बात आज से चार साल पहले की हे, जब मे दिल्ली मे अपनी साले के घर आया हुया था, ओर उस दिन हम ने अपनी साली के घर जाना था, ओर साली ने कहा कि मे ड्राईवर को भेज रही हु,तुम सब उस के साथ आ जाना, ओर जल्दी से तेयार हो जाओ, तो भाईयो मे हम ओर बच्चे सुबह सुबह ७ बजे तेयार हो कर बेठ गये ओर हर आहट पर सोचे कार आ गई, हमारे साले साहिब ने हमे पहले ही कह दिया शाम के सात से पहले कोई चांस नही, थक हार कर मेने १० बजे साली के घर पर फ़ोन किया तो उधर से एक बच्ची( लडकी ) की आवाज आई तो हम ने कहा (एक नाम लिया)तुम,ओर फ़िर साली का नम्बर बोला,तो वह लडकी बोली रांग नम्बर हम ने माफ़ी मागीं
फ़िर से नम्बर मिलाया, फ़िर रांग नम्बर, ५,६ बार रांग नम्बर, अब हमे एक शरारत सुझी, हम ने फ़िर से नम्बर मिलाया तो फ़िर से वही सुरीली आवाज सुनाई दी रांग नम्बर तो हम ने झट से कहा, बेटा तुम्हे केसे पता हे की यह रांग नम्बर हे, तो उस तरफ़ से लडकी थोडी सी घवराई ओर बोली आप ने जो नम्बर मिलाया हे यह वो नम्बर नही, तो हम ने कहा बेटा जब तुम्हे मालुम हे यह रांग नम्बर हे तो तुम ने फ़ुन उठाया ही क्यो,ओर फ़िर वो लडकी मेरा मजाक समझ गई ओर हम ने करीब १ घण्टा बात की उसे भी ओर हम सब को भी खुब मजा आया.
ओर ना ही मेने उस का नम्बर पुछा ना ही उस ने मेरा नम्बर पुछा, लेकिन उस की बाते हम सब ने सुनी ओर हस हस कर पेट मे दर्द होने लगा, उस तरफ़ उस का भी यही हाल था, उस का कहना था अकंल इतना तो मे कभी नही हंसी जितना आप ने हसं दिया हे, फ़िर मेने उसे कहा अब फ़ोन रखो इस फ़ोन रखने रखाने मे हमे आधा घण्टा लग गया, उस का दिल भी नही था फ़ोन रखने का ओर हमारा दिल भी नही था, ओर मेरी वीवी तो उस का फ़ोन नम्बर भी चाहती थी, कि एक दिन उस से मिल ले लेकिन मेने कहा नही कुछ अन्जानी यादे भी हमे रखनी चहिये, किसमत मे हुया तो कभी कही फ़िर से ऎसे ही मिल जाये गे, हमे नही मालुम उस की कया उमर थी, कोन थी, किस धर्म की थी, लेकिन मेने उसे जाते जाते एक नाम दे दिया था **मिस रांग नम्बर यह बात हे २००३/४ की
तो आपके पास भी रॉंग नंबर के किससे है.. जैसा मैन हमेशा कहता हू... आपके पास बहुत हसीन यादे है.. आप बाँटते रहा करे.. पढ़कर अच्छा लगता है.. आप चाहे तो ये लेख रॉंग नंबर वाली ब्लॉग पर भी पोस्ट कर सकते है..
ReplyDelete:):)miss wrong number,bahut khub,sach kabhi kabhi anjani yaadien bhi mithi hoti hai.
ReplyDeleteBilkul mast type ka kissa tha ye.. :)
ReplyDeleteराँग नम्बर पर मस्ती तो हमने भी है कई बार, पर ऐसा किसा नहीं बना कभी !
ReplyDeleteवो नुम्बर मुझे मेल कर दे ....आपके इंतज़ार मे......
ReplyDeleteसचमुच सर,कभी कभी अनजानी यादें और अनजाने चेहरे इंसान को वो खुशियाँ दे जाते हैं जो सालों साथ रहने वाले भी नही दे पाते...और ऐसी अनजानी यादों को अनजाना रख कर आपने बहुत अच्छा किया..अब ज़रा मेरी उलझन भी सुलझा दें जिस ने एक अजीब सी उलझन में डाल दिया है.
ReplyDeleteआप भाग्यशाली हैं :-)
ReplyDeleteहमारे पास भी अनेक राँग नम्बर कॉल्स आते हैं, पर अधिकतर किसी अस्पताल के लिए।
ReplyDeleteराज जी
ReplyDeleteकाफी अच्छा संस्मरण है। कभी-कभी इस तरह के लोग मिलते हैं जो कुछ समय के लिए ही एक अच्छा अनुभव दे जाते हैं। ऐसे राँग नम्बर आपको अक्सर मिलें यही कामना है ः)
कभी कभी ऐसा भी होता है, वैसे वो मिस राँग नम्बर नहीं आप मिस्टर राँग नम्बर थे...
ReplyDeleteवाह !!
ReplyDeleteबहुत ही रोचक किस्सा।
और क्या खूब नाम दिया मिस रांग नम्बर ।
होता है और फिर मीठी यादें साथ रह जाती है. रोचक संस्मरण.
ReplyDeleteमिस रांग नम्बर से बात करते वक्त भाभीजी कहाँ होती है...?
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