थे और सोमवार वाली पहेली अचानक कैंसिल हो गई थी तभी आशंका हो गई थी।
दो दिन बाद ताऊ रामपुरिया जी ने हमें सूचना दे दी थी ।
आपके सुभाष मोहल्ला स्थित घर आकर श्रद्धा-सुमन अर्पित करना चाहता था, लेकिन……………………
प्रणाम
मां-बाप से बढ़कर कोई नहीं होता.. ईश्वर उन्हें शान्ति प्रदान करे.
ReplyDeleteईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और आपको क्या कहूँ...हम सब साथ हैं ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और आपको क्या कहूँ...हम सब साथ हैं
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteराज जी,माता जी के बारे में जान कर बहुत दुख हुआ ।इस दुख में हमे अपने साथ समझे।
ReplyDeleteप्रभु आप को यह दुख सहने की हिम्मत दे।
माताजी को हार्दिक श्रद्धांजलि..
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।
ReplyDeleteइस मुश्किल घड़ी में परमात्मा आपको साहस दे अपने आप को संभालने का। दिवंगत आत्मा के शांति लाभ के लिये प्रार्थनारत हूं।
ReplyDeleteमां भगवान का ही रूप है।ईश्वर माताजी को अपनी शरण मे ले और उनके चले जाने के असीम दुःख को सहने की आपको और परिजनो को शक्ति दे।माताजी को मेरी भी श्रद्धांजलि।
ReplyDeleteमाता जी को हमारी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि!!
ReplyDeleteभाटिया जी, इस दुःख की वेला में हम सब आप के साथ हैं!!
माता जी को मेरी ओर से भी श्रद्धांजलि. आपके अनुभवों से भरी पोस्ट की प्रतीक्षा रहेगी.
ReplyDeleteमाताजी को श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ
ReplyDeleteआप अभी कितने vyathit होंगे......andaja लगा सकती हूँ......
ReplyDeletebilkul सही कहा आपने ...माँ baap का saya sar से uth जाना waisa ही होता है ,jaisa makaan पर से chhat का uth janaa ......
iishwar आपकी mataji की divangat aatma को shanti tatha sadgati pradaan करें tatha aaplogon को इस दुःख की ghadi में dhairya pradaan करें....
बहुत दुखद खबर सुनाई आपने। इधर आप ब्लॉग पर नजर नहीं आ रहे थे। ईश्वर आपको इस दुख से उबरने की शक्ति दे।
ReplyDeleteMaan ke bina jiwan ekdam se adhura lagne lagta hai...dheeraj banaye rakhen. Maan apne bhitar sadaiv maujud rahengi.
ReplyDeletema kee kami koee puree nahee kar sakta. apko eeshwar ye dukh sahane kee shaktee de aur aapkee matajee ki atma ko shanti pradan kare.
ReplyDeleteआपकी पूज्य माताजी के निधन पर मेरी विनम्र श्रद्धांजली .ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें, और इस बिछोह के भारी क्षण में आपको संबल प्रदान करे.
ReplyDeleteमां का ऋण कोई नही उतार पाया है आज तक. हम कम से कम उन्हे जीवन तक याद रख सकें तो भी ठीक है.
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आप सब ने मुझे इस समय अपना सहारा दिया, मेरे आंसू पोंछे..... लेकिन बिमारी की वजह से मै आप सब को जल्द धन्यवाद ना दे पाया.
ReplyDeleteकल ही अस्पताल से आया ओर फ़िर सोचा चलो ब्लांग जगत मै मै घुम लुं बस आप सब की टिपण्णियां ओर मेल ही पढ पाया, ज्यादा हिम्मत भी नही थी, ओर फ़िर लेट गया, आज बच्चे भी ओर बीबी भी बहुत खुश थे मेरे घर आने से.
आप सब का बहुत बहुत धन्यवाद फ़िर से
आपकी माताजी को मै अपनी श्रद्धांजली अर्पित कर्ती हूं!..... मेरी आपसे फोन पर बात-चित हुई है...... मै दर्द को समझ सक्ती हूं!... जर्मनी में आप के परिवार के साथ गुजारे हुए खुशहाली के चंद दिन भी मै भला कैसे भूल सकती हूं?.... अभी इस समय आप को आराम की सख्त जरुरत है!.... हम सभी इस दुख की घडी में आपके साथ है!
ReplyDeleteहार्दिक सम्वेदनायें और आदरणीया माताजी को श्रद्धा-सु्मन।
ReplyDeleteमाँ पिताजी को खोने का दुःख क्या होता है मैं अच्छी तरह से अनुभव कर सकती हूँ! माँ पिताजी से बढ़कर इस दुनिया और कुछ नही होता! इस दुखद घड़ी में हम सब आपके साथ हैं! माता जी को मेरी ओर से विनम्र श्रधांजलि!
ReplyDeleteमाता जी को मेरी श्रद्धांजलि।
ReplyDeleteपरमपिता आपको इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति दें