11/07/08

दुखी रहने के आसान तरीके

चलिये आप को दुखी रहने के आसन तरीके बता दे,ध्यान देवे कही इस लेख से उलटा कर के सुखी रहने के आसान तरीके मत सीख लेना, यह मन्त्र बाबा पखण्डा श्री श्री चारसॊबीस महाराज के बोल वचन हे.. तो पढिये बाबा के बोल वचन...
१. कभी भी पति का कहना मत मानो, शादी नही हुई तो पति के स्थान पर पिता कर ले (महिलाओ के लिये,)
२. पुरषो के लिये वीवी की हर बात मे कमी निकालो,उस के मां बाप की तारीफ़ मत करो, साली की तारीफ़ मे जमीन आसमान एक कर दो,
३,दुसरे की तरक्की देख कर खुब जलो, हो सके तो अपनी लगी लगाई नोकरी छोड दो.
४. दुसरो की खुशिया देख कर जलो भुनो
५, बेंक से इतना कर्जा ले लो जो इस जनम मे चुका ना सको, ओर उस कर्जे से खुब ऎश करो.
६. पडोसियो से कभी भी सीधे मुंह बात ना करो, बल्कि उन्हे जली कटी कहते रहॊ,
७, अगर बांल्ग जगत से कोई वास्ता हे तो अपने लेख मे सब के बिरुध खुब जहर उगलो ,ओर हर किसी की तांग खींचे,जली भुनी टिपण्णी दे.
अगर फ़िर भी दुखी नही हुये तो..
८.हर समय किस्मत का रोना शुरु कर दो.
९.साधु सन्तो को खुन दान दो (घर मे चाहे खाने को भी ना बचे)
१०. साधु सन्तो की सेवा मे जीवन बीता दो पति या पत्नी जाये भाड मे.
११, अगर सास ननद, जेठानी, देवरानी हो तो उस से खुब जली कटी सुनाओ, हो सके तो उस के माता पिता को भी लगे हाथो सुना दो, अगर यह सब ना हो तो घर के नोकरओ को ही पकड कर लडॊ, सब भाग जाये गे फ़िर दुख ही दुख.
१२. मर्द लोग पडोसन की तारीफ़ हर समय करे, वीवी अगर भुल से भी नमक कम डाल दे तो जमीन आसमान एक कर दे.
१३. पडोसन चाहे बीस मन की ही क्यो ना हो ,हमेशा उस की चाल की, कमर की, जुलफ़ो की यानि हर बात मे पडोसन की झलक हो, वीवी चाहे गुणो की खान भी क्यो ना हो, उसे (वीवी) अनदेखा करे, अगर दुखो से अभी भी मन ना भरे तो...
१४. रोजाना शाराब पीनी शुरु कर दो, अगर शराब ना मिले तो स्कांच, दारू, भांग,रम, बीयर यानि जो मिले जम के पियो फ़िर घर आओ, अगर अभी भी कुछ कसर बच गई तो ..
१५, जुये की आदत डाल लो शर्म मत करो जो हाथ मे आये उसे दांव पर लगा दे,
अगर कोई ओर कसर बची हो तो मेरे से या बाबा जी से पूछ सकते हे,
वेसे आप सभी समझ दार हे, आप भी इस बारे अपनी अपनी राय दे सकते हे,तो आप की अच्छी अच्छी राय के लिये दिल के दरवाजे खुले हे, हो सकता हे आप की कीमती राय किसी सुखी भाई के काम आ जाये, ओर वह आप को दिल से दुया दे,

7 comments:

  1. सब पुराने कायदे हैं, एक भी पसंद न आया। जरा फड़कता हुआ कोई नया कायदा बताइए।

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  2. राज भाटिया जी
    मुझे बहुत देर तक गलतफहमी थी कि आप सुखी रहने के तरीके बता रहे हैं। फिर जब थोड़ा पड़ा तो छोड़ दिया आगे पढ़ना। यह दुखी होने के तरीके तो लोग पहले ही अपना रहे हैं आपने इतनी परेशानी क्यों मोल ली? बहरहाल ठीक है अच्छा किया हो सकता है कुछ लोग आत्म मंथन कर अपना जीवन सुधारें।
    दीपक भारतदीप

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  3. वाह बहुत बढ़िया। आपने बहुत सुन्दर रूप में सुखी रहने के नुक्से बता दिए। कहने का ढ़ंग बहुत अच्छा है।

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  4. शोभा जी धन्यवाद आप मेरी भावना को सही समझी,दिनेश जी ओर दीपक जी आप सभी का धन्यवाद

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  5. Saare ajama kar dekhe, hum to aur sukhi ho gaye ji. :)

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  6. वचन सत्य हे जिसकी समाज में आया वो महान और जिसकी समाज में नही आया वो बेईमान

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  7. वचन सत्य हे जिसकी समाज में आया वो महान और जिसकी समाज में नही आया वो बेईमान

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