हम सब को यह बात हमेशा याद रखनी चाहिये कि परिवार, समाज ओर यह सारी दुनिया हम सब के आपसी सहयोग ओर भाईचारे की भावना से ही चल रही है, मुस्बित, दुख ओर बुरा समय किसी पर भी आ सकता है, चाहे वो कितना भी लायक हो, अमीर हो, राजा हो. ऎसे समय मे हम सब को सहायता की जरुरत होती है,होसल्ले की जरुरत होती है, सहायता ओर होसल्ला मिल जाने से, मन को तस्स्ली होती है, ओर दुख, कष्ट ओर मुस्बित थोडी कम लगती है, इस कारण हमे बिना भेदभाव के बिना जातपात के ,बिना धर्म का भेदभाव के सब के काम आना चाहिये, आज किसी ओर पर दुख है..... कल हम पर भी आ सकता है.
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आओ ज्ञानी बने, आओ सुखी बने
क्योकि ज्ञानी मनुष्य का मन बिलकुल साफ़ होता है, जिस मे अहंकार का अंधेरा नही होता, यानि वह निर्हंकारी होता है,ओर यह एक बहुत ही बडा गुण है,ज्ञानी मनुष्य बहुत मेहनत करता है,
कई अच्छे काम करता है, लोगो की मदद करता है, लेकिन उस मै कभी अहंकार नही आता, कि यह काम मेने किया है, या फ़िर मेरे बिना यह काम कभी पुरा नही होता, या फ़िर अगर मै उस की मदद ना करता तो वो आज तक कुछ ना होता, ओर यह **मै** अहंकार है, इस अहंकार को खत्म कर दो आप सुखी हो जाओगे.
बहुत अच्छी और सच्ची बात कही है आपने...
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारी दी है आपने। आभार।
ReplyDeleteसच है जी, जितना कड़वा भय है उतना ही अहंकार है।
ReplyDeleteबात आपने बहुत अच्छी बताई ! अहंकारी मनुष्य तो ये जानता भी है की वो अहंकारी है सो उसको कुछ गड़बड़ हो जाए तो बात संभाल लेता है ! यानी प्रायश्चित भी करले पर जो ज्ञानी महात्मा या मनुष्य हैं उनका अंहकार बहुत सूक्ष्म होता है और सारे अनर्थो की जड़ वही होते हैं !
ReplyDeleteहम तो आपकी शिक्षा पर चलते हैं सो आराम में हैं ! अपना कामधंधा करो और अपनी भैसों का दूध पियो , मस्त रहो ! नारायण अच्छी करेंगे !
रामराम !
अहंकारी को खुद का अंहकार नजर नहीं आता।
ReplyDeletebahut achhi jankari sahi ahankar mann ka sabse bada dushman hota hai.
ReplyDeleteबहुत अच्छी और सच्ची बात बताई आपने
ReplyDeleteRegards
कह तो बिल्कुल सही रहे है आप।
ReplyDeleteबहुत अच्छी और सच्ची बात !
ReplyDeleteहमे बिना भेदभाव के बिना जातपात के ,बिना धर्म का भेदभाव के सब के काम आना चाहिये
ReplyDeleteबहुत अच्छी
सच्ची बात...
मैं एक शब्द जो समूल नष्ट के लिए पर्याप्त है . हम रावण ,कंस का अंत इस मैं के कारण देख चुके है लेकिन अनजान बने रहना भी तो अपना मैं ही है .
ReplyDeleteइतनी सरलता से इतनी बड़ी बात अनुभव कि ही बात है,
ReplyDeleteसच कहा-अंहकार तज के सहयोग का रास्ता उत्तम है.......
बापकी बात अच्छी भी है और सच्ची भी । किन्तु मेरे सिवाय बाकी सब अहम् पाले रहते हैं । कई लोगों को इस बात का अहम् होता है कि उन्हें कोई अहम् नहीं ।
ReplyDeleteyou got 5/5, this time you did very well! ham fan ho gaye!
ReplyDeleteबहुत अच्छी और सच्ची बात कही है
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