आप सब का धन्यवाद, मुझे याद रख्ने के लिये,कुछ समय मुझे लगे गा फ़िर से अपनी जिन्दगी मे लोटने के लिये,फ़िर से आप की सेवा मे आने के लिये, बस कुछ ऎसा होता हे की मेरे जेसा कठोर आदमी भी डगमगा जाता हे... जल्द ही फ़िर से आउगा, तब तक के लिये माफ़ी चहाता हू
धन्यवाद
Raj ji namaste,
ReplyDeleteAnuraag ji se aap ki anupasthiti ka karan gyat hua.
hum sab ko behad dukh hua hai aur hum sab aap ke saath hain aur ishwar se prarthna karte hain ki aap sabhi parivar jano ko himmat de.
dhnywaad,
with regards,
alpana & family
आपकी कमी खल रही है। अब आ भी जाइये।
ReplyDeleteइन्तजार कर रहे हैं. आपकी स्थितियाँ समझ सकता हूँ इस समय. इस कठिन समय में हम आपके साथ हैं.
ReplyDeleteकठिन समय में आदमी "एकला चलोरे" वाला हो ही जाता है। आप वापस दिखे, बहुत अच्छा लगा।
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ReplyDeletesabke saath main bhi aapke lautane ka intzaar kar raha hun.
ReplyDeleteplease accept my condolence on the sad and sudden demise of your father . may his soul rest in peace
ReplyDeletedoc saab se aapke pitaji ke bare mein suna,is dukh ki ghadi mein hum aapke saath hai,ishwar unki aatma ko shanti pradan karein,shraddha suman sahit,sadar,mehek
ReplyDeleteयह सत्य है कि उनकी कमी कोई भी पूरी नहीं कर सकता। ऐसे दुख के समय में वैब-परिवार के सभी ब्लॉगर आप के साथ हैं। ईशवर से यही प्रार्थना है कि आपके पिता जी की आत्मा को शांति और आप को सपरिवार सहित साहस दें।
ReplyDeleteमहावीर शर्मा
देश तो पराया था किन्तु अपना पन झलकता था, आपकी प्रतिक्षा में, अगर ऐसे ही अच्छे लोग पलायन करते रहे तो हिन्दी ब्लागिंग से अच्छाई समाप्त हो जायेगी।
ReplyDeleteप्रमेन्द्र
meri shubhakamanaye hai ki aap jald se jald blaag jagat me loute .
ReplyDeleteपराये देश में हमारी संवेदनायें आपके साथ हैं।
ReplyDeleteअपने जनक के गुजर जाने का दुख अलग ही होता है।
आप ब्लॉग जगत में लौटे।
धन्यवाद
प्रिय जन के जाने में दुख को हम सब समझ सकते हैं हम सब ने किसी न किसी को खोया है।
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