अजी गोर फ़र्माये.. अर्ज किया हे...
रात होगी तो चांद भी दिखाई देगा,खावो मे तुम्हे वो चेहरा भी दिखाई देगा,
ये मुहब्बत हे जरा सोच के करना,क्योकि एक आंसु भी गिरा तो सुनाई देगा.
चेहरे पे बनावट का गुस्सा, आंखो मे झलकता प्यार भी हे
इस शोंकयऎ अदा को कया कहिये, इकरार भी हे इनकार भी हे.
अच्छे शेर है
ReplyDeleteबहुत बढ़िया।
ReplyDeleteरात होगी तो चांद भी दिखाई देगा,खावो मे तुम्हे वो चेहरा भी दिखाई देगा,
ReplyDeleteये मुहब्बत हे जरा सोच के करना,क्योकि एक आंसु भी गिरा तो सुनाई देगा.
vah vah......
भाटिया जी चाल्हे रौप दिए थमनै तो !
ReplyDeleteओहो हो !..... प्रीतम प्यारे की याद दिलादी !
बाबा पलटूदास जी के भजन की दो लाइन--
" रैन दिवस बेहोस पिया के रंग में राती !
तन की सुधि है नाही पिया संग बोलत जाती !!
आपका अनंत अनंत धन्यवाद !
पुरा गौर फ़र्मा रहे है जनाब इर्शाद इर्शाद !!
ReplyDeletevah vah bhut khub.
ReplyDeleteवाह!! वाह!! चालू रहिये. (मुन्नू को भेजता हूँ :))
ReplyDeleteगुरुदेव और चाहे जो सजा देलो पर मुन्नू को आप ही संभालो !
ReplyDeleteम्हारा बस का रोग ना सै यो मुन्नू !