बच्चो नमस्कार,कया हाल हे,पढाई केसी चल रही हे, रोजाना अगर थोडा थोडा भी ध्यान से पढो गे तो तुम्हे मुस्किल नही होगी अच्छे नम्बर मे पास होने के लिये, चलो अब कहानी का समय हो गया तो सुनो एक कहानी...
एक सेठ था, बहुत अकड वाला, लोगो का खुब खुन चुसता, यानि सब को लुटाता था,ज्यादा पेसा लेना समान कम देना, अपने नोकरो को भी वेतन कम देता ओर काम खुब लेता,अब बेचारे लोग भी कया करते सब कुछ जानते हुये भी मुसिबत मे इस सेठ के फ़सं जाते,कहते हे ना भगवान के घर देर हे अंधेर नही,सेठ के पास पेसा तो बहुत था, लेकिन उसे एक दुख भी था, जिसका अभी किसी को पता नही था, इस सेठ ने तीन बार शादी की,लेकिन बेचारे की किस्मत उस की तीनो बीबीया तोतली थी,जिस के कारण सेठ लोगो मे कम ही परिवार के साथ मिलता था,
एक दिन किसी कर्ज दार ने सेठ जी से कहा सेठ जी एक लडकी हे बहुत ही सुन्दर, रुप की रानी हे,स्वभाव भी बहुत अच्छा हे, बस थोडे गरीब हे, आप चाहॊ तो आप की बात चलाये,अब सेठ तो अपनी तीन तीन तोतलियो से तगं था, कुछ सोच कर बोला,हां बात चलाओ, लेकिन पहले मे देखुगां, कर्जदार ने कहा सेठ जी मुझे कया मिले गा, तो सेठ ने कहा आज से तुमहारा कर्ज माफ़,
दुसरे दिन वो आदमी सेठ को एक घर मे लेगया,ओर घर वालो ने सेठ जी की बहुत सेवा की, फ़िर सॆठ जी ने लडकी देखी,ओर सच मे लडकी खुब सुरत थी, ओर शर्मिली भी, सेठ जी ने कई सवाल उस से पुछे लेकिन हर बार लडकी शर्म के मारे चुप रही,ओर सेठ जी ने जल्द ही उस से शादी कर ली, लेकिन शादी के बाद भी लडकी नही बोली, सेठ ने खुब कोशिश की लेकिन लडकी नही बोली ( लडकी तो तोतली थी ओर उस के मां बाप ने उसे समझा दिया था ) अब सेठ ने सोचा यह तो गुंगी हे,तभी वहा से एक चुहिया नई बीबी पर कही से आ कर गिरी ओर वो डर के मारे बोली बततो बततो तुईया बततओ बततो तुईया, ओर सेठ उस की आवाज सुन कर अपने भाग्या को कोसने लगा की एक ओर तोतली पल्ले पड गई,उस सेठ के सारे सपने चकनाचुर हो गये, सेठ ने सोचा था नई बीबी से मिठ्ठी मिठ्ठी बाते करुगा लेकिन यह भी तोतली हे राम, लेकिन सेठ ने यह बात सब से चुपा कर रखी थी,
एक दिन सेठ जी के घर पर उस का जिगरी दोस्त अपनी बीबी के साथ आया,दो दिन के बाद बोला सेठ तुम्हारी चारो बीबी कया तोतली हे, सेठ ने कहा नही तो, लेकिन तुम ने यह क्यो पुछा, ( सेठ ने अपनी चारो बीबीयो को पहले ही मना कर दिया था की जब तक मेरा दोस्त ओर उस की बीबी यहां रहे मुहं मत खोलना, वरना..... लेकिन सेठ का दोस्त ओर उस की बीबी भी बहुत चालाक थे, सो उन्होने सोचा जाने से पहले सेठ की बीबीयो का राज जरुर जानाना चहिये,
सभी रात का खाना खा रहे थे, ओर सेठ का दोस्त बहुत अच्छी अच्छी बाते ओर चुटकले सुना रहा था, लेकिन चारो बीबी चुपचाप बेठी उस की बाते सुनती ओर चुप रहती, तभी दोस्त की बीबी के दिमाग मे एक तरकीब आई, उस ने कहा आज तो मजा आगया कितनी अच्छी पुरियां हे, अरे यह किसने तली हे, अब पुरियो की तरीफ़ सुन कर पहली बीबी खुश हो गई ओर पति का वचन भुल कर बोली * दे तुरिया तेने तली हे, (यह पुरिया मेने तली हे )उसे बोलता देख कर दुसरी बीबी झट से बोली तेरे तो तना किया था तिर तु त्यो तोली (तेरे को मना किया था फ़िर तु क्यो बोली ) अब तीसरी बीबी को बहुत गुस्सा आया, कि पति के मना करने पर भी यह दोनो बोली, ओर अपने को सयाना समझ कर वो भी झट से दोनो को गुस्से मे बोली .. ते तोली तो तोली आप तोनो त्यो तोली ( यह बोली तो बोली आप दोनो क्यओ बोली,
अब चोथी बीबी मन ही मन मे सोचने लगी यह तीनॊ तो महामुर्ख हे मना करने पर भी बोली, अब तो सेठ जी के दोस्त कॊ इन तीनो का पता चल गया यह तीनो तोतली हे,ओर मन ही मन बहुत खुश हुई ओर इसी खुशी मे उस ने कहा मे तो तोली ताली ही नही(मे तो बोली चाली ही नही ) ओर उधर सेठ जी ओर उस के दोस्त ओर उस की बीबी खुब खिलखिला कर हसने लगे.
तमात्प
राज जी
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ख़ूबसूरत कहानी है आनंद आ गया . इस कहानी को पढ़कर बचपन याद आ गया दादी इसी कहानियाँ खूब सुनाया करती थी . अच्छी कहानी बांटने के लिए आपका आभारी हूँ
:):)bahut hi badhiya kahani hai.
ReplyDeletemaja aa gaya.laga bachpan laut
ReplyDeleteaaya
तहुत ही तछी तहानी है (बहुत ही अच्छी कहानी है..)
ReplyDeleteआनंद आ गया.. भाटिया साहब..
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद,
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