23/09/08

दादी मां

आईये आप कॊ एक दादी मां की बात बतायें.....दिल्ली से रोहतक जाने के लिये एक बुढिया दादी मां जो करीब नव्वे साल के करीब थी, ओर पतला सा शरीर ओर बेचारी से चला भी मुश्किल जा रह था, बच्चो ने शायद मना कर दिया,
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6 comments:

  1. भाटिया जी , आप के छोटी छोटी बातें वाले आशियाने पर जा कर पूरी पोस्ट भी पढ़ आये हैं और टिप्पणी भी ठेल आये हैं।
    लेकिन एक बात बतलाइये कि यह जो ऊपर फूल दिख रहा है ...इस का क्या नाम है और यह कहां पर खिला हुया है। सचमुच बताऊं कि यह फूल देख कर मन इतना खुश हो उठा है कि ज़ोर से सीटी मारने की इच्छा हो रही है.....mysterious are the ways of Mother Nature!!

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  2. वहीं जाते हैं.

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  3. ये फूल तो वाकई काफी खूबसूरत है....इसके पंखुडियों के एक विशेष ढंग से अधखुले रूप ने इसमें तो अनोखी छटा बिखेर दी है।

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  4. ये आलेख बहुत बढिया लगा राज भाई और फूल भी सुँदर है !
    - लावण्या

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  5. वाह जी वाह......ओर आपका ब्लॉग भी चमचमा रहा है आज कल....

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