मैं अकेला ही चला था जानिबे मंजिल मगर
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया
14/06/08
श्रद्धांजली मेरे जन्म दाता को
श्रद्धांजली मेरे पुज्य पिता जी को,जिन्होने हमे जन्म दे कर पाल पोस कर इतना बडा किया, ओर फ़िर अच्छे संस्कार दिये मान समान से रहना सिखाया,अच्छी अच्छी बाते सिखाई, पिता जी का देहान्त १५ मई २००८ को सुबह ८,५५ पर भारत के शहर रोहतक मे हुया,ओर आखरी समय तक मेरे लिये तडपते रहे, वेसे मुझे भी २,३ दिन पहले कुछ अजीब सा महसुस हो रहा था, लेकिन मे कुदरत के इस इशारे को ना समझ सका,ओर अपने पिता के आखरी दर्शन भी ना कर पाया,मेरे पिता जी पजाब के जिला होशियार पुर, तहसील गडशंकर, गावं पनाम से हे,बचपन से ही पिता जी धर्मिक पखान्डो को नही मानते थे, लेकिन धर्म को मानते थे, ओर सभी धर्मो की समान रुप से इज्जत करते थे, ओर कर्म मे विशवास रखते थे,१९६० से १९८७ तक सरकारी नोकरी की लेकिन कभी भी रिश्वत ना ली ओर ना ही दी, ओर ना ही हमे लेने, ओर देने दी,हम दो भाई हे बिना दहेज लिये हमारी शादी की,दुसरो का दुख पिता जी को अपना दुख लगता था, सादा जीवन लेकिन उच्च विचार यही था पिता जी का सन्देश... मेरे सभी लेखो मे आप मेरे पिता जी के ही विचार पाये गे, आज उन की पहली बरसी हे इस अवसर पर उन की पसन्द का एक गीत जो गीत ना हो कर एक भजन हे आप को सुनाता हु, जब भी यह गीत सुनता था तो पिता जी इस के एक एक बोल का अर्थ मुझे समझाते थे,ओर अब जब भी इसे सुनता हु तो ऎसा मह्सुस होता हे पिता जी कही आस पास ही हे..मुझे जब भी जन्म मिले मेरे पिता यही हो मेरी भगवान से यही विनती हे.. तो सुनिये वो भजन रुपी गीत....
aapke pita ji ka pasandida bhajan sunwane ka shukrana,wo hamesha aapke aas paas hi aur dil mein rehenge,unka aashirwad hamesha aap par saya ban rahe yahi dua hai.
राज जी पिता का जाना एक ऐसी शति है ,जिसकी भरपाई नही हो सकती ,मैं तो काँप जाता हूँ ख्याल करके भी....जानता हूँ आप दुखो के पहाड़ से गुजरे है...मेरी भी श्रद्धा आपके पिता को......हिम्मत रखे.......
काफी दिनों से आपकी कोई पोस्ट नही पढी, पता नही आपने लिखी ही नही या मैंने ही ध्यान नही दिया लेकिन ये ख्याल कई बार आया कि कहीं खुदानाखास्ता आपकी तबियत तो खराब नही, आज आपकी पोस्ट देख कर बहुत अच्छा लगा,शानदार पोस्ट.शुक्रिया.
bhatiaji aapke shok ka hamein dwiwediji ke post se pata chala tha. Dukh ki is ghadi mein bhagwaan aapko sahaaara dein... pitaji ko shraddhanjali... yahi jivan hai aur kya kah sakta hoon.
इश्वरतुल्य पिताश्री की आत्मा को मेरी विनम्र श्रध्धांजलि . भगवान उनकी आत्मा को असीम शान्ति प्रदान करे. राज जी मै आपके दुःख में सहभागी हूँ आप अपना संबल बनाये रखे ॐ शान्ति .
Kaise ajeeb daivyoog hai, main bhi pichle kaafi samay se net par nahin aa paya tha. Aur abhi kuch dinoo pahle he aap ne mere post par apne pitaji ke vishay me likha tha aur kaisa daivyoog hai ki abhi 18 June ko maine apne pita ji ki teesari barsi par thoda ro man halka kiya tha.
Pita ji ke jaane ka dard main abhi bhool nahin paya hoon, is liye jhothi santavna nahin doonga. Main to khoob roya tha, shayad aap bi man halka karna chahen.
नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये
आपके पूज्य पिताजी को प्रभू असीम शांति प्रदान करें.
ReplyDeleteaapke pita ji ka pasandida bhajan sunwane ka shukrana,wo hamesha aapke aas paas hi aur dil mein rehenge,unka aashirwad hamesha aap par saya ban rahe yahi dua hai.
ReplyDeleteआपके पिताजी को मेरी भी श्रद्धांजलि.
ReplyDeleteराज जी पिता का जाना एक ऐसी शति है ,जिसकी भरपाई नही हो सकती ,मैं तो काँप जाता हूँ ख्याल करके भी....जानता हूँ आप दुखो के पहाड़ से गुजरे है...मेरी भी श्रद्धा आपके पिता को......हिम्मत रखे.......
ReplyDeleteपिता जी को हमारी भी श्रद्धांजली। पिताजी का नाम जान पाने की उत्सुकता मन में ही रह गई।
ReplyDeleteकाफी दिनों से आपकी कोई पोस्ट नही पढी, पता नही आपने लिखी ही नही या मैंने ही ध्यान नही दिया लेकिन ये ख्याल कई बार आया कि कहीं खुदानाखास्ता आपकी तबियत तो खराब नही, आज आपकी पोस्ट देख कर बहुत अच्छा लगा,शानदार पोस्ट.शुक्रिया.
ReplyDeletebhatiaji aapke shok ka hamein dwiwediji ke post se pata chala tha. Dukh ki is ghadi mein bhagwaan aapko sahaaara dein... pitaji ko shraddhanjali... yahi jivan hai aur kya kah sakta hoon.
ReplyDeleteaapki kami khali blog jagat par!
इस दुखद घड़ी में हम सभी आपके साथ है भाटिया जी .. आपके पिताजी को विनम्र श्रद्धांजलि.. ईश्वर आपको इस शोक से उबरने की शक्ति प्रदान करे..
ReplyDeleteजीवन में आना जाना तो लगा रहता है।
ReplyDeleteश्रद्धांजलि। मन कड़ा करें जी। भग्वद्गीता पारायण बहुत शान्ति देता है। देर सबेर मैं उसी पर उतरता हूं।
ReplyDeleteईश्वर आपके साथ रहें।
पिता जी को विनम्र श्रधांजलि। माता-पिता तो हमेशा ही अपने बच्चों के आस-पास ही रहते है।
ReplyDeleteभगवान आपको और आपके परिवार को शक्ति दे।
पिताजी को विनम्र श्रद्धांजलि.ईश्वर आपको इस दुख को वहन करने की शक्ति प्रदान करे.
ReplyDeleteइश्वरतुल्य पिताश्री की आत्मा को मेरी विनम्र श्रध्धांजलि . भगवान उनकी आत्मा को असीम शान्ति प्रदान करे. राज जी मै आपके दुःख में सहभागी हूँ आप अपना संबल बनाये रखे ॐ शान्ति .
ReplyDeleteपिता जी को हमारी भी श्रद्धांजली।
ReplyDeleteराज जी आप महान हैं
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद,
ReplyDeleteKaise ajeeb daivyoog hai, main bhi pichle kaafi samay se net par nahin aa paya tha. Aur abhi kuch dinoo pahle he aap ne mere post par apne pitaji ke vishay me likha tha aur kaisa daivyoog hai ki abhi 18 June ko maine apne pita ji ki teesari barsi par thoda ro man halka kiya tha.
ReplyDeletePita ji ke jaane ka dard main abhi bhool nahin paya hoon, is liye jhothi santavna nahin doonga. Main to khoob roya tha, shayad aap bi man halka karna chahen.
Prabhu unhen shanti de aur aap ko saahas.