कुछ मजाक हो जाये॥
तीन शराबी नशे मे धुत अपनी मस्ती मे जा रहे थे,तभी उन की नजर एक पोस्टर पर पडी। लिखा था,
नेत्र दान महा दान
अब तीनो ने सोचा चलो हम भी कुछ अच्छा काम कर दे, तीनो सिविल हस्पताल मे चले गये, सामने ही डा० साहिब बेठे थे, गिरते पडते तीनो शराबी पहुचे डा० जी के पास ओर बोले डा० साहब हमे नेत्र दान करने हे,तो डा० ने कहा यह फ़र्म भरओ,तीनो ने कहा डा० जी अब आप ही भर दो, नाम पता सब कुछ लिखा,फ़िर डा० ने पुछा कुछ सन्देश देना चाहते हो, तो एक शराबी बोला जी लिख दो शराबी भी आदमी अच्छे आदमी होते हे, दुसरा बोला शराबी भी समजिक कामो मे बढ चढ कर हिस्सा लेते हे, तीसरा बोला जी इस मे लिख दो,..... यह आंख जिस के भी लगे गी बिन बोतल पिये नही खुलेगी.
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एक बार सभी बुढे लोगो (आदमी ओर ओरतो ) को शक हुआ की आज कल के नोजवान अपनी बीबी के गुलाम बन गये हे, फ़िर उस मुहल्ले के बुढो ने आपस मे मिटिंग की, ओर एक दिन सभी नोजवानो को बुलाया, ओर पुछा, ओये बेशर्मो तुम मे से जो बीबी का गुलाम नही हाथ खडा ,करे, एक नोजवान जिस का शादी अभी अभी हुयी थी उसे छोड कर किसी ने भी हाथ खडा नही किया, तो एक बुजुर्ग ने उसे प्यार से पुछा बेटा तु सच मे बीबी का गुलाम नही ? तो वह नोजवान बोला पता नही मे अपनी बीबी से पुछ कर बताउगा....................
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घणे दिनों बाद नंबर आया चुटकलों का ?
ReplyDeleteमजा आगया ! वापस शुरू करो आप तो
ये चुटकला माला !
हा हा हा हा बहुत अच्छे।
ReplyDeleteमैं सोच रहा हूं अगर उन शराबीयों की तरह दान देते समय फार्म पर कुछ विशेष टिप्पणी लिखनी हो हम ब्लॉगर अगर दान देंने के बाद कैसे कैसे मजेदार टिप्पणी लिख सकते हैं.....
ReplyDeleteदानकर्ता रामपुरिया : दान = बंदर,
विशेष टिप्पणी = जब तक ताई से न मिले बेचैन रहेगा।
दानकर्ता समीर लाल : दान = टिप्पणी फार्म
विशेष टिप्पणी : जब तक टिपिया न लें पानी नहीं पीते
दानकर्ता अनुराग: दान = स्टेथोस्कोप
विशेष टिप्पणी : ज्यादा संवेदनशील होने के कारण बिना स्टेथोस्कोप लगाए मरीज की भावनाएं समझ लेते थे, इसलिये बेकार हो चुकी चीज को दान दे रहे हैं।
दानकर्ता सतीश पंचम: दान = दिमाग
विशेष टिप्पणी : जो चीज पास में न हो उसे देने में कोई गुरेज नहीं।
अब आप सब लोग भी अन्य ब्लॉगर्स का नाम जोडेंगे कि सब मैं ही जोडूंगा :)
कभी कभी ज़िन्दगी उदास कर देती है , कुछ कमी सी लगती है , क्या करे इस का नाम ज़िन्दगी है , लेकिन अब मैं खुश हूँ , हलके फुल्के मज़ाक से ...शुक्रिया आप का ...
ReplyDeleteवाह, चुटकुले पढ़कर मजा आ गया।
ReplyDeleteरक्षा-बंधन का भाव है, "वसुधैव कुटुम्बकम्!"
ReplyDeleteइस की ओर बढ़ें...
रक्षाबंधन पर हार्दिक शुभकानाएँ!
बाकी तो सब ठीक भाटिया जी, पर वो दूसरे वाला चुटकुला पोस्ट करने के लिये भाभी जी से पूछ लिया था ना ?
ReplyDeletepatiya jee din bhar ka tension dur kar diya aapne.badhai aapko
ReplyDeleteवाह बहुत मजा आया।
ReplyDeleteअब सराबी वाला रस्म पूरा हो जाऎगा।
क्यो की वो आंखे भी कीसी सराबी को ही मीलेगा>(हा हा हा....)
भई सतीश पंचम जी थारी चीर फाड़ ताऊ नै
ReplyDeleteघणी सुथरी लागी ! ल्यो भाई इब तीन की चीर
फाड़ हम कर देते हैं ! एक म्हारा बड़ा भाई
सै भाटिया जी ! पहलम अणकी .....
दानकर्ता राज भाटिया : दान = दो पोस्ट रोजाना विशेष टिप्पणी = जब तक दो पोस्ट पब्लिश नही हो खाना नही खाएँगे ! भले ही भाभी जी डंडा उठाने तक पहुँच जाए !
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और यो दूसरा म्हारा छोटा भाई सै !
दानकर्ता योगेन्द्र मौदगिल : दान = कविता
विशेष टिप्पणी = जब तक क्षणिका रूपी लट्ठ नही मार ले , भाई को नींद नही आती !
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और भाई तीसरा म्हारा मित्र पित्सबर्गिया सै !
दानकर्ता पित्सबर्गिया : दान = सामाजिक एतिहासिक गुफ्तगू
विशेष टिप्पणी = जब तक शब्दों की जड़ तक नही पहुंचे तब तक इनको चैन नही पङता !
विशेष :- उपरोक्त आईडिया सतीश पंचम जी का है ! अगर आपको बुरा लगे तो ताई से मेड इन जर्मनी वाला लट्ठ ले के पंचम जी ढुन्ढो ! ताऊ निर्दोष है ! :) फ़िर भी आप तीनों विभूतियों से क्षमा याचना सहित !
bahut badhiya raaj ji kamal ki post hai.
ReplyDeleteआप सभी का धन्यवाद
ReplyDeletebhut badhiya. satish ji ne sahi kaha.
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