आज घुमते घुमते कुछ ऎसा हाथ लगा कि मे झुमने लगा, फ़िर खुब मस्ती मे झुमा, तो आप भी मजा लिजिये इस खुबसुरत आवाज के मलिक के मुख से एक खुब सुरत कब्बाली.. नुसुरत फ़तेह अली खान ओर साथियो की आवाज मे..
ये जो हल्का हल्का सुरुर हे,ये जो हल्का हल्का सुरुर हे, ये तेरी आंखो का कसूर हे
वाह ! मस्त कर दिया भाई सुबह सुबह. बहुत सुंदर. शुक्रिया.
ReplyDeletebahut aanand dayak hai aap ka blog...aap ki jay ho
ReplyDeleteमीत जी ओर बोधिसत्व जी आप सब का धन्यवाद
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