06/03/08

वे कहते हैं कि यह विशुद्ध आस्था है, कोई अंधविश्वास नहीं

भारत मे जनसख्या के साथ साथ देवताओ की भी सख्यां बढ रही हे,ओर हम पढ लिख विशुद्ध आस्था रखते है, कोई अंधविश्वास नंही,

लोग तो बाते करते ही हे,लोगो की बात यहां पढे,

2 comments:

  1. हम को मालूम है जन्नत की हक़ीकत लेकिन,
    दिल को खुश रखने को ग़ालिब ये ख़याल अच्छा है।

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  2. दिनेश जी धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये.

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नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये