नमस्कार . सलाम आप सब को,
मै ८/२ यानि सोमवार को शाम को अपने घर वापिस पहुच गया, फ़िर घर पर सब से पहले पिटारा खोला, कोन कोन सा समान लाया हुं, बेर, अमरुद, पान ओर फ़िर चटपटी चीजे,लेकिन मिठाई के डिब्बे लंडन मै मेरे हेंड बेग से निकाल् कर फ़ेंक दिये गये, क्यो कि दुध से बनी चीजे यहां लानी मना है.
फ़िर भारत के बारे ओर आप सब के बारे खुब बातो का पिटारा खोला, आप सब के बारे बहुत सी बाते घर वालो को बताई,फ़िर सब ने सभी चित्र भी देखे, सच मै चित्र बहुत ही सुंदर आये, फ़िर बहुत रात हो गई ओर मुझे थकावट भी बहुत हो गई, दुसरे दिन ओफ़िस भी नही जा पाया, ओर ना ही कोई पोस्ट ही डाल पाया, आप सब का ध्यान बार बार आ रहा था.
इस बार पहले दिन से ले कर आंतिम दिन तक आप सब के प्यार से मुझे आप सब का गुलाम बना लिया, जो मै कल से पहले दिन से आंतिम दिन तक की सारी बाते क्र्मश लिखूंगा, ओर साथ साथ मै चित्र भी दुंगा....अभी थाकवट थोडी शेष है बस हाजरी लगाने आ गया हुं.
कल मिलता हुं आप सब के चित्रो के संग वेसे तो सब ने बहुत अच्छा लिखा होगा अजय झा जी की पार्टी के बारे, क्योकि यह पार्टी थी भी बहुत सुंदर लाजवाव, ओर सभी बहुत खुश भी थे, इस बारे भी कुछ चित्र मेरे पास पढे है वो भी अगली पोस्ट मै लाऊंगां.
अजय झा जी ओर उन सभी का दिल से धन्यवाद, बाकी मिलते है अगली पोस्ट मै
अरे, वापिस भी चले गए! यात्रा कुछ अधिक छोटी नहीं हो गई?
ReplyDeleteघुघूती बासूती
वो यहा आये
ReplyDeleteवो यहा छाये
हम भी हर्षाये
हम खिलखिलाये
चेहरे जगमगाये
nice
ReplyDeleteजी इस बार आपका जाना और आना तारीख बन गयी
ReplyDeleteआपकी पोस्ट की प्रतीक्षा रहेगी।
ReplyDeleteआगे की प्रतीक्षा में
ReplyDeleteमहेन्द्र मिश्र
जबलपुर
aap se kilkar ke bahut khusi hui.
ReplyDeleteमुलाकात वाकई बहुत सुखद थी...लेकिन समय की थोडी कमी जरूर रही।
ReplyDeleteआपके विवरण का इन्तजार करते हैं....
मैं तो आप की पोस्ट की प्रतीक्षा ही कर रहा था कि उस से पहले आप का फोन आ गया। मुझे यह सौभाग्य मिला कि इस बार आप की भारत यात्रा में आप से मिलने वाला पहला ब्लागीर था। आप के साथ दो शामें बिताना बेहद आनंददायक था। यदि मेरी विवशता न होती तो शायद पूरे सात दिन आप के साथ बिताता।
ReplyDeleteचलिये आराम कीजिये फ़िर अच्छे से सारे विवरण लिख डालिये, इंतजार कर रहे हैं।
ReplyDeleteराज जी कोई जल्दी नहीं आराम कर लीजिए फिर बहुत बातें होंगी...वैसे ब्लॉगर्स सम्मेलन तो एक बहाना था सबका मुख्य ध्येय तो आपसे मिलना था ....सच पूछिए तो बहुत बढ़िया लगा था आपसे मिल कर...
ReplyDeleteआपसे मिलना बहुत ही सुखद रहा , आगे विवरण का इन्तजार है ।
ReplyDeletePranam ji
ReplyDeleteमहाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteआप गए कहां हैं
ReplyDeleteमन में कैद हैं हमारे
गुलाम हम बनाते नहीं
बन जाते गुलाम हैं
मित्रता के सामने
क्या गुल हैं
और क्या आम हैं ?
वैसे जो मिले
जिनसे मिले
आप उनके लिए
बेशक खास है
इस खासपन को
बनाए रखिएगा
मन में यादों को
हमारी सजाए रखिएगा।
चित्र अभी और भी हैं ...
आंखों को करार तभी आएगा।
इस बार आपसे मुलाकात नही हो पाई..खैअर अगली बार मिलेंगे
ReplyDeleteआप आये और चले गये मेरी किस्मत मे नही था आपसे मिलना .खैर फ़िर मिलेन्गे
ReplyDeleteभाटिया जी,
ReplyDeleteरोहतक के दो चार फोटो भेज देना. एक पोस्ट का काम करेंगे.
Mired Mirage जी सच मै मेरी यह यात्रा बहुत छोटी थी, लेकिन इस बार बहुत सा प्यार, मान सम्मान ले कर लोटा हुं, मै तो सिर्फ़ दो दिन के लिये ही आना चाहता था, लेकिन सब का प्यार देख कर दिल बहुत खुश हुआ, अगली बार ज्यादा समय के लिये आंऊगा, ओर परिवार समेत आऊंगा
ReplyDeleteहम तो यही चाहेंगे कि आप बार-बार यहाँ आएं और बार-बार हमें आपके स्वागत का मौका मिले
ReplyDeleteआपकी आकांक्षा जल्दी ही पूरी हो, यही प्रार्थना करते हैं.
ReplyDeleteथकान उतार कर आराम से लिखिये. इंतजार रहेगा.
ReplyDeleteरामराम.
इन्तजार रहेगा आपकी पोस्ट और तस्वीरों का.
ReplyDeleteबिल्कुल पहले पूरी तरह से थकावट दूर कर लीजिये राज जी। हम इन्तजार कर लेंगे आपके अगले पोस्ट की।
ReplyDeleteअभी थकान उतारिए...
ReplyDelete...फिर आपके कैमरे में हमारे द्वारा खींची कुछ तस्वीरें हैं जरूर भेजिएगा :)
राज भाई , आप सकुशल पहुंच गए अच्छा लगा जानकर । पहले आराम करिये फ़िर बात करेंगे । हां आपका आना तो इतिहास बना गया , अगली बार प्रतीक्षा रहेगी आपके आने की
ReplyDeleteअजय कुमार झा
कुछ आकस्मिक अपरिहार्य कारणों से दिल्ली नहीं आ सकने का बहुत मलाल है। अपराधबोध सा महसूस करते हुए फोन करने का भी साहस नहीं हो पाया।
ReplyDeleteअभी भी तकनीकी परिस्थितियाँ ऐसी हैं कि ब्लॉग जगत की हलचलें तक नहीं देख पा रहा हूँ
उम्मीद करता हूँ आपसे फिर कभी आमने सामने की मुलाकात हो पाएगी
इंतज़ार रहेगा आपकी पोस्ट्स का
बी एस पाबला
वापिस घर पहुंचने पर बहुत प्रसन्न्ता होती है. अगली पोस्ट की प्रतीक्षा रहेगी.
ReplyDeleteआपकी पोस्ट का इंतजार रहेगा .. अभी आपको आराम करना ही चाहिए !!
ReplyDeleteaage ki karyawahi puri karen
ReplyDeleteintejar rahega
ReplyDeleteशिवरात्री पावन पर्व की शुभकामनाये, भाटिया साहब !
ReplyDeleteभाटिया जी , बहुत आनंद आया आपसे मिलकर।
ReplyDeleteअब आपकी पोस्ट पढ़कर और भी मज़ा आएगा, जब आप अपने अनुभव लिखेंगे यहाँ के।
raj ji,
ReplyDeleteabhito aap sabke pyar aur bharat ki yaadon mein hi doobe hue honge..
bas apne khayalon ko sahejiye aur ek khoobsurat sansmaran chitron samet likh hi daaliye..
aapki sakushal vaapsi hui ishwar ka dhanyawaad..
आपसे नही मिल पाने का अफ़सोस है जी पर आपसे अगली बार ज़रूर मिलेंगे।
ReplyDeleteरोजाना बहुत से लोगों से मुलाकात होती है और जिन्दगी में तो ना जाने कितने
ReplyDeleteमगर कुछ चुनिंदा चेहरे होते हैं जिनसे मुलाकात ताउम्र याद आती रहती है
चुनिंदा से लोग होते हैं जिनसे मिलने के बाद बिछुडना हमेशा सालता रहता है
आपके साथ बिताये कुछ घंटे पूरी जिन्दगी के खुशगवार घंटों में से हैं
संसार के बेहतरीन लोगों के लिये मेरे दिल के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं
आपकी याद हमेशा रहेगी
प्रणाम स्वीकार करें