25/11/11

एक मेल जिस ने आंखे खोल दी

हमारे देश भारत की मुद्रा की कीमत आज एक डालर = ५३ रुपये हो गया यानी कालाधन जो की डालर और सोने के रूप में जमा है उसकी कीमत में बढ़ोत्तरी होती जाएगी,
उससे भारत को ही खरीदा ज़ा सकेगा, ए चोर अर्थशात्री भारत माता के किस काम के...
१२१ करोड़ की आबादी का भारत देश लेकिन उसकी कीमत इन लुटेरे नेताओ और चोरो की वजह से क्या हो गयी है, जरा इसे पढ़े....
१-भारत में १२१ करोड़ लोग है और दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है, चीन में १३६ करोड़ लोग है परन्तु वहा विदेशी माल नहीं बेचने दिया जाता है.
पुरा समाचार यहां पढे.

12 comments:

  1. आंखे खोल देने वाली सच्चाई!!

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  2. भाटिया साहब ,

    पहले तो इस बात के लिए क्षमा कि बहुत दिनों बाद आपके ब्लॉग पर पदार्पण कर रहा हूँ ! मूल में कारण एक ही है, ब्लॉगजगत/ ब्लॉग्गिंग से मोह भंग ! खैर आज का विषय मेरी रुचिनूसार लगा इसलिए यह ज़रा लम्बी टिपण्णी दे रहा हूँ !;

    जब रेपो रेट के तहत ब्याजदर में इजाफा किया जा रहा था तो तभी एक अंगरेजी पोर्टल पर मैंने एक कोमेंट दिया था जिसका काफी हद तक लोगो ने समर्थन भी किया और कुछ ने गालिया भी दी ! ये जो मैडम है ये बड़ी ... चीज है, जो विदेशी दिमाग को इस्तेमाल कर रही है ! सुब्बाराव का सर्विस एक्सटेंसन भी उसी बुनियाद की एक कड़ी है जिसमे प्रतिभा,एमएमएस, चुनावायुक्त और सीवीसी की नीव रखी गई थी ! पहले इस देश के शेयर बजार और इंडस्ट्री को कमजोर करो, फिर रुपये का awmulyan करो taaki वेदेशी मुद्रा महंगी हो, और विदेशों में जमा काली कमाई को भारत लाकर उस पर जो टैक्स देना पड़े वो भी पल्ले से न जाए, क्योंकि जहां डालर ४५ रूपये का था वहा ५३ का हो जाए तो ८ रुपये के अंतर से टैक्स अदा किया जा सकता है! यही वजह है कि कोई हस्तक्षेप अभी तक आर बी आई द्वारा नहीं हुआ और न ही वित् मंत्रालय ने काले धन के आरोपियों की लिस्ट उजागर की ! ये रिटेल शो रूम का ऍफ़ दी आई क्या है यही तो खेल है, अब ये भ्रष्ट खुलकर उस रिटेल की आड़ में अपना धन वापस ला सकेंगे !

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  3. और जब रिटेल खुलेंगे तो शुरू के एक-दो सालों तक काली कमाई से वे वाकई में कम दामों पर लोगो को सामान उपलब्ध करायेंगे ! लोग(बेवकूफ ) सोचेंगे कि ये तो वाकई इस सरकार ने बहुत अच्छा काम किया और चुनाव के वक्त इनकी वाह-वाही होगी और ये फिर से चुनाव जीत जायेंगे ! मेरा भारत महान !!

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  4. सब कुछ योजना के तहत किया गया लगता है.... दुखद सच्चाई

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  5. चिन्तनीय विषय है, प्रगति के सुष्पष्ट मानक हों देश में।

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  6. "भारत में १२१ करोड़ लोग है और दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है, चीन में १३६ करोड़ लोग है परन्तु वहा विदेशी माल नहीं बेचने दिया जाता है."

    शायद चीन में विदेशी कम्पनियाँ चीनी नेताओं को परमिट, लायसेंस आदि के लिए नजराना नहीं देते होंगे।

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  7. सोचने पर मजबूर करती प्रस्तुति ......!

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  8. कडवी सच्चाई है, शायद यही कडवाहट चांटों का रूप ले रही है।

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  9. Hi...

    Aankhen kholti sachchai...khabar to khabar Shri Godial ji ka vishleshan bahut tarkik aur samyik laga..

    Dhanyawad..

    Deepak Shukla..

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  10. राज जी,
    और हम कुछ करें न करें, जल्दी ही हम चीन से सबसे आबादी वाले देश का रूतबा ज़रूर छीन लेंगे...

    जय हिंद...

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  11. प्रजातंत्र के वर्त्तमान स्वरुप को बदलना होगा.

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  12. विचारणीय पोस्ट हम सबको मिलकर सोचना होगा,...तभी इसका निदान है,..बढ़िया ...

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