Anonymous said... हमारा नाम क्यों खराब करते हैं? यहां का सब माहौल खराब करने मे आप जैसी पोस्ट लिखने वाले, शास्त्री, और सबका सरदार ताऊ और उसके चेले, राज भटिया, अरविंद मिश्रा, अविनाश वाचस्पति जैसे लोग जिम्मेदार हैं और हमारा नाम क्यों लेते हैं? महिलाओं का कुछ तो सम्मान करना सीखो। June 26, 2009 2:41 AM |
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अब आप ही इसे पढ कर बताये कि यह किसी महिला की ही टिपण्णी ही लगती है या नही, क्योकि यह भाषा आप को कई लेखो मे , कई टिपण्णीयो मे मिलेगी.
लेकिन शाक करने से कोई चोर साबित नही होता, इस लिये अभी खोज बीन चालू है, बस इन अनाम/ आनमिका जी को चुस्त करने के लिये यह लिखा है,कि अगली गलती ना करे वरना.......परदा उठ जायेगा....
एक जासूसी हैट और लगा लो और एक पाईप धुँआ छोड़ते हुए-जासूस राज भाटिया.फिर हम सब सलाम करेंगे. :)
ReplyDeleteपर्दा उठ जाने दो.......
ReplyDeleteसमिरभाई की सलाह पर भी सोच विचार करने मे नुकशान नही है.
ReplyDeleteपर्दे में मत रखिये नहीं तो ऐसी बहुत सी टिपण्णीयो की बाढ़ आ जायेगी .
ReplyDeleteमहिला या महिला जैसों की तो लग रही टिप्पणी :-)
ReplyDeleteपूरी जासूसी कर रहे हैं आप तो !!
ReplyDeleteवाह भाटिया जी अब इस अनामिका का फोटो भी ढूंढ लो तो कसम जी टी रोड की मजा आ जायेगा...
ReplyDeleteपता नही है कौन है वो …………।
ReplyDeleteलगता है अब ताऊ को ये अनामिका हरयाणा छोड कर ही आयेगी? भाई कुछ हमको भी तो बताओ कि आपने पकड ली है या अभी जाल ही फ़ैलाया हुआ है.:)
ReplyDeleteरामराम.
क्या बात है ! 'अनाम ने नाम खराब न करने की गुजारिश की है!'
ReplyDelete'नाम वाला बदनाम होता है 'सुना था मगर अब नयी बात सुनी-'अनामी भी बदनाम होते हैं???'
बिलकुल ऐसी ही मिलती जुलती टिप्पणी -[टारगेट--यही गिने चुने नाम ]--अजय जी की एक पोस्ट पर भी २-४ दिन पहले थी...
007 भाटिया जी.......:)
ReplyDeleteapne likh ki aage kya?
ReplyDeleteso likh diya
aa dekhen jara
ka
agla bha
लो कल्लो जी बात
ReplyDeleteअनामी को नामों में आने लगा स्वाद
जायका न खराब हो जाए
अनामिका हों तो बतलायें
कि टिप्पणी करने से पहले
कौन सा इत्र/घासलेट इस्तेमाल करती हैं
क्योंकि वही गंध टिप्पणियों में
महसूसी जा सकती है
बोलो
जोर से बोलो
चना जोर गरम
बाबू मैं लाया मजेदार।
अब पर्दा उठा ही दो ठाकुर :)
ReplyDeleteराज भाई...कसम से..परदे को आग लगा दो ..या फाड़ कर चित्थ्रे चित्थ्रे कर दो....मगर कसम सोते वाले की..अब तो ये पर्दा हट ही जाए....बहुत मजा आने वाला है..भैया बड़ा परेशान किया शरीफों को ...
ReplyDeleteyeh parda utha do, jara mukhda dikha do sir, anamika ji ka aur tareeka bhi bataiyega.
ReplyDeleteLagta hai kafi kareeb hain aap is 'Gumnaaam'ko range haath pakadne ke. Pata nahin is 'hasti' ko benaqab karna uchit hoga ya nahin, vaise ye kai nai posts ki prerna to ban hi rahe/rahi hain.
ReplyDeleteपर्दा उठना ही चाहिए।
ReplyDeleteमुझे लगता है कि यह कोई अनामी ही है !
ReplyDeleteअपनी तरफ से ध्यान हटाने के लिए जानबूझकर आख़िरी लाईन लिखी है ताकि लोग किसी महिला पर शक करें !
आज की आवाज
महिलाओं का कुछ तो सम्मान करना सीखो।
ReplyDeleteये एक चुग्गा भी हो सकता है अनामी ने चुगाया हम सब चुग रहे हैं
क्या पता भरमाने के लिए किसी पुरुष ने ये लिखा हो ताकि शक किसी महिला पर जाये
वीनस केसरी
पता नहीं यह टिप्पणी महिला की है या नहीं, पर आपको और कई अन्य को हिला जरूर गई है! :)
ReplyDeleteक्या बात है जी...! आजकल बड़े भाई लोग बेनामीफोबिया में जी रहे हैं। मैं तो बस उस मुँह्चोर लेखक के कमेण्ट्स मजे लेकर पढ़ता हूँ। यदि यह पता चल गया कि यह कोई अनामिका है तब तो स्वाद बढ़ ही जाता है।
ReplyDeleteशर्माजी से कहिए, आनन्दित रहें।:)