मैं अकेला ही चला था जानिबे मंजिल मगर
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया
19/02/08
कहे झुम झुम रात ये सुहानी
एक ओर नग्मा आप की नजर देखिये,ओर दिल ही दिल गुनगुनाये,यह नग्मा लिया हे फ़िल्म लव मेरिज से जो बनी थी १९५९ मे सितारे * देव अनंद, माला सिन्हा,लिखा हे शेलेन्द्र जी ने, संगीत से सवांरा हे शकंर जयकिशन जी ने,ओर मधुर कोयल सी आवाज लता जी की हे. तो सुनिये...
जरा देखिये तो माला सिन्हा का चेहरा !खूबसूरत चेहरे आज भी हैं पर.........ये बात किसी में नही.इन चेहरों से नजर नही हटती. देवानंद साहब का जादू भी सिर चढ़ कर बोलता था.अदाएं भी दिलकश लगती थी..............उस पर ये गाना????? गाना भी बहुत प्यारा.बारिश के इस मौसम में गरम गरम चाय हो और आँखे मूँद कर सूना जाए ऐसे ही गानों को.मजा आ जायेगा जिंदगी का हा हा हा
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जरा देखिये तो माला सिन्हा का चेहरा !खूबसूरत चेहरे आज भी हैं पर.........ये बात किसी में नही.इन चेहरों से नजर नही हटती. देवानंद साहब का जादू भी सिर चढ़ कर बोलता था.अदाएं भी दिलकश लगती थी..............उस पर ये गाना????? गाना भी बहुत प्यारा.बारिश के इस मौसम में गरम गरम चाय हो और आँखे मूँद कर सूना जाए ऐसे ही गानों को.मजा आ जायेगा जिंदगी का हा हा हा
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