नमस्कार, सलाम आप सब को आप सभी को अपने धंधे की ओपनिगं पर निमंत्र्ण पत्र इस बांलाग के जरिये भेज रहा हू, कल सुबह शुभ महुरात है, मेने अपना पहला ठेला चंद्रमा पर लगाया है, वहां लगाने का बहुत लाभ है, कोई उधार नही मागतां, कमेटी वाले तंग नही करते, भाई लोग भी हफ़्ता लेने नही आते,बस असली ग्राहाक ही आते है, आईये आप को कल सारा दिन खाना फ़्रि, साथ मे चंदरमा की सेर भी फ़्रि।
कल सुबह ८,०० बजे महुरत है, आप सब बाल बच्चो समेत जरुर आये, ओर इस गरीब ठेले वाले को अपना आशीर्वाद दे
पत्ता....
जमीन ओर सुर्या के बीच वाली गली, जिला चांद पुर , डाक खाना चंदा मामा। ठेला ना० एक ( पहला ठेला) यहां आने के लिये आप को वीजे की जरुरत नही, सोच रहा हु अभी यहां जमीन सस्ती है ले लू
अरे ऐसे कैसे चले आये, मुँह उठाये … हें !!
ReplyDeleteमेरे ठेले को अपना कह गये और तो और कल भीड़ भी बुला ली! हें?
सबको खिलायेगा पिलायेगा कौन! हें
बच्चे आयेंगे खेलते कूदते उछल गये तो 20-30 फीट उपर चले जायेंगे और वापस आते आते टुन बोल गये तो!!?? ? ?? हें …
:) :) :)
तो जनाब कल आयें …
मेरे को प्लेट साफ करने वाला समझ कर रख लीजियेगा लेकिन दिहाड़ी 6 गुनी चाहिये
वो क्या है कि वहाँ के गुरुत्वाकर्षण बल में कुछ लफड़ा है
ही ही ही … कहिये तो आऊं!! और आवेदन मिले तो कहिये…
:)
उन्हें मैं रख लेता हूँ
:)
agar chand par koi preshani ho to btaye.akhir mamam ka ghar hai
ReplyDeleteभाटिया जी कही चाँद पर भी किसी राज ठाकरे ने कोई सेना तो नही बना रखी धरती वाला कह कर कही पिटवा दो |
ReplyDeleteठेले की खबर पाते ही मैनें डिस्पोजल ग्लास और प्लेट का काम शुरू कर दिया है। वहां पानी तो है नहीं। सो-------------------
ReplyDeleteभाटिया जी
ReplyDeleteएक कनूपी म्हारी लगवा लो अपनी गेल मैं
ठाट तै बेठ किस्से बेचेंगें
ताई बी कल की ताऊ के पीच्छै पड़री सै जरमन लट्ठ लेकै ताऊ रास्ते म्हं हैगा
Bhatiaji, aap chaliye, ham bhi aarahe hain. ek chhota sa akhbar nikal lenge. aap logon ki khabren upar se neeche tak bhi to pahunchani hongi.
ReplyDeleteबहुत बढिया ! जब चंद्रयान यहाँ से निकल गया तो आप निमंत्रण भेज रहे हैं ? अब वहाँ आए कैसे ? ठीक है साब , अगला चंद्रयान आयेगा तब आयेंगे ! तब तक आप वहाँ सेट्ट्ल हो जाना और हमारा भी रुजगार चन्द्रमा पर जमवा देना ! यहाँ चोरी डकैती कर कर के परेशान हो गए हैं !:)
ReplyDelete" wah wah sir jee thodee see jmeen hume bhee dila daina, ek chota sa parlour hee khol dainge "Uniti beauty parlour ke naam se" kasam se bhut chlega.... vo kya hai aajkul naam biktaa hai na"
ReplyDeleteRegards
एक प्लाट ताउ को दिलवा दो, उसके बाद तो ताउ सारे ब्लागरों को कब्जे करा ही देंगे।
ReplyDeleteचांद तब तक चांद है जब तक वहां आदमी न पंहुचे।
चिंता मत करिए ज़्यादा दिन आपका ठेला सलामत रहने वाला नही है... इंडिया ने अपना यान वहा भेज दिया है..
ReplyDeleteऐसा ही ठेला कभी पंगेबाज ने भी लगाया था .लगता है आपने उनसे खरीद लिया है.......चलिए कोई बात नही...ब्लोगर को कुछ discount मिलेगा ?
ReplyDeleteमैं भी आ रहा हूँ ! ज़रा हमारे खंभे वंबे का जुगाड़ ....या जगाधरी....का ?
ReplyDeleteनिमंत्रण के लिए आपको धन्यवाद ! वैसे हमने आपका सब इंतजाम करवा दिया है ! हम और यूनिटी डार्लिंग तो इधर आते जाते ही रहते हैं ! आपको कोई कष्ट हो तो बता दीजियेगा ! आपके मुहूर्त में हम दोनों ही आ रहे हैं ! और हाँ , यहाँ चाँद पर कभी २ तूफ़ान आ जाया करते हैं तो आपका ठेला ठीक रखियेगा ! वैसे यूनिटी डार्लिंग को पानी पूरी बहुत पसंद है तो आप जरुर तैयार रखियेगा ! अगर उसको अच्छी लगी तो उसकी उड़नतश्तरी आपके ठेले के पास ही उतरा करेगी ! यानी आपकी परमानेंट ग्राहक !
ReplyDeletemain to zarur aaungi,chatpate khane ke saath chaand se dosti karungi,aur unke saath paying guest rahungi
ReplyDelete:-) main to chala !
ReplyDeleteअरे वाह अभी भारत अपना तिरंगा लहराने वाला हैं आप तो पहले ही पहुँच गए , चाँद से कहियेगा रोज़ पूर्णिमा सा खिला करे वरना धरती की धुल मिटटी में वह दीखता ही नही ,आरोही पूछती रहती हैं चंदा मामा कहाँ हैं ?उसे दीखता ही नही .
ReplyDeleteश्रीमान जी अच्छा है .
ReplyDeletesach ke rahe hain raaj sahab, thela to laga hi lijiye, peeche peeche hum bhi aate kisi ko documentary film bhi to banani hogi na.
ReplyDeleteraaj ji yeh illustration bahut hi khoob banaya hai, yeh graphic bahut hi bhaya man ko pa yeh is thele par likha kya hai?
ReplyDeleteचांद के ठेले पर अच्छा ठेला जी आपने।
ReplyDeleteथॊड़ा बिजी हूं, नहीं तो जरूर आता आपके ठेले पर! :)
waah ! yah khoob rahi.
ReplyDeleteमैं कल ही सोच रहा था, चॉंद पर इतनी रोशनी क्यों है?
ReplyDeleteमै भी सोच रहा हूँ कि वहां चाँद के धरातल से १०० मील ऊपर एक कलारी खुलवा दूँ . अभी तो चाँद के धरातल तक तो पहुँच नही पाए है सिर्फ़ अपना खटोला १०० मील ऊपर हवा में स्थापित हो जावेगा और एलान करवा दिया कि हम चाँद पर पहुँच गए. राज जी आपकी चाँद कि सोच काबिलेतारीफ है. बहुत बढ़िया
ReplyDeleteभाटिया जी लोन दिलवा देन तो हम भी कुछ सोचे, वैसे भी बिना पड़ोसी के आप ज्यादा दिन हरिया नहीं पाएंगे.
ReplyDeleteधांसु द फ़ांसु आईडिया है!!मगर ठेले के पास एक दुसरा चांद जैसा कुछ चमक रहा है !!देखके भाटिया जी कही रांग नंबर तो डायल नही कर दिया ना !!
ReplyDeletethele wale bhaiyaa chand par bhi apni jani pahchaani poshak me hai
ReplyDeletechanrayaan ke yaatri ye dekh sakte me aa gaye honge
badhaai aapko chandrayaan mission ki
ab bhartiy upgrah diwaali yahi manaayegaa sut katati budhiyaa ke sath, yaa baithe bhaalu ke pass
Bahut badiya.
ReplyDeleteअरे वाह आपका ठेला भी लग गया । अब तो आना ही पडेगा । पर चंदा लगता तो यहीं से सुंदर है ।
ReplyDeleteहिन्दी - इन्टरनेट
ReplyDeleteकी तरफ से आपको सपरिवार दीपावली व नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये