मैं अकेला ही चला था जानिबे मंजिल मगर
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया
04/02/08
ध्यान से देखॆ देखे कया माजरा हे
चिठ्ठे पढ कर थक गये हो तो थोडा, आंखॊ की कसरत यहां कर ले,कया कहा यह घुम रहे हे ? जी, नही घुम रहे, जी कया कह रहे हे आप, भाई ध्यान से देखो....फ़िर बोलो घुम रहे हे या नही ?
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sach mein ghuum rahe hain--!amazing picture
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