मैं अकेला ही चला था जानिबे मंजिल मगर
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया
27/11/08
हार्दिक श्रद्धांजली
हार्दिक श्रद्धांजली मेरे उन शहीद भाईयो के लिये जो हमारी ओर हमारे देश की आबरु की रक्षा करते शहीद हो गये।लेकिन मन मै नफ़रत ओर गुस्सा अपनी निकाम्मी सरकार के लिये
राजीव जी मन बहुत उदास है. सैकड़ों जाने ,तमाम पुलिस अफसर की जानें गयी और धरोहर के जैसी कई पुरानी इमारतों का नुक्सान हो गया. यह क्या हो गया है आमची मुंबई को, किसकी नज़र लगी है इस शहर को कुछ समझ नही आता..... हे ईश्वर इन चरमपंथिओं को सदबुद्धि दो. मानवता की यही पुकार है.....
" आज शायद सभी भारतीय नागरिक की ऑंखें नम होंगी और इसी असमंजस की स्थति भी, हर कोई आज अपने को लाचार बेबस महसूस कर रहा है और रो रहा है अपनी इस बदहाली पर ..."ईश्वर मारे गए लोगों की आत्मा को शान्ति प्रदान करें . उनके परिजनों को दु:ख सहने की ताकत दें .
अपनी एक जुटता का परिचय दे रहा हैं हिन्दी ब्लॉग समाज । आप भी इस चित्र को डाले और अपने आक्रोश को व्यक्त करे । ये चित्र हमारे शोक का नहीं हमारे आक्रोश का प्रतीक हैं । आप भी साथ दे । जितने ब्लॉग पर हो सके इस चित्र को लगाए । ये चित्र हमारी कमजोरी का नहीं , हमारे विलाप का नहीं हमारे क्रोध और आक्रोश का प्रतीक हैं । आईये अपने तिरंगे को भी याद करे और याद रखे की देश हमारा हैं ।
आपने कभी सोचा है की अमेरिका पे दुबारा हमला करने की हिम्मत क्यों नही हुई इनकी ?अगर सिर्फ़ वही करे जो कल मनमोहन सिंह ने अपने भाषण में कहा है तो काफ़ी है.....अगर करे तो.... फेडरल एजेंसी जिसका काम सिर्फ़ आतंकवादी गतिविधियों को देखना ....टेक्निकली सक्षम लोगो को साथ लाना .रक्षा विशेषग से जुड़े महतवपूर्ण व्यक्तियों को इकठा करना ....ओर उन्हें जिम्मेदारी बांटना ....सिर्फ़ प्रधान मंत्री को रिपोर्ट करना ,उनके काम में कोई अड़चन न डाले कोई नेता ,कोई दल ....... कानून में बदलाव ओर सख्ती की जरुरत ..... किसी नेता ,दल या कोई धार्मिक संघठन अगर कही किसी रूप में आतंकवादियों के समर्थन में कोई ब्यान जारीकर्ता है या गतिविधियों में सलंगन पाया जाए उसे फ़ौरन निरस्त करा जाए ,उस राजनैतिक पार्टी को चुनाव लड़ने से रोक दिया जाए .उनके साथ देश के दुश्मनों सा बर्ताव किया जाये .......इस वाट हम देशवासियों को संयम एकजुटता ओर अपने गुस्से को बरक्ररार रखना है .इस घटना को भूलना नही है....ताकि आम जनता एकजुट होकर देश के दुश्मनों को सबक सिखाये ओर शासन में बैठे लोगो को भी जिम्मेदारी याद दिलाये ....उम्मीद करता हूँ की अब सब नपुंसक नेता अपने दडबो से बाहर निकल कर अपनी जबान बंद रखेगे ....इस हमले को याद रखियेगा ......ये हमारे देश पर हमला है !
आतंकवादियो के ख़िलाफ़ अब समय आ गया है कि इनके ख़िलाफ़ सार्थक कार्यवाही की जाए . घटना में दिवंगत निरीह बेगुनाह जनों को श्रध्धासुमन अर्पित करता हूँ भगवान उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे. ॐ शान्ति
shahidon ko naman hamara bhi,aap thik keh rahe sir ji,kya bole kuch samjh nahi aa raha hai,man ab tak kehta hai ye hadsa hua hi nahi,magar tv kholo to sab sach lagta hai.
मन की स्थिती निराशा,खीज,और अंधेरे भविष्य की आशंका की वजह से उद्वेलित है.
ये राष्ट्रीय शोक सप्ताह होना चाहिये. किसी भी भीरु राजनेता के लिये पूरे राष्ट्र के झंडे झुकाने वाली सरकार के झंडे उसके बेशर्म हौसलों की तरह उंचे फ़हरा रहे है.
नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये
Hamaree bhee shradhdhanjali
ReplyDeleteaur gussa bhee shamil hai
राजीव जी
ReplyDeleteमन बहुत उदास है. सैकड़ों जाने ,तमाम पुलिस अफसर की जानें गयी और धरोहर के जैसी कई पुरानी इमारतों का नुक्सान हो गया. यह क्या हो गया है आमची मुंबई को, किसकी नज़र लगी है इस शहर को कुछ समझ नही आता..... हे ईश्वर इन चरमपंथिओं को सदबुद्धि दो. मानवता की यही पुकार है.....
meri shardhanjali un netao ko jo jinda bhee mare huye ke saman hai. narayan narayan
ReplyDeleteॐ शान्तिः।
ReplyDeleteकोई शब्द नहीं हैं...।
बस...।
" आज शायद सभी भारतीय नागरिक की ऑंखें नम होंगी और इसी असमंजस की स्थति भी, हर कोई आज अपने को लाचार बेबस महसूस कर रहा है और रो रहा है अपनी इस बदहाली पर ..."ईश्वर मारे गए लोगों की आत्मा को शान्ति प्रदान करें . उनके परिजनों को दु:ख सहने की ताकत दें .
ReplyDeleteअपनी एक जुटता का परिचय दे रहा हैं हिन्दी ब्लॉग समाज । आप भी इस चित्र को डाले और अपने आक्रोश को व्यक्त करे । ये चित्र हमारे शोक का नहीं हमारे आक्रोश का प्रतीक हैं । आप भी साथ दे । जितने ब्लॉग पर हो सके इस चित्र को लगाए । ये चित्र हमारी कमजोरी का नहीं , हमारे विलाप का नहीं हमारे क्रोध और आक्रोश का प्रतीक हैं । आईये अपने तिरंगे को भी याद करे और याद रखे की देश हमारा हैं ।
ReplyDeleteसच है जी, गुस्सा और उदासी ही है।
ReplyDeleteशोक और गुस्सा...
ReplyDeleteशोक और गुस्सा...
ReplyDeleteशोक और गुस्सा...
ReplyDeleteआपने कभी सोचा है की अमेरिका पे दुबारा हमला करने की हिम्मत क्यों नही हुई इनकी ?अगर सिर्फ़ वही करे जो कल मनमोहन सिंह ने अपने भाषण में कहा है तो काफ़ी है.....अगर करे तो....
ReplyDeleteफेडरल एजेंसी जिसका काम सिर्फ़ आतंकवादी गतिविधियों को देखना ....टेक्निकली सक्षम लोगो को साथ लाना .रक्षा विशेषग से जुड़े महतवपूर्ण व्यक्तियों को इकठा करना ....ओर उन्हें जिम्मेदारी बांटना ....सिर्फ़ प्रधान मंत्री को रिपोर्ट करना ,उनके काम में कोई अड़चन न डाले कोई नेता ,कोई दल .......
कानून में बदलाव ओर सख्ती की जरुरत .....
किसी नेता ,दल या कोई धार्मिक संघठन अगर कही किसी रूप में आतंकवादियों के समर्थन में कोई ब्यान जारीकर्ता है या गतिविधियों में सलंगन पाया जाए उसे फ़ौरन निरस्त करा जाए ,उस राजनैतिक पार्टी को चुनाव लड़ने से रोक दिया जाए .उनके साथ देश के दुश्मनों सा बर्ताव किया जाये .......इस वाट हम देशवासियों को संयम एकजुटता ओर अपने गुस्से को बरक्ररार रखना है .इस घटना को भूलना नही है....ताकि आम जनता एकजुट होकर देश के दुश्मनों को सबक सिखाये ओर शासन में बैठे लोगो को भी जिम्मेदारी याद दिलाये ....उम्मीद करता हूँ की अब सब नपुंसक नेता अपने दडबो से बाहर निकल कर अपनी जबान बंद रखेगे ....इस हमले को याद रखियेगा ......ये हमारे देश पर हमला है !
आतंकवादियो के ख़िलाफ़ अब समय आ गया है कि इनके ख़िलाफ़ सार्थक कार्यवाही की जाए .
ReplyDeleteघटना में दिवंगत निरीह बेगुनाह जनों को श्रध्धासुमन अर्पित करता हूँ भगवान उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे.
ॐ शान्ति
shahidon ko naman hamara bhi,aap thik keh rahe sir ji,kya bole kuch samjh nahi aa raha hai,man ab tak kehta hai ye hadsa hua hi nahi,magar tv kholo to sab sach lagta hai.
ReplyDeleteआपकी भावनाओं में हम भी शामिल हैं।
ReplyDeletewe all are agree being with you for this moment
ReplyDeleteशहीदों को मेरा भी नमन aur हार्दिक श्रद्धांजली
ReplyDeleteइसी उहापोह से मै भी गुजर रहा हुँ !!
ReplyDeleteमन की स्थिती निराशा,खीज,और अंधेरे भविष्य की आशंका की वजह से उद्वेलित है.
ReplyDeleteये राष्ट्रीय शोक सप्ताह होना चाहिये. किसी भी भीरु राजनेता के लिये पूरे राष्ट्र के झंडे झुकाने वाली सरकार के झंडे उसके बेशर्म हौसलों की तरह उंचे फ़हरा रहे है.
राष्ट्रीय बेशर्मी का भी दिवस मनाना चाहिये.
चोर को मत मारो चोर की मां को मारो ताकि चोर पैदा ना हों.....
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