आज के दिन शाम से ही हमारे दिल मे कुछ कुछ हो रहा था, पता नही क्या हो रहा था? फ़िर घर वाले सारी बिरादरी ओर जानपहचान वालो को ले कर हमारे संग दिल्ली की ओर चल पडे, रास्ते मे चाय पानी पिया, फ़िर दिल्ली मे पुरानी सब्जी मंडी के पास सब इकट्ठे हुये , ओर मित्र रिशते दार भी आ गये, सभी बहुत ही तेश मे थे, जेसे कही हमला करना हो.... कुछ लोग जोश लाने के लिये पेग पर पेग पी रहे थे, एक हमी हेरान परेशान से खडे थे.
तभी पता चला कि कुछ नोजवानो ने ज्यादा पी ली हे, ओर वो अपनॊ अपनी कमीजो से बाहर आना चाहते हे, हम ने झट से संगीत का कार्य क्रम बना दिया ओर वो सब अपना अपना नशा वहां जा कर उतारने लगे, कुछ अंजान लोग हमे बार बार आ कर तंग करते थे, कि आप ठंडा पी ले, चाय पी ले, काफ़ी पी ले..... अब हमे तो अच्छी तरह से लपेट रखा था, यानि एक तरह से केद कर रखा था, चेहरा भी खुब ढका हुआ था.
फ़िर हमे किस बडी सी जगह पर ले जाया गया, बाप रे..... वहां पहुच कर हमे पता चला कि यह लडकियां भी किसी से कम नही होती, अजी कोई आये इधर से चुटकी मार कर खिल खिला कर हंस पडे कोई उधर से, सच कहे तो हमे लाल टमाटर सा पिल पिला कर दिया होगा, पता नही कितने घंटॆ यह सब चलता रहा.
तभी कही धमाको की आवाजे आई, जेसे कोई दुर आतिशबाजी छोड रहा हो, फ़िर हमारे मुंह मे अलग अलग लडकियो ने खाना ढुंसा, पता नही केसे आधी रात हो ही गई, फ़िर हमे लोगो ने ऎसे घेरा जेसे बलि के बकरे को घेरते हे, कि कही भाग ही ना जाये, ओर हमे एक खास जगह ले आये, भाग भी नही सकते थे, चारो ओर से मोटे ताजे मर्दो ओर ओर्तओ ने जो घेर रखा था, फ़िर हमे एक बहुत मोटे ताजे आदमी के सामने बेठने को बोला गया, हम चुपचाप बेठ गये, अब भला बलि के बकरे से भी कोई पुछता थोडे हे, ओर बकरा भी चुप रहता हे.
ओर वो मोटू पता नही हमे घुर घुर कर देख रहा था, साथ मे पता नही क्या क्या बोल रहा था, फ़िर उस ने हमे हुकम दिया कि हमारे पीछे पीछे तुम भी बोलो, अब हमे समझ तो नही आ रही थी, लेकिन उस के पहले शब्द को बोल कर बाकी हम भी भुभुभु भु कर रहे थे, वहां बेठे सभी लोग हेरान थे कि यह बकरा तो बहुत ग्यानी हे, कुछ समय बाद एक कन्या को हमारे पास बिठा दिया, हम थोडा सुकचाये सिमटे, तभी दुसरी तरफ़ बेठी एक अति सुंदरी ने फ़िर से हमे जोर से चुटकी मारी.
अरे यह कया उस मोटे ने इस कन्या को हमारे पल्लू से बांध दिया, ओर आज तक हमारी हिम्मत नही हुयी उस गांठ को खोल सके, अब हम जहां भी जाते हे, यह कन्या भी हमारे साथ साथ रहती हे, फ़िर इस गांठ को पक्का करने के लिये दो प्रमाण पत्र भी हमारे घर आ गये,यानि आज के दिन ११ मार्च १९८७ को हमारी आजादी हलाल हो गई थी, उस दिन को हम अकसर भुल जाते हे, इस बार आज ही हमे याद दिलाई गई हे इस दिन की, पता नही केसे मनाते हे, बाहर खाना तो मै खाता नही ....जेसे भी मना मना ही लेगे, वेसे दो दिन से हल्का सा जुकाम भी हो रहा हे
आखिर में भेद खुला विवाह का, बधाई.
ReplyDeleteभाई उस दिन की याद दिला कर हमें क्यों दुखी कर रहे हैं :)
ReplyDeleteअभी दो दिन पहले ही याद दिलाई गई थी हमको भी
ReplyDeleteआसूं में आखैं
ओह
आंखौं में आंसूं आ गये थे
बधाई@राजदादाजी+भाभीजी.हैप्पीवाली.वर्षगांठ.लाइफ़
ReplyDeleteढेर सारी शुभकामनायें .....
ReplyDeleteशादी की सालगिरह की शुभकामनायें।
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई हो ....
ReplyDeleteशुभकामनाये ......
ReplyDeleteआपको एवं भाभी जी को शादी की सालगिरह पर ढेरों बधाई एवं शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteहम समझ गये थे, यह आहट ही थी एक घटना की जिसे विवाह कहते हैं, 23 वर्ष पूरे होने पर बधाई। 2 वर्ष बाद तो महोत्सव मनाने की तैयारियाँ अभी से प्रारम्भ कर दीजिये।
ReplyDeleteबहुत बधाई और शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteसालगिरह की शुभकामनायें।
ReplyDeleteregards
3/11 को शहीद हुए आप।
ReplyDeleteघणी घणी मुबारकाँ जी!
उस ज़माने में ऐसा मानवाधिकार-हनन?
ReplyDeleteबधाई हो!
ओह ..... आहा मिठाईया बधाईया ....... गिरते है शहसवार मैदाने जंग में ............
ReplyDeleteसालगिरह की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनायें !
ReplyDelete3/11… खोफनाक घटना!! भयानक परिदृश्य का चित्रण!! कंवारेपन का अपहरण!!
ReplyDeleteसांत्वनापूर्ण बधाई!!
बीती ताई बिसार के आगे की सुध लेई।
उस सुध की संभावनाओ के लिये शुभकामनाएं
आपके साथ जो घटना घटी उसे पूरे
ReplyDeleteरोमांच के साथ पढ़ रहा था और अपनी
जवानी के दिनों में खो गया था, बाद
में पता चला की आप तो गिरफ्तार हो
गए, हम तो फरार हो जाते थे...
वैवाहिक वर्षगाँठ की ढेरों बधाई !
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ReplyDeleteआपको एवं भाभी जी को शादी की सालगिरह पर ढेरों बधाई एवं शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteमुबारक हो मुबारक हो ,यह तेईसवीं सालगिरह मुबारक हो
ReplyDeleteकभी लिखती थीं वे चिट्ठी और अब भाटिया साहब के हैं चिट्ठे
कभी मियाँ जी तो कभी बेगम इक दूजे से लिपटे सिमटें
मुबारक हो मुबारक हो .....
मुबारक हो मुबारक हो ,यह तेईसवीं सालगिरह मुबारक हो
शादी की सालगिरह की ढेरों बधाईयाँ और शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteधागा है ये प्रेम का,जीवन का विश्वास !
एक दूसरे में घुले ,प्राण बसे ज्यों साँस !
सस्पेंस बना दिया था जी आपने तो:)
ReplyDeleteपोस्ट पढने में मजा आया
आप दोनों को वैवाहिक वर्षगांठ की ट्र्क भरकर हार्दिक शुभकामनायें
प्रणाम
....शादी की साल-गिरह बहुत बहुत मुबारक हो!
ReplyDeleteजीवन को सम्पूर्णता देने वाले इस दिन को बंधन नहीं खुशियों की सौगात की तरह मनाइए। आपको सपरिवार बधाई।
ReplyDeleteलंबे चौड़े सस्पेंस के बाद इस शुभ अवसर का पता चला | आपको विवाह की वर्षगाँठ की ढेर सारी शुभ कानाये |
ReplyDeleteशादी की सालगिरह की शुभकामनायें।
ReplyDeleteबड़े मनोरंजक अंदाज़ में अपनी व्यथा सुने है । हा हा हा , मज़ा आ गया ।
ReplyDeleteआप दोनों को वैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें ।
वर्षगांठ तो २४ वीं है । यानि अगले साल सिल्वर जुबली कुमार बन जायेंगे ।
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
ढेर सारी शुभकामनायें .....
ReplyDeleteये पूछना तो भूल ही गये कि मेड-इन-जर्मन का प्रसाद मिला कि नही?:) आखिर २३ साल के हिसाब से इतने तो बनते ही हैं, हमें तो अभी दो दिन पहले ३७ मिले थे.:)
ReplyDeleteरामराम
भाई साहब बहुत-बहुत मुबारक और बधाइयां।
ReplyDeleteआपका भी जवाब नहीं।
हमें तो लगा कोई यात्रा संस्मरण सुना रहे हैं :):)
ReplyDeleteशादी कि सालगिरह की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें
अज दी बल्ले बल्ले
ReplyDelete:)
बधाई हो बधाई. किस अदा से इतनी खास बात बताई. बधाई.
ReplyDeleteआपको ढेर सारी शुभकामनायें ....सादर
ReplyDeleteआप सभी का धन्यवाद मैने आज भी एक गलती कर दी... हमारी शादी १९८८ मे हुयी थी ना कि १९८७ मे गलती की माफ़ी चाहूंगा; धन्यवाद
ReplyDelete@ राज भाटिया
ReplyDeleteहमारी शादी १९८८ मे हुयी थी ना कि १९८७ मे गलती की माफ़ी चाहूंगा; धन्यवाद
फ़िर तो नाहक ही एक लेठ्ठ आपको ज्यादा पड गया? पर यह अक्षम्य भूल है, पचास लठ्ठ की सजा और भुगती जाये.:)
रामराम
वाह वाह राम जी,
ReplyDeleteजोड़ी क्या है बनाई,
राज जी और भाभी जी को,
बधाई है बधाई...
अगले साल सिल्वर जुबली के जश्न की अभी से तैयारी शुरू कर देते हैं तिलयार में...
जय हिंद...
bahut hi ghuma phira kar raj khola ,chaliye dhero badhai aapko is avasar .
ReplyDeleteआज़ादी छिनी तो क्या हुवा ... बहुत से आराम भी तो मिले ....
ReplyDeleteभाटिया जी ... मुबारक हो शादी की वर्षगाँठ ...
इस बार की सालगिरह तो निकल गई. अगली सालगिरह की एडवाँस में बधाई ले लीजिए :)
ReplyDeleteआपको और आंटी जी को ढेर सारी बधाइयाँ... :)
ReplyDeleteओर वो मोटू पता नही हमे घुर घुर कर देख रहा था, साथ मे पता नही क्या क्या बोल रहा था, फ़िर उस ने हमे हुकम दिया कि हमारे पीछे पीछे तुम भी बोलो, अब हमे समझ तो नही आ रही थी, लेकिन उस के पहले शब्द को बोल कर बाकी हम भी भुभुभु भु कर रहे थे, वहां बेठे सभी लोग हेरान थे कि यह बकरा तो बहुत ग्यानी हे, कुछ समय बाद एक कन्या को हमारे पास बिठा दिया, हम थोडा सुकचाये सिमटे, तभी दुसरी तरफ़ बेठी एक अति सुंदरी ने फ़िर से हमे जोर से चुटकी मारी.
ReplyDeleteहा...हा...हा....
एक आधी तस्वीर भी लगा देते न बलि पर चढने की .....
sundar..shadee ki salgirah ki badhaiyaan...vilamb se...
ReplyDeleteहफ़्तों तक खाते रहो, गुझिया ले ले स्वाद.
ReplyDeleteमगर कभी मत भूलना,नाम भक्त प्रहलाद.
होली की हार्दिक शुभकामनायें.
तन रंग लो जी आज मन रंग लो,
ReplyDeleteतन रंग लो,
खेलो,खेलो उमंग भरे रंग,
प्यार के ले लो...
खुशियों के रंगों से आपकी होली सराबोर रहे...
जय हिंद...
पहली बार आपके यहाँ आया लेकिन लेकिन आते ही सस्पेंस का सामना करना पड़ा बहुत खूब!
ReplyDeleteहोली के पावन पर्व पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं !