25/07/08

हादसा

कर्मचारी (अधिकारी से )..सर मेरी शादी हो गई हे,आप मेरी तन्खाह बढा दे.
अधिकारी (कर्म्चारी से) देखिये कम्पनी के बाहर होने बाले हादसे के हम जिम्मेदार नही.
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सतां भिखारी - मै बहुत लाचार हूं खाने को कुछ दे दीजिए। मिसेज बंता - हट्टै खट्टे तो दिख रहे हो। हाथ पैर भी सलामत है फिर किस बात से लाचार हो?संता भिखारी - जी अपनी आदत से।
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भिखारी :- साहब 6 Rs . दे दो कॉफी पीनी है.आदमी :- कॉफी तो 3 Rs. की मिलती है फिर 6 क्यों??.भिखारी:- साहब प्रेमिका भी साथ है......आदमी :- भिखारी होकर प्रेमिका भी बना ली?????.भिखारी:- साहब मैने प्रेमिका नहीं बनाईं ,प्रेमिका ने मुझे भिखारी बना दिया !!!!!
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रावण: भीक्षाम देही ...........स्त्री: लो स्वामी रावण : रेखा पार कर के आओ ( स्त्री रेखा पार करती है ) रावण : हा! हां! हां! मैं भिक्षुक नहीं रावण हूँ......स्त्री: मैं भी सीता नहीं कामवाली हूँ.......

12 comments:

  1. १. इस हसीं हादसे को ५ स्टार
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    २. कूल संता .. ४ स्टार
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    ३. सबक सीखो को ५ स्टार
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    ४. अति सुंदर ...पुरे ५ स्टार
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    ५+४+५+५+=२०/४=४.७५
    दबाएँ ५ स्टार

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  2. हा हा हा
    बहुत ही आनंद आया.

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  3. Duplicate रावण के लिये duplicate सीता सही है जनाब बहुत सही !!

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  4. wah raj ji
    aaj to ek se badhakar chukule padha diye anand aa gaya ha ha ha.

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  5. हा हा ,आनंद आया.

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  6. Bhatia sahab sabse pahle Namaskar,

    ..bahut khub apke chutkulon ne lot-pot kara diya...aisa hi likhte rahen....

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  7. ha ha ha...... maja aa gaya. bhut badhiya.

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  8. राज भाई ! खूब हंसाया आपने, आपका शुक्रिया !

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नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये