अजी सर के बाल तो हम संवार नही पाये सो शर्म के मारे मूंछे भी मुंडवा बैठे ! अब क्या ख़ाक रखेंगे ? आपके मुछन्दरों को देख कर आहें ही भर सकते हैं ! काश......
भाटिया जी, ऐसी मूछें कहॉं से ढ़ूँढ़ लाए आप, आपके सौजन्य सं अपनी पसंद की एक मूँछ(वाला) अपनी पोस्ट पर टॉग रहा हूँ, क्या पता विपरीत परिस्िथतियों में इसे देखकर कुछ प्रेरणा मिले।
नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये
ha ha ha.
ReplyDeleteshandar.. majedar...
kaha se pakad ke laye raj ji..
:)
Bhatia jee aapne Amitaabh Bachhan ki film sharaabi ka famous dialouge yaad dila diya.... muchhen ho to nathhulal jaisi....
ReplyDeleteलोग जैसे अपना ब्लॉग चमकाते हैं वैसे ये अपनी मूंछें चमका रहे हैं!
ReplyDeleteवाह इन मूंछों को देखकर मजा आ गया। धन्यवाद।
ReplyDeleteआप भी रखना चाहते हे ऎसी मुछे ?
ReplyDeleteअजी सर के बाल तो हम संवार नही पाये सो
शर्म के मारे मूंछे भी मुंडवा बैठे ! अब क्या
ख़ाक रखेंगे ? आपके मुछन्दरों को देख कर
आहें ही भर सकते हैं ! काश......
vaah!बहुत बढिया तस्वीरे पेश की हैं। इन्हे देख कर एक गाना याद आ गया-
ReplyDeleteतेरी मूछों के सिवा दुनिया में रखा क्या है.....:)
क्या बात है ? ये हुए असली मर्द !!
ReplyDeleteअच्छी तस्वीरें संग्रह की है आपने...:)
ReplyDeleteraj ji
ReplyDeletepictures evam photographs ka alag bunch bana lijiye
हा हा!! मुछाड़ी पोस्ट.
ReplyDeletethis post is truly ..funny ! :)
ReplyDeleteRaj jee namskar
ReplyDeletephoto tu yakinan shandar hai.
mere blog per visit karene ka sukriya. iske sath he mai apne blog per aap ko amentrit karta hoon.
राज भाटिया साहब !
ReplyDeleteअगर आप भी युवा वाले दौर से गुजरे होंगे तो यह पता ही होगा कि भैया और भाभी जैसे शब्द दोस्तों द्वारा जबर्दस्ती थोप दिये जाते हैं
और हाँ दुनिया में केवल दो ही शरीफ़ हैं एक मैं (यह आपने बताया) दूसरे का पता नही
लेकिन मुझे पता है
वह आप ही हैं
:) :)
वैसे मूँछें अच्छी लगी … आप भी रखना शुरु कर दीजिये :) :)
Muchhe bhut badhiya hai.
ReplyDeleteNice collection.
ReplyDeleteभाटिया जी, ऐसी मूछें कहॉं से ढ़ूँढ़ लाए आप, आपके सौजन्य सं अपनी पसंद की एक मूँछ(वाला) अपनी पोस्ट पर टॉग रहा हूँ, क्या पता विपरीत परिस्िथतियों में इसे देखकर कुछ प्रेरणा मिले।
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