आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद, मन तो नही करता कि जाऊ क्योकि आप सब ने इतना प्यार दिया हे, लेकिन अब यहां कुछ अजीब सा लगता हे, इस लिये आज यह मेरी आखरी पोस्ट हे, वेसे मे आता रहुगा टिपण्णी के रुप मे.
समझ नहीं आया कि एक दम ऐसा फैसला कर लिया। इस रंग-बिरंगी दुनिया में तो हर क़दम पर अजीबो-गरीब हालात ललकार कर सामने आ जाते हैं, लेकिन वक़्त का सहारा लेकर सोचने से कुछ ना कुछ मिल ही जाता है। फ़िलहाल अभी नहीं, थोड़ा थोड़ा समय देकर कभी कभी लिखते रहा करिए। लिखने का जो इल्म क़ुदरत ने आपको बख़्शा है उससे मुंह ना मोड़िए। बस इतना ही कह पाऊंगा।
नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद, मन तो नही करता कि जाऊ क्योकि आप सब ने इतना प्यार दिया हे, लेकिन अब यहां कुछ अजीब सा लगता हे, इस लिये आज यह मेरी आखरी पोस्ट हे, वेसे मे आता रहुगा टिपण्णी के रुप मे.
ReplyDeleteकुछ समझ में नही आया ?
ReplyDeleteक्यों ऐसा राज जी अचानक ?
ReplyDeleteतमाम मसरूफियत के बावजूद कुछ वक़्त निकालिए.....हमे आपकी आदत पड़ चुकी है....
राज जी ऐसा क्यूं?
ReplyDeleteराज जी
ReplyDeleteअपने निर्णय पर पुनः विचार करे आप कृपया अपनी आखिरी पोस्ट न कहे . पढ़कर मुझे अच्छा फील नही हो रहा है .
समझ नहीं आया कि एक दम ऐसा फैसला कर लिया। इस रंग-बिरंगी दुनिया में तो हर क़दम पर अजीबो-गरीब हालात ललकार कर सामने आ जाते हैं, लेकिन वक़्त का सहारा लेकर सोचने से कुछ ना कुछ मिल ही जाता है। फ़िलहाल अभी नहीं, थोड़ा थोड़ा समय देकर कभी कभी लिखते रहा करिए। लिखने का जो इल्म क़ुदरत ने आपको बख़्शा है उससे मुंह ना मोड़िए। बस इतना ही कह पाऊंगा।
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